10 February 2020

सम्भलना होगा !


मोदी 2.0 को देश की सबसे जटिल समस्याओं को दूर करने के लिए इतिहास में याद रखा जाएगा ! देश की राजनीति में जनता की जागरूकता लोकतंत्र की सबसे मजबूत नींव होती है ! बीजेपी की एक के बाद एक हार वो भी तब जब 6 महीने पहले ही प्रचंड बहुमत से सत्ता में काबिज हुए हों ! उसके बाद एक के बाद एक फैसले जिसका सपना पिछले 70 सालों से देखा जा रहा था उसे पूरा करने के बावजूद भी जनता पटखनी दे रही है !

हिंदुत्व है, भगवा चोला है और देशवासियों का भरोसा भी ! फिर भी ऐसा क्यों ?
मतलब साफ है कि लोगों ने केंद्र और राज्य के चुनावों का अपना पैमाना बना लिया है ! देश को सुरक्षित हाथों में दो और राज्य को मुफ्त सुविधाएं मुहैया कराने वाले को !

ये भारत की राजनीति का एक अच्छा संकेत है कि अब चुनाव में सम्भवतः गरीबी, स्वास्थ्य, सड़क, पानी और बुनियादी सुविधाओं पर नेताओं का जोर ज्यादा रहेगा ! इसका सारा श्रेय मोदी और शाह को जाता है जिन्होंने राजनीति को बिल्कुल उलट दिशा में मोड़ डाला है !

इसका मतलब ये कतई नही की बीजेपी के नाम पर जनता किसी राज्य में हर अंधे, चोर चोट्टों और दलालों को वोट दे दे !

सम्भलना होगा ! चुनाव सुधार कराना होगा ! अन्यथा जनता सर्वोपरि है !

क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के फीडबैक पर टिकट बांटें !
पैसे देकर टिकट बांटने की व्यवस्था बंद करें !
नचनियों बजनियों को जनता के सिर पर लादने से बचें !
जब पब्लिक सेंटीमेंट में काम कर रहे तो प्रचार की फिजूलखर्ची क्यों !
मैसेज कॉल की कोइ जरूरत नही ! आपने काम किया जनता खुद वोट करेगी !
गुंडे मवालियों को पार्टी से बाहर करो !
हर राज्य, क्षेत्र में गरीबों को चेहरा बनाओ, नेता बनाओ !
जनता पर सीधा असर करता है !
हर नेता को अपने क्षेत्र में रहना घूमना अनिवार्य करो !
सरकारी दफ्तरों में घूम घूम जनता का काम कराने की आदत दिलवाओ नेताओं की !

लाव लश्कर से चलने की आदत बदलो ! आम दिखने वाले नेताओं को तवज्जो दो !
बहुत सारी सुझाव हो सकती है परन्तु मानेगा कौन !
लेकिन बदलना होगा !


साम्राज्य मिला है तो उपयोग कीजिये ! 6 महीने में बेहतरीन शिकारी की तरह टारगेट हिट किया है !
इसी रफ्तार बनी रहनी चाहिए ! भरोसा है देश अगले 4 साल सही हाथों में है ! 
मगर समस्त भारतवर्ष में प्रतिनिधित्व चाहिए तो कार्यशैली बदलनी होगी !

कार्यकर्ताओं के चरण पखारने होंगे ! व्यवस्था बनानी होगी कि कोई प्रदीप सारंगी ही जनता का प्रतिनिधित्व करे !
ये सत्ता बहुत मुश्किल से मिले हैं महाशय ! 
अन्यथा जयचंदों के बीच से कोई पृथ्वीराज चौहान सत्ता के सिहांसन पर कैसे काबिज हो पाता !
सम्भलना होगा ...



06 February 2020

सिंहासन

ये फिजाएँ हिंदुस्तानी है ! यहाँ कि मिट्टी वीरों को पैदा करती है ! वीरता उस कोख से जन्म लेती है जहाँ की माताएँ रक्त चंदन का तिलक लगा बेटों को बोर्डर भेजती है !

