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22 August 2017

तीन तलाक: धर्म से मिली आजादी

देश के सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसे रद्द कर दिया। देश की न्यायपालिका और लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक दिन है। महिला सम्मान की आजादी को धर्म से बांधकर रखने वाले मौलानाओं और मौलवियों कि मनमानी का अंत हुआ। फैसले में देरी हुई पर फैसला दुरुस्त आया। भारतीय संविधान और न्याय तंत्र का एक बेहतर, उत्कृष्ट नमूना आम लोगों के सामने आया जिसकी अपेक्षा हमेशा जनता को रही है।

मगर धार्मिक के आजादी के मायने बदले हैं।
हवा बदल रही है। भीड़तंत्र और कट्टरता पर समाज हावी हो रहा है।
सरकार राष्ट्रवादी है, बिना बोले बिना कुछ कहे सब कुछ करवा रही है तो सोचो अगर कह के लेगी तो कितना दर्द देगी!
धर्म का मसला संवेदनशील होता है इसलिए चुप्पी घातक होती हैं। मोदी को मुस्लिम परस्त कहने वाले देख ले,
समय-समय पर हमेशा खतरे में आ जाने वाले इस्लाम को उसने इस बार खाई में लटका दिया है!

कुरान, शरीयत की इज्जत ना तो अदालत कर रही है और ना ही सरकार!
बचाओ राहुल बाबा! बचाओ सिब्बल, दिग्गविजय चचा!
राहुल को मत लईयो बोलने इस्लाम के ऊपर नही तो चिथड़े उड़ा देगा बिना मतलब के!
बाप रे इतना बड़ा दुस्साहस शांतिदूतों के सामने भयंकर परिणाम भुगतने होंगे सरकार को!
लेकिन मोदी का घंटा नहीं उखाड़ पाओगे! मोदी अलग चीज है, कानों कान खबर नहीं होने देता!
भरोसा न हो तो गुजरात का हकीकत देख लो!
सब सेटिंग सरकार की है लेकिन नाम कोर्ट का होगा! 100 करोड़ का साथ हो तो कोई बंदा एवेरेस्ट चढ़ जाए सेंटीमेंट के लिए! समझ लो!
सही भी है इस मुद्दे पर राजनीति का चुतियापा कम से कम होगा! 6 महीने मिले हैं सरकार को कानून बनाने के लिए. लोहा गरम है, अदालत का साथ भी है लगे हाथ यूनिफॉर्म सिविल कोड थोप ही डालो!

कुरान का हवाला देकर हलाला करता है और बड़े फख्र से दाढ़ी पर हाथ फेरकर अल्लाह वाला बनता है!
इतने शरीफ हो तो तीन बीवियां क्यों रखते हो? 40 बच्चे क्यों पैदा करते हो?
सालों ने महिलाओं की जिंदगी नरक बना रखी है!
कुरान शरीफ से तुम चल सकते हो तुम्हारा धर्म चल सकता है लेकिन देश और लोग नहीं चल सकते!
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वीं सदी में जाहिल और गंवारों वाली बुद्धि कहां से लाते हो बे!
फिलहाल अदालत ने इस्लामियत की जाहिलपने में पहले कील ठोकी है! कोर्ट ने ट्रेलर जारी किया है, अब देखते जाओ मोदी और संघ का पूरा फ़िल्म बाकी है!
जो सीना ठोक कर कहता था, इस्लाम के डर से मोदी भी सेकुलर हो गया, बाहर आओ देखो तुम्हारे इस्लाम को मोदी ने उल्टा लटका दिया है!

बंदरों के हाथ में कोर्ट ने नारियल थमा दी है! जिसका फूटना निश्चित है! वो कारीगरी करेगा अपने हिसाब से!
मतलब कानून बीजेपी बनाएगा तो सोचो कि मुस्लिम महिलाओं के हाथों को तलवार से लैस कर देगा! बीवी मार-मार के सारी शरीयत पिछवाड़े में घुसेड़ देगी!
मौलानाओं के अय्याशी की दुकान बंद हो गई!

