26 January 2016

गरीब देश के अमीर रईस

Image result for poors of india imageअखबारों में खबरें आई की भारत की 1% आबादी के पास देश की कुल 53% सम्पति है| मतलब साफ़ है की बाकी 99% भारत की जनता 47 फीसदी सम्पति के सहारे जीवनयापन कर रही है| उसमें भी 2.36 लाख लोग ऐसे हैं जो करोड़पति हैं| भारत के अन्दर भी दो देश हैं, एक देश अरबपतियों का है जिसके रहने का बंदोबस्त 500 करोड़ लागत वाले बंगले तक में है| जबकि दूसरे देश की तस्वीर में बेरोजगारी है तो भुखमरी भी है और उसमें कुपोषण है, गरीबी है, बीमारी है वहीँ बंगला क्या सिर पर प्लास्टिक नसीब हो जाए तो चमत्कार ही होगा|

          देश में कभी गरीबी की परिभाषा 28 रुपये तय की जाती है तो कभी 32 रुपये रोजाना कमाने की| इससे भी कम कमाने वालों की तादाद 38 करोड़ है| सोचिये की देश की सरकारें अलग-अलग टैक्स लादकर इन गरीबों का खून किस हद तक चूसेगी? देश के कॉर्पोरेट घरानों के ऊपर 28 लाख करोड़ रुपये का बकाया टैक्स यूँ ही माफ़ कर दिया जाता है, उन घरानों को जनता से मुनाफा वसूलने की खुली छुट भी दी जाती है जो मजबूर है| गरीबों की परिभाषा तय करने का किसी को क्या अधिकार है? जो लक्जरी गाड़ियों में चलता है, आलीशान बंगले में रहता है| जिनके यहाँ कुत्ते भी रोज मिठाइयाँ खाता हो, एसी-हीटर में रहता हो वो गरीबों के लिए नीतियाँ बनाते हैं| यही देश के असली रईस हैं...
बताने की जरूरत नहीं है वे कौन-कौन हैं...
लेखक:- अश्वनी कुमार, पटना जो ब्लॉग पर ‘कहने का मन करता है’(ashwani4u.blogspot.com) के लेखक हैं... आते रहिएगा...


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