29 July 2020

●नई शिक्षा नीति 2020●

28 सालों बाद भारत में नई शिक्षा नीति लाई गई है !अब शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदलने वाली है ! 10+2 की व्यवस्था को खत्म कर 5+3+3+4 की व्यवस्था लाई गई है !यानी प्रथम 5 वर्ष कक्षा तीन तक जो अभी KG, 1 & 2 में पढ़ते हैं, उसके बाद के 3 साल कक्षा 3 से 5 एवं उसके बाद के 3 साल कक्षा 6 से 8 एवं उसके बाद के 4 साल कक्षा 9 से 12 में बांटा गया है !


● प्रथम 5 वर्ष बच्चों के मूलभूत ज्ञान पर आधारित है जिस का सिलेबस NCERT तय करेगी ! ये सिलेबस प्राथमिक और तौर पर बस्ते ढोने की परंपरा से इतर होगी ! खेल कूद, नैतिकता आदि एक्स्ट्रा करिकुलर के माध्यम से बच्चे की रुचि के अनुसार बेसिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा !●कक्षा 6 से 8 तक क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान पर अत्यधिक जोर दिया गया है ! कम से कम दो भाषाओं का ज्ञान अनिवार्य होगा ! Coding, logics आदि की शिक्षा इसी स्तर से बच्चों को दी जाएगी ताकि बुद्धिमता का विकास इसी उम्र से हो !●साथ ही सरकार ने व्यवस्था की है कि कक्षा 6 से ही बच्चों को उनके स्किल्स का इंटर्नशिप प्रदान करें ! बच्चे स्कूल या घर के पास रुचि के अनुसार किसी भी कारखाने, फैक्ट्री, शिल्प उधोग वगैरह में जाकर कामकाज को नजदीक से देखेंगे उसे समझेंगे ! ये सब पढ़ाई का हिस्सा होगा !
●कक्षा 9 से 12 के बीच सब कुछ बदल चुका है ! आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम जैसी कोई बात नहीं रह जाएगी !बच्चे कोई भी विषय अपने हिसाब से चुन सकते हैं वह अगर इतिहास पढ़ना चाहता है तो साथ में एकाउंट्स, केमिस्ट्री कुछ भी पढ़