Image result for muslim woman triple talaq hd imageसंघ का पहला सपना पूरा हो गया!
बीजेपी 2024 तक अपराजय है!
मोदी एक शाश्वत सच है जिसे हर हाल में झेलना ही होगा! सारी गुलामी और धार्मिक अहंकारों को झाड़ने का श्रेय मोदी ही लेगा लिख के रख लो!
राम मंदिर पर जो उड़ रहे हैं या इस्लाम का दम्भ भर रहे हैं वो समझ ले कि अगर आज निर्णय हो जाये तो कोई माई का लाल पैदा नही हुआ जो रोक दे!
और निर्णय होगा... यही मोदी इसी कोर्ट का सहारा लेकर हिन्दुओं को उसका अधिकार दिलाएगा!
एक दम 100% गारंटी के साथ! आ रहे हैं जस्टिस दीपक मिश्रा मुख्य न्यायधीश बनकर!

जस्टिस खेहर तीन तलाक के पक्ष में थे, मतलब अभी भी डर है उनके अंदर या न्याय प्रधान होने का घमंड! ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा किसी अति-विद्वान के ऊपर जो अत्याचारों को धर्म का नाम देता हो!
साधुवाद उन न्यायधीशों का जिन्होंने धार्मिक अत्याचारों की शक्ल में देश में पनप रही कट्टरवादी विचारधारा का अंत किया। उस सरकार की सोच और जज्बे को सलाम जिसने महिलाओं हक के लिए क्लियर स्टैंड लिया।
और उस विपक्ष की आवाज को भी नमन जिसके चतुर वकीलों की दलिलों से तीन तलाक दफन हुआ!
 
ऐसे ही हंसते रहिये, मुस्कुराते रहिये और देखते रहिये

 अश्वनी ©


01 July 2017

मोदी सरकार और गौ रक्षक

गौरक्षा पर मोदी के बयान को सुनकर ऐसा लगा कि वह किसी अंतरराष्ट्रीय समुदाय या यूनाइटेड नेशन को संबोधित कर रहे हैं।
विश्व नेता बनने की कोशिश में मोदी गौ भक्तों और हिंदू बिरादरी में खुद को सेकुलरिज्म के रंग में रंगते चले जा रहे हैं। मुसलमान, जुनैद, अखलाख सब दिख जाते हैं लेकिन उन्हें केरल नहीं सूझ रहा, उन्हें असम नहीं सूझ रहा, उन्हें हिंदू नहीं सूझ रहा!
गौरक्षकों की पिटाई होने नजर आ रही है तो साहब को जरा एक बार हिंदुओं पर हो रहे भीड़ के हमले को भी नजर अंदाज नहीं करना होगा ।

मोदी को यह भूलना नहीं चाहिए कि जो 2014 में 19 करोड़ वोटर थे उनके विकासवादी सिद्धांतों या बड़बोलेपन पर नहीं मिले थे, हिंदू मर्द नेता की छवि थी इसलिए वह प्रधानमंत्री आज बन बैठे हैं!
उत्तर प्रदेश हरियाणा जैसे राज्यों में भी उन्हें गौरक्षक और कट्टर हिंदूवादी युवाओं के सहयोग से ही माहौल बना और जीते भी!
मोदी जी खुद को भारतीय ही रखें तो ज्यादा बेहतर है विश्व नेता बनने की कोशिश ना करें!

वोट देने कोई अमेरिका ब्रिटेन वाला नहीं आएगा !
वोट देने को मुसलमान नहीं जाएगा! समर्थन करने को कश्मीर से अलगाववादी नहीं आएंगे! रैलियों में बामपंथी भीड़ नहीं होगी !
आपके जुमले सुनने आजादी गैंग नहीं आएंगे!
नोबल पुरस्कार पाने की कोशिश मत कीजिए,
नहीं तो सांसद बनने लायक नहीं रहेंगे!
गौरक्षा पर कुछ कर नहीं सकते हैं तो कम से कम मुंह चांप के सरकारी खाना दबाते जाइए! 

मानवतावाद का बखान बंद कीजिये! दूतों की मानवतावादी विचारधारा से आप भी परिचित हैं और गऊ रक्षक भी इसलिए ज्ञान बांटना बंद कीजिए!
जहां जिस राज्य में भी चुनाव है पीएम की कुर्सी लेते जाइए वहीं रहिए और जुमले सुनाइए! 

