22 October 2016

इस्लाम की दुर्गति से शर्मशार मानवता

सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक, बहुविवाह और सामान अधिकार के मसले पर चल रही बहस ने एक साथ कई राजनीतिक संभावनाएं उत्पन्न कर दी है| इस्लाम के रीति-रिवाजों और धार्मिक परम्पराओं में रची-बसी अमानवीय नियमों को आधुनिक जीवन-शैली में उतारना बेहद मुश्किल है| तमाम मौलानाओं, मौलवियों और इस्लामी धर्गुरुओं की बेहूदा तर्क के आगे इस्लाम शुन्यता की ओर जाता दिखता है| मुस्लिम महिलाओं के मानवीय अधिकारों की रक्षा शरियत और इस्लामी कट्टरवाद से संभव नहीं दिखती| भारत जैसे राष्ट्र में तीन तलाक की पेचीदा और गैर-व्यवहारिक व्यवस्था से मुस्लिम महिलाओं का जहाँ मानसिक-शारीरिक उत्पीडन हो रहा है वहीँ बहुविवाह और दोयम दर्जे के अधिकार के कारण अधिकतर मुस्लिम परिवारों में महिलाएं संकटों से घिरी हैं|
                                                                                          
दुनिया इस्लामी कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हो रही है| ट्रंप का उभरना इस्लामी कट्टरपंथी विचारधारा की देन है जिसने मुसलमानों के विरूद्ध एक अलग जंग छेड़ रखी है| दुनिया में पकिस्तान, ईरान, अरब जैसे इस्लामी देशों की कानूनों से शरियत हटाकर जरूरी बदलाव किये गए हैं फिर भी हमें देश के भोंदू और मुर्ख मौलानाओं के विरोध में उनकी धार्मिक कट्टरपंथ साथ दिखाई देता है| तीन तलाक, समान कानून की छिड़ी बहस में नीतीश, लालू, मुयालम या मायावती जैसे नेताओं को कूदकर शरियत का समर्थन करना, इन पार्टियों और नेताओं में बौद्धिकता और समझ की कमी को साफ़ दर्शाता है| ये नेता न जाने मुस्लिम अगुवाई के दम पर दिल्ली पहुँचने का सपना कैसे पाल बैठते हैं? जैसे हाल ही में जदयू ने नीतीश को दिखाया| पर शायद ये नेता और मौलानाएं ये भूल रहे हैं की इन नियमों का जबरदस्त व भारी विरोध में मुस्लिम महिलाएं ही हैं जो सुप्रीम कोर्ट भी गई हैं| इस मसले की रायशुमारी में अरसे से मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिलाने को लेकर हिन्दुओं का जबरदस्त समर्थन प्राप्त है जो देश में समान नागरिक कानून का पक्षधर भी है|

Image result for muslim triple talaq imageयाद रखें की विपक्षी पार्टियों की मुसलमानपरस्ती भाजपा और मोदी को मई 2014 की ओर ले जा रही है| हिन्दू फिर से गोलबंद हो रहे हैं, ऊपर से सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भाजपा और मोदी की जनता और हिन्दुओं में जो गहरी पैठ बनी है उसका असर 2019 की चुनावों में दिखेगा| राम मंदिर पर हो रहे हल्ले ने यूपी में एक अलग माहौल बनाया है, वहीँ मोदी के विजयादशमी पर लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे ने कार्यकर्ताओं और संघ प्रचारकों में नया उत्त्साह फूंक दिया है| वो भाजपा के पक्ष में हिन्दुत्त्व के बल पर मतदाताओं को लामबंद करेगे... नतीज़न विपक्षी पार्टियाँ अपनी छवि हिन्दू विरोधी की बनाती जा रही है|

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Image result for muslim triple talaq imageइस तरह तीन तलाक जैसे शरियत कानूनों में बदलाव और व्यापक सुधारों से ही मुसलमानों को वापस ढर्रे पर लाया जा सकता है| उन्हें महिलाओं और मानवता के प्रति उन्मादी और उग्र होने से बचाया जा सकता है| नहीं तो उलुलजुलुल और फ़ालतू से तर्कों से ये मौलानाओं की बोर्ड न सिर्फ इस्लाम बल्कि अपने कट्टरपंथ से मानवता को मिटाने की बेवकूफी भरी कोशिश भी करेंगे, जिसकी झलक सीरिया में है... इसलिए वे धर्म से बाहर आकर हिन्दुओं की तरह अपना भविष्य सोंचें या फिर धर्म के उन्माद में, मौलवियों के बहकावे में आकर अपना अस्तित्व मिटा लें...

लेखक:- अश्वनी कुमार, जो ब्लॉग पर ‘कहने का मन करता है’ (ashwani4u.blogspot.com) के लेखक हैं... ब्लॉग पर आते रहिएगा...



