18 June 2020

● माटी के लाल हैं ये ●

जहाँ देखे फौरन जय हिंद के उद्द्घोष के साथ सैल्यूट करें ! ये मनोबल ही उनके रक्त में उबाल रखेगा...
किसी भी आर्मी के परिवार को कोई दिक्कत हो फौरन हमें मदद करना है ! बस, ट्रेन, एयरपोर्ट कही भी कोई जवान दिखे पूरे सम्मान के साथ सीट पर बिठायें ! 
आसान नही है मित्र सैनिक होना... 


5 से 6 डिग्री में लूज़ मोशन हो जाता यहां, जबकि -40°C में बंदूक के साथ 40 kg वजन लेकर कोई महामानव ही खड़ा रह सकता !
इन्होंने 17000 ft की ऊंचाई पर लड़ाई लड़ी है ! जहां आप आसानी से सांस नही ले सकते वहाँ हमारे वीरों ने स्वाभिमान बचाया है ! युद्ध में गिनती गिनना कायरता मानी जाती है, बस परिणाम देखा जाता है ! सिकंदर के विशाल फौज के साथ पोरस का युद्ध हुआ था, पोरस की बहादुरी से डरकर विश्वेजेता की सेना ने आगे ही बढ़ने से मना कर दिया !


चीन की अवकात ही क्या है ? दुनिया का एक मैनुफैक्चरिंग हब बस ! 
कितनी युद्ध लड़ी है चीन ने 1962 के अतिरिक्त ? वो भी भारत की थल सेना से जिसका राजनीतिक नेतृत्व फट्टू और कमजोर लोगों के हाथों में था ! मार्शल आर्ट और कुंग फू के सिनेमैटिक एक्शन से युद्ध नही जीते जाते 4 फुटिये ! जिगरा चाहिए जिगरा !
तो सुन, ये वो भारत है जिसकी प्रतिदिन कश्मीर में युद्ध चलती है ! हमारी फौज हर दिन युद्ध करते करते पारंगत हो चुकी है ! 


यूँ नही हमारे 20 तुम्हारे 40 पर भारी पड़े ! 
हमें युद्ध का तनिक भी भय नहीं, वीर जन्मती है यहाँ की माताएं ! तिरंगे में लिपटे लाल को सलामी देती है... पिता पोते को भेजने की कसमें खाता है ! उस वीर की वीरांगना वर्दी पहने फिर लड़ने आ जायेगी... तब क्या करोगे तुम !
साम्यवादी मंसूबों को चीन तक रखो तो बेहतर है ! 
तिब्बत, अक्साई चीन की कसक हर हिंदुस्तानी के दिल में है ये याद रखना !
और हमरे भोले बाबा को कैलाश... अरे पैदल चल देंगे बाबा के दर्शन को... तांडव हो जाएगा पगले !!!
#जय_हिन्द 🇮🇳🇮🇳🇮🇳