अहंकार मत दिखाइए जो करना है जिस भी गौरक्षक को उखाड़ना है शौक से उखाड़िये!
गौ हत्या आपसे तो बंद हो नहीं रही. गौ मांस आप के विकास का एक हिस्सा है तो हाथ जोड़ लीजिए अभी वक्त है! चुनाव के वक्त हाथ जोड़ियेगा जनता हाथ मरोड़ देगी!
नेता बनिए, खूब बनिए। अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाइये या संयुक्त राष्ट्र का महासचिव हमें कुछ लेना देना नहीं! आप हमारे प्रधानमंत्री हैं तो फिलहाल वही रहिये!
धर्म की रक्षा आपको गुंडागर्दी लग रही है! गुंडागर्दी को मजबूर कौन कर रहा है? देश को गलियाँ खिलवा रहे, बर्बादी के सपने दिखवा रहे, मुल्लों से छेड़खानी करवा रहे और पाक की जीत पर पटाखे जलवा रहे!
क्या फायदा प्रचंड जीत का! जब आपसे कुछ रुक ही नही रहा!

अमेरिका, इजराईल जाइये खूब मिसाइल गोले खरीदिये मगर फोड़ियेगा मत! अंदर के दुश्मनों का चेहरा देखना हो तो जरा सा 370 पर बोल के देखिये, राम मंदिर पर बोल कर देखिये! बीजेपी की अवकात ठिकाने ला देंगे ये लोग!
जो करना है कीजिये बस गौ रक्षकों को बदनाम मत कीजिये। धर्म की रक्षा में लगे लोगों को गुंडा मत बनाइये!

फिर भी हमें आप के ऊपर गर्व है और रहेगा...

© अश्वनी 

27 June 2017

ट्रंप के मेहमान मोदी

नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से भारत-अमेरिका संबंध एक नई ऊंचाई पर गई है। अमेरिकी चुनाव में आतंकवाद और सहयोग के मसले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिबद्धता भारत के नजरिए से फायदेमंद साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ट्रंप से मुलाकात में जो गर्मजोशी दिखी वह भारत के लिए खासकर आतंकवाद के क्षेत्र में अमेरिकी सहयोग का स्पष्ट संकेत है।

Image may contain: 4 people, people smiling, people standingभारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में ट्रंप का पहली बार किसी राष्ट्रध्यक्ष के लिए व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन भारत अमेरिका की द्विपक्षीय रिश्तों में कसावट महसूस कराती है। रक्षा खरीद, तकनीकी सहयोग, आतंकवाद के प्रति गंभीरता, परमाणु संधियों के लचीलापन, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान के मसले पर दोनों देशों की वार्ता काफी हद तक सफल रही है। भारतीय-अमेरिकी लोगों की एच-1बी वीजा के मामले में ट्रंप प्रशासन के कड़े रुख में मोदी के दौरे के बाद नरमी देखने को मिल सकती है। भारत और अमेरिका का आतंकवाद के ऊपर कड़ा रुख पाकिस्तान जैसे गैर जिम्मेदाराना देशों की बेचैनी बढ़ा सकता है।
चरमपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तत्वों के प्रति ट्रंप-मोदी के साझा बयानों से समझा जा सकता है कि आने वाले दिनों में पाक जैसे आतंक पोषित देशों को कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है तथा मुल्क में विश्वशांति के लिए खतरा बन रहे चरमपंथियों पर अमेरिका कार्यवाही के लिए मजबूर भी हो सकता है।

इस तरह नरेंद्र मोदी के इस अमेरिकी दौरे में ट्रंप की गर्मजोशी और मेहमानवाजी साम्यवादी चीन के लिए एक संदेश है जो अक्सर उत्तर कोरिया को भड़का कर विश्व शांति के लिए खतरा बनने की कोशिशों में जुटा है। अमेरिका के पास वर्तमान में चीनी अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने तथा दक्षिण चीन सागर में उसकी दादागिरी से निपटने के लिए भारत सबसे मुफीद है। एशिया के अंदर अमेरिकी वर्चस्व को कायम रखने के लिए उसे भारत को नजदीकी साझेदार बनाना होगा। 

इस तरह अगर देखें तो भारत के नजरिए से उसे संयुक्त राष्ट्र स्थाई सुरक्षा परिषद तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता के लिए फिलहाल अमेरिकी सहयोग की सख्त जरुरत है जिसे ट्रंप पूरा करते भी दिख रहे हैं।

लेखक:- अश्वनी कुमार, जो ब्लॉग परकहने का मन करता है’ (ashwani4u.blogspot.com) के लेखक हैं... ब्लॉग पर आते रहिएगा...