शेर अकेला चलता है ! जंगल का सन्नाटा ही शेर की मौजूदगी बयां करता है ! ध्यान रहे की उसी वीरता का ध्वजवाहक आज सिंहासन पर बैठा है ! राष्ट्रवाद का रस पी के देखो... आंखों में भांग सा नशा छा जाता है, चाल शेरों सी हो जाती है !

आजादी जिगर से आती है गले फाड़कर चिल्लाने से नही !
अधिकार मेहनत से मिलती है टैक्सपेयर्स के खैरात से नही !
शिक्षा संस्कारों से निपुणता प्राप्त करती है, राजनीति से नहीं !


खूब लगा लो आजादी के नारे, मगर एक बार तो बकलोलों सिंहासन पर बैठे शेर की तरफ देख लो ! आजादी देगा, खूब देगा, मन भर भर मतलब देगा, मांगने से कही ज्यादा और जबर्दस्ती देगा मगर याद रहे ये आजादी देश के लिए होगा !


जिस राजा का मंत्री निडर हो उसका राज्य हमेशा प्रगतिशील होता है ! बौद्धिकता की शह पर आधुनिकता के हिंसक पंजे से देश को लहूलुहान करने वाले संभल जाएं ! बार बार दिख रही आजादी की ये ट्रेलर कुछ संकेत कर रही है !
भूल जाओ अपना झूठा इतिहास ! कुत्ते की तरह चंद रोटियों के लिए देश का भूगोल बदलने वाले दोगलों सावधान रहें ! याद रहे कि जंगल का राजा सिर्फ शेर होता है ! वही शेर जो चुपचाप शिकार करना जानता है ! जिसकी दहाड़ अजीब सी सन्नाटा पैदा करती है !
संभल जाओ ! बुढ़ापे तक इस सेनापति के नाम से कांप उठोगे!
क्यों फिजाये बदली हैं ! ये भूमि की हरियाली, आसमान की लालिमा और न्याय का चक्र जीवंत हो उठा है !


बदलेगा बहुत बदलेगा ! लम्बा वक्त है ! इतिहास बदला जा रहा है !बस ध्यान से देखते रहिये उस सिंहासन की तरफ जहाँ का राजा कैसे इस मिट्टी के साथ न्याय कर रहा है !

ये हिंदुस्तान है जनाब, सभी का खून शामिल है यहाँ की मिट्टी में ! किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े है ! धैर्य रखिये सबकी बजेगी ! बजने की शुरुआत हो चुकी है... सबकी बराबर बजेगी...
किसी के बाप का डंडा थोड़े है...
Image result for राष्ट्रवाद imageजय हिंद 

आंदोलन का स्वार्थ


देश के भीतर चल रहे छद्म आंदोलनों की आड़ में धार्मिक स्वार्थ साधने की मनमानी लोकतंत्र को खोखला कर रहा है ! CAA कानून को हथियार बनाकर डफली और आजादी गैंग ने देश के माहौल को जिस तरह से खराब करने की साजिश रची है वो हमारी पीढ़ियों के लिए एक खतरनाक संकेत है !


अपनी मिट्टी अपनी मातृभूमि को गरियाने की विचारधारा राष्ट्रवादी सरकार के रहते कैसे पनप रही है ? यह मसला न केवल संवेदनशील है बल्कि देश के हर उस आम और खास से जुड़ी है जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उसी सरकार के पास है जिसके नाक के नीचे हमारी भारत माता को गालियां दी जा रही है !क्या अब यह देश JNU, जामिया और AMU के उन कट्टरपंथी बुड्ढे वामपंथियों और देशद्रोहियों के इशारों पर चलेगा जो पाकिस्तान के नक्शेकदम पर चलने की चाहत रखते हैं !


हमारी व्यवस्थाएं इतनी पंगु हो चुकी है कि सिर्फ 3 यूनिवर्सिटीज के छात्रों की मनमानी के आगे राष्ट्रवादी सरकारी मौन हो जा रही है ! वो भला है कि गृह मंत्रालय शाह के पास है नही तो ये सभी तांडव मचाने से बाज नही आते !


मोदी सरकार जिस राह पर चल रही है वो कभी सपना था हम भारतवासियों का !एक के बाद एक जटिल समस्याओं के जड़ में मट्ठा डाला जा रहा है ! बिल्कुल चाणक्य नीति का अनुसरण करते हुए हमारी मतों का इतना सम्मान !ओह... वाकई लोकतंत्र में एक सही नेता का चयन पीढ़ियों तक को समस्या से निदान दिला सकती है ... 

