याद करें की मई 2014
मोदी सरकार के शपथग्रहण से पहले पाकिस्तानियों के मन में मोदी का खौफ सिर चढ़कर
बोलता था| मोदी की आक्रामक भाषण शैली से सोशल मीडिया में मोदी की तूती बोलती थी|
लेकिन अभी सबकुछ पलटा हुआ है| जाहिर है, हम हिन्दुओं को राज करना नहीं आता| बड़ी
मुश्किल से दिल्ली का सिंहासन अपना बना है, फिर भी शायद उस सिंहासन को ये श्राप है
की जो भी वहां बैठेगा वह आत्ममुग्धता, अहंकार में जियेगा और वह अपने चापलूसों के
कहे अनुसार चलेगा| वही हो भी रहा है| हिंदुस्तान के अमनपरस्तों ने मोदी की पाक
यात्रा पर जो तालियाँ बजाई थी वह बम और गोलियों की आवाज बनकर भारत में फूट रहे
हैं| और मोदी जी तो योग के शीर्षआसन में व्यस्त हैं| शायद, भाजपा के 17 करोड़
वोटरों में से एक को भी ये उम्मीद नहीं रही होगी की जिस देश में आतंकी हमले जारी
हो उस वक्त उनका प्रधानमंत्री ओलांद की तरह आतंक को मिटाने की कसमें खाने की जगह,
लोगों को योग करने की सलाह दे रहे होंगे| वाकई ये तो उदासीनता की हद है, जहाँ एक
तरफ गृहमंत्री ने ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा कर दी वही दो दिन बाद भी पठानकोट में
गोलियों की गूंज सुनाई दे रही है| खैर, जिनका प्रधानमंत्री ही अपने बहादुर जवानों
की वीरता के बखान करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता हो, उसके मंत्री से कोई
उम्मीद कैसे की जा सकती है?
नरेन्द्र मोदी ने
भारत के 7 बहादुर सपूतों को खोने के बाद भी पाकिस्तान की निंदा तक करना जरुरी नहीं
समझा, क्योंकि उन्होंने दोस्ती का जो माहौल बनाया है उसमें खटास कैसे आ सकती है? न
ही मोदी के शांतिपसंद दोस्त शरीफ ने उन आतंकवादियों की निंदा के बजाए उसके आकाओं
को पकड़ने की जहमत भी नहीं उठाई| हर मोर्चे पर भारत दब्बू बनकर आखिर कब तक बैठा
रहेगा? हम 125 करोड़ भारतियों का भी कोई स्वाभिमान है या नहीं? देश के कुछ अमनपरस्त
कश्मीर को पाकिस्तान के हवाले कर देने की कायराना सलाह देते हैं, लेकिन आतंकवाद या
पाकिस्तान के डर से अगर ऐसा करने की भी हम सोचते हैं तो लाल किले पर चाँद-तारे लगे
हरे झंडे को फहरते देखने का भी इंतजाम कर लेना चाहिए|
कहाँ हैं हमारे
पुराने मोदी? कहाँ हैं उनकी तत्परता? क्यों बंद हैं उनकी जुबान? सीना चिर देने
वाली वीर सपूतों के परिजनों का क्रंदन को अनसुना करने वाले प्रधानमंत्री पद पर
बैठे शख्स हमारे मोदी नहीं हो सकते! अगर ये सच है तो कायरों की सूची में उनका भी
नाम हो सकता है...
लेखक:- अश्वनी कुमार, पटना जो ब्लॉग पर ‘कहने का मन करता है’(ashwani4u.blogspot.com) के लेखक हैं...
आते रहिएगा...
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