17 October 2016

मोदी: भविष्य का मर्द विश्व नेता

Image result for modi aggressive imageप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति, उनके सपने और भारत को सशक्त बना देने का जूनून वैश्विक परिदृश्य में उनके विश्व नेता बनने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है| उनकी अपनी मर्द छवि पाकिस्तान और आतंकवाद के सहारे दुनिया को दिख रही है तथा निश्चित तौर पर भविष्य में कई फैसलों से दिखेगी भी| ये बिलकुल सही है की भारत कभी इजराइल नहीं बन सकता और उसमें रूस जैसी भयानक बमबारी कर आतंक का खात्मा करने का हौंसला आना मुश्किल है लेकिन आतंक से इंसानियत की जंग को मोदी के बलबूते भारत जीत सकता है| इतना भरोसा हम भारतीयों में पैदा कर देना भर ही हमें सुकुन दे गया|

जब भी विदेशी या पडोसी मीडिया में भारत की बात आती है तो नरेन्द्र मोदी की आक्रामकता और कामकाज के तरीकों की काफी सराहना की जाती है| दुश्मन देशों से आवाज आती है की वहां अब मनमोहन नहीं मोदी बैठा है| क्या विश्व धुरी की महाशक्तियां अमेरिका, रूस और चीन के अलावे चौथी महाशक्ति या विश्व नेता बनने के लिए भारत सक्षम है? जवाब हाँ में तो है लेकिन स्थायी परिषद से दूर चौथी महाशक्ति का दर्जा परोक्ष रूप से भारत के ही पास है फिर भी दुनिया और यहाँ तक की एशिया व पडोसी देश हमें और हमारी राय को प्रभावहीन मानते, समझते रहे हैं| भारत के नेतृत्व में एक सकारात्मक ऊर्जा, प्रभावशाली फैसलों और 56 इंची सिने का दम की कमी लम्बे अरसे से महसूस की जा रही थी| मोदी की विदेश व आर्थिक नीतियाँ कुटनीतिक मसले पर इतनी प्रभावी हुई की आज अमेरिका, रूस व चीन जैसे देश पिछलग्गू बने फिर रहे हैं| हालत और वजह चाहे जो हो पर हकीकत बदली है|

Image result for modi world leaderअपने दोनों बिगडैल पड़ोसियों को साधने की जहमत में हमने कई बार धोखे खाए, खुद को घायल करवाया लेकिन, सरकार ने कभी सेना को उसी के अंदाज में ठोकने नहीं दिया| पर, मोदी ने किया और वे हीरो भी बने, राजनीति भी हुई और चुनाव भी जीतेंगे|
मोदी के नेतान्हू, पुतिन, ओबामा या ट्रंप बनने के सवाल पर कोई आश्चर्य नहीं होता| दुनिया को समग्र रक्षा खरीददार, 125 करोड़ आबादी का बाज़ार, सर्वाधिक युवा आबादी वाले देश के नेता के आगे अमेरिका जैसे व्यापारियों का रेड कार्पेट बिछाना बिलकुल भी हैरान नहीं करता| इजराइल व यहूदियों की मानसिकता जैसे अरबों, फिलिस्तीनियों, हमास को ठोकने की रही है वैसे ही हम भारतियों और हिन्दुओं का होना चाहिए| हमें कश्मीर और आतंक पर उसी अंदाज में ठोकना चाहिय जैसे इजराइल ने हिजबुल्ला को ठोका था| कुटनीतिक स्तर पर भी मोदी की भावना झलकती है, पहले तो उन्होंने अरब, अमीरात को साधकर मुस्लिम बिरादरी में भारत की धमक बनाई, फिर दक्षिण कोरिया, जापान, वियतनाम और अफ्रीका जैसे देशों के साथ आर्थिक और सामरिक समझौता करके रूस-अमेरिका से अपनी निर्भरता घटाई| ये दांव भारत राष्ट्र-राज्य के उन सिद्धांतों पर है जो चाणक्य की विचारों से प्रेरित है|

Image result for modi world leaderये ताकत उस जनूनी विचारधारा से निकलता है जिसमें हमने कभी झुकना नहीं सिखा, अन्याय बर्दाश्त करना पसंद नहीं किया| दुनिया को झुकाने की ताकत का मूल हिंदुस्तान है... आज नहीं तो कल ये हिंदुस्तान अपना अतीत दुहरायेगा और दुनिया को अपने सामने बैठाकर कई नालंदा-तक्षशिला भी गढ़ेगा...

लेखक:- अश्वनी कुमार, जो ब्लॉग पर ‘कहने का मन करता है’ (ashwani4u.blogspot.com) के लेखक हैं... ब्लॉग पर आते रहिएगा...