17 October 2016

मोदी: भविष्य का मर्द विश्व नेता

Image result for modi aggressive imageप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति, उनके सपने और भारत को सशक्त बना देने का जूनून वैश्विक परिदृश्य में उनके विश्व नेता बनने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है| उनकी अपनी मर्द छवि पाकिस्तान और आतंकवाद के सहारे दुनिया को दिख रही है तथा निश्चित तौर पर भविष्य में कई फैसलों से दिखेगी भी| ये बिलकुल सही है की भारत कभी इजराइल नहीं बन सकता और उसमें रूस जैसी भयानक बमबारी कर आतंक का खात्मा करने का हौंसला आना मुश्किल है लेकिन आतंक से इंसानियत की जंग को मोदी के बलबूते भारत जीत सकता है| इतना भरोसा हम भारतीयों में पैदा कर देना भर ही हमें सुकुन दे गया|

जब भी विदेशी या पडोसी मीडिया में भारत की बात आती है तो नरेन्द्र मोदी की आक्रामकता और कामकाज के तरीकों की काफी सराहना की जाती है| दुश्मन देशों से आवाज आती है की वहां अब मनमोहन नहीं मोदी बैठा है| क्या विश्व धुरी की महाशक्तियां अमेरिका, रूस और चीन के अलावे चौथी महाशक्ति या विश्व नेता बनने के लिए भारत सक्षम है? जवाब हाँ में तो है लेकिन स्थायी परिषद से दूर चौथी महाशक्ति का दर्जा परोक्ष रूप से भारत के ही पास है फिर भी दुनिया और यहाँ तक की एशिया व पडोसी देश हमें और हमारी राय को प्रभावहीन मानते, समझते रहे हैं| भारत के नेतृत्व में एक सकारात्मक ऊर्जा, प्रभावशाली फैसलों और 56 इंची सिने का दम की कमी लम्बे अरसे से महसूस की जा रही थी| मोदी की विदेश व आर्थिक नीतियाँ कुटनीतिक मसले पर इतनी प्रभावी हुई की आज अमेरिका, रूस व चीन जैसे देश पिछलग्गू बने फिर रहे हैं| हालत और वजह चाहे जो हो पर हकीकत बदली है|

Image result for modi world leaderअपने दोनों बिगडैल पड़ोसियों को साधने की जहमत में हमने कई बार धोखे खाए, खुद को घायल करवाया लेकिन, सरकार ने कभी सेना को उसी के अंदाज में ठोकने नहीं दिया| पर, मोदी ने किया और वे हीरो भी बने, राजनीति भी हुई और चुनाव भी जीतेंगे|
मोदी के नेतान्हू, पुतिन, ओबामा या ट्रंप बनने के सवाल पर कोई आश्चर्य नहीं होता| दुनिया को समग्र रक्षा खरीददार, 125 करोड़ आबादी का बाज़ार, सर्वाधिक युवा आबादी वाले देश के नेता के आगे अमेरिका जैसे व्यापारियों का रेड कार्पेट बिछाना बिलकुल भी हैरान नहीं करता| इजराइल व यहूदियों की मानसिकता जैसे अरबों, फिलिस्तीनियों, हमास को ठोकने की रही है वैसे ही हम भारतियों और हिन्दुओं का होना चाहिए| हमें कश्मीर और आतंक पर उसी अंदाज में ठोकना चाहिय जैसे इजराइल ने हिजबुल्ला को ठोका था| कुटनीतिक स्तर पर भी मोदी की भावना झलकती है, पहले तो उन्होंने अरब, अमीरात को साधकर मुस्लिम बिरादरी में भारत की धमक बनाई, फिर दक्षिण कोरिया, जापान, वियतनाम और अफ्रीका जैसे देशों के साथ आर्थिक और सामरिक समझौता करके रूस-अमेरिका से अपनी निर्भरता घटाई| ये दांव भारत राष्ट्र-राज्य के उन सिद्धांतों पर है जो चाणक्य की विचारों से प्रेरित है|

Image result for modi world leaderये ताकत उस जनूनी विचारधारा से निकलता है जिसमें हमने कभी झुकना नहीं सिखा, अन्याय बर्दाश्त करना पसंद नहीं किया| दुनिया को झुकाने की ताकत का मूल हिंदुस्तान है... आज नहीं तो कल ये हिंदुस्तान अपना अतीत दुहरायेगा और दुनिया को अपने सामने बैठाकर कई नालंदा-तक्षशिला भी गढ़ेगा...

लेखक:- अश्वनी कुमार, जो ब्लॉग पर ‘कहने का मन करता है’ (ashwani4u.blogspot.com) के लेखक हैं... ब्लॉग पर आते रहिएगा...