05 June 2024

बजट@आयकर 💵

मोदी सरकार ने इस बार पर्सनल इनकम टैक्स में नई कर व्यवस्था को बढ़ावा दिया है.

चारों तरफ़ डंका पिट चुका है की 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री हो गई है. सरकारी कर्मी के आँखों में चमक तभी तक रही जब तक यह न पता चल गया की इस नई व्यवस्था में डिडक्शन का कॉन्सेप्ट नहीं है.

सरकार ने आयकर के मामले में बिलकुल बनिये से भी एक कदम आगे का बजट बनाया है.

इस बार 5% से 20% स्लैब को दिखने में इतना आसान बनाया है की मध्यम वर्ग नौकरीपेशा आदमी को राहत फील हो रहा है लेकिन बैकडोर से घुमा फिराकर पॉकेट से टैक्स निकाल लेने की पूरी व्यवस्था भी है.
नई कर व्यवस्था को बेहद आकर्षक बनाया गया है मगर PF, NPS, बीमा और होमलोन जैसे छूट का लुफ्त ख़त्म कर दिया गया है.
अब उनसे हाल पूछिए जो हज़ारों रुपये टैक्स बचाने के चक्कर में अपने और परिवार के लिए लाखों लाख की पॉलिसी ली हुई है.
उससे भी अव्वल दर्जे के स्मार्ट लोगों ने बिना ज़रूरत सिर्फ़ टैक्स बचाने के लिए होम लोन ले रखा है और भरपूर ब्याज के साथ मूलधन हर माह चुका रहे हैं.
उनके लिए यह नई व्यवस्था किस काम ही होगी वहीं जानेंगे.
बेचारे के पास पुरानी व्यवस्था में भारी टैक्स चुकाने की मजबूरी हो जाएगी.. न इधर को आ पायेंगे न उधर से छूट का मोह छोड़ पायेंगे.
चूँकि मेरे जैसा नया नया उभरता टैक्स पेयर आसानी से पुरानी और नई व्यवस्था के बीच शिफ्ट कर लेगा. फ़ायदा जिधर दिखेगा कूद पड़ेंगे.
पीपीएफ पर निर्भर लोगों की मौज हो गई.
पॉलिसी और फिक्स्ड टर्म निवेश से कोई वास्ता नहीं. जब मन करे पैसे को शिफ्ट करो और आराम से एक लेन/रेजिम से दूसरे लेन लहरिया कट टैक्स ड्राइविंग का मज़ा भी लो.
सरकार ने इस बजट के माध्यम से आगे का रोडमैप लगभग क्लियर कर दिया है.
नई कर प्रणाली का बढ़ावा दिया जाना स्पष्ट संकेत है की सरकार मध्यमवर्ग के हाथों में लिक्विडिटी यानी कैश फ्लो बढ़ाना चाहती है.
जितना सैलरी है स्लैब के अनुसार खाँचे में बैठ जाइये, सरकार टैक्स ख़ुद निर्धारित दरों पर वसूल लेगी.
टैक्स छूट के लिए जुगाड़, कूद फाँद, फर्जी बिल, एग्रीमेंट जुटाने की कोई ज़रूरत नहीं रहेगा.
स्पष्ट है सरकार लाँग टर्म निवेश में पैसे को मजबूरन लॉक रखने की पुरानी आदत छुड़ानी चाहती है. दूसरी तरफ़ ये सारे सेक्टर मंदी की तरफ़ बढ़ेंगे, आम आदमी को LIC लेने की फ़िक्र अपनी सुरक्षा के लिए नहीं होती थी बल्कि पहला लक्ष्य टैक्स में छूट प्राप्त करना ही था.
अब आप अपने हिसाब से पैसे को मैनेज करें, ख़र्च करें आपकी मर्ज़ी..
ये सही भी है की आज आपको पैसे की ज़रूरत है लेकिन साल का 1.5 से 2 लाख मजबूरन इन्वेस्ट कर दे रहे. लोग ज़रूरत के वक्त बैंक से लोन उठा रहे और ज़बरदस्त इंटरेस्ट चुका रहे हैं उनके लिए राहत हो सकती है.
सरकार को बेवकूफ मत समझिए की वो आपके ऊपर मेहरबान है या चुनाव से डरकर कोई तोहफ़ा लाया है.
बल्कि वो आपके हाथों में आपके ही पैसे को पकड़ाने का इंतज़ाम किया है.
चूँकि बाज़ार में जब भी ज़बरदस्त उछाल चाहिए वहाँ मध्यमवर्ग के मन बढ़ाने के उपाय किए जाते हैं. कैश फ्लो आया, मन बढ़ेगा.. बाज़ार निकलेंगे निश्चित है सुख सुविधा के लिए लक्ज़री आइटम ख़रीदेंगे. जैसे एसी लगायेंगे, कार ख़रीदेंगे.. सीधे 18-28% GST सरकार को पे कर देंगे.
इन सेक्टरों में ज़बरदस्त बूम होगा, रोज़गार बढ़ेंगे, सरकार को कॉर्पोरेट टैक्स अपने आप आएगा.
फिर आएगा मज़ा जब दुधारू गाय की तरफ़ उसके मेंटेनेंस पर खर्च करेंगे. पेट्रोल-डीज़ल पर जमकर एक्साइज़ ड्यूटी चुकायेंगे, सर्विसिंग करायेंगे, टूटा फूटा तो स्पेयर पार्ट्स इंडस्ट्री बूम में आ जायेगी.
एसी चलायेंगे, बिजली बिल GST के साथ वसूलने का उपाय पहले से फिक्स्ड है. हज़ारों उदाहरण हैं ऐसे ऐसे.
मतलब कुल मिलाकर यह समझ लीजिए देश को आप ही चला रहे.. जिधर जाइएगा उधर पे कीजिएगा वाला हिसाब है..
गर्व कीजिए टैक्स पेयर होने का सौभाग्य होने का.. राष्ट्र संचालक होने का गौरव है हमलोगों के पास.. 😃

~ 01.02.2023

No comments:

Post a Comment