यकीनन इस भूमि की मिट्टी को माथे पर लिपकर फक्र करने का मन करता है की सचमुच यह वही भारतवर्ष है जहाँ महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और सावरकर जैसे वीरों से सिंचित भारत माँ का आँचल है !


चरमपंथी संगठनों से निपटने की प्रक्रिया बस कश्मीर स्टाइल में होनी चाहिए ! पुलिस को बेखौफ छूट दो देश के अंदर जैसे योगी महाराज ने दे रखी है ! उपद्रवियों से निपटने में पुलिस को ट्रेनिंग की जरूरत महसूस होती है ! National security act का सही से क्रियान्वयन होना चाहिए !


देश के अंदर ये शाहीनबाग कैसे पैदा हो जा रहे हैं ? कौन शह दे रहा है इन्हें ! सरकार का विरोध बेशक होना चाहिए परंतु राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले पर विरोध देशद्रोह के पैमाने में होना चाहिए ! सरकार मूकदर्शक क्यों बनी है...वोट जिसने दिया वो हमेशा साथ खड़ा रहेगा, वादे निभाने वाली सनातन परंपरा से हैं... निष्ठा पर कोई शक नही होनी चाहिए !


दनादन फैसले लीजिये ! हमने पहली बार सत्ता का सदुपयोग करने वाली सरकार को देखा है ! माना कि राजनीति गंदी है लेकिन राष्ट्र के लिए निर्णय लेने वाले ऐसी सरकार के ऊपर हमारा मत हमेशा न्यौछावर रहेगा !याद रखिये की कॉलेजियम प्रणाली,जनसंख्या नियंत्रण, एकसमान कानून की राह में हम पालक पाँवड़े बिछा देंगे साहेब !जय हिंद  


विश्वगुरु विवेकानन्द

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स्वामी विवेकानन्द, एक युवा जिन्होंने अपनी प्रखर वाणी से दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया था! शिकागो धर्म सम्मेलन का वो मंच जिसने हिंदुत्व से न केवल परिचय कराया बल्कि दुनिया को हिन्दू जीवन पद्धति के सिद्धांतों और आदर्शों से रूबरू कराया ! हिंदुत्व की सहिष्णुता को शब्दों से बयां करना बेहद आसाधारण है मगर स्वामी की प्रतिभा ने इसे शब्दों में पिरोकर विश्व मंच पर सजा दिया ! वाकई ये अनुभूति शानदार होगी ! उनके लिए तालियों की गड़गड़ाहट रोमांच पैदा करती है ! सरस्वती का ज्ञान से आलिंगन, वाकई ये संयोग अप्रतिम है !

क्या हम वर्तमान परिस्थितियों में ऐसे किसी नरेंद्र दत्त की परिकल्पना कर सकते हैं ? एक ऐसे युवा की कल्पना मात्र भी हमारी क्षमताओं में संदेह उत्पन्न करती है ! वाकई हमारा इतिहास ऐसे महापुरुष का ऋणी रहेगा जिसने भविष्य को पथप्रदर्शित किया ! मध्यमार्गी हिंदुत्व जीवन शैली के जरिये संसार के सभी धर्मों में श्रेष्ठ साबित कर देना भारतवर्ष की स्वर्णिम उपलब्धि है !ये शिकागो सम्मेलन की महानता नही है बल्कि उस चेतना की साक्षात अनुभूति है जो आज भी विवेकानन्द को स्वामी के रूप में पाकर धन्य हो जा रहे हैं ! 

भारतवर्ष महापुरुषों का धनी रहा है ! एक से बढ़कर एक वीर, धनुर्धर, आचार्य, राजनीतिज्ञ और समाजसेवी हुए मगर विवेकानन्द हो जाना सिर्फ नरेंद्र दत्त को नसीब हुआ !ऐसे महान महापुरुष का भारतवर्ष हमेशा ऋणी रहेगा ! उनके विचार सदा युवाओं के लिए पथप्रदर्शक बने रहेंगे !

जय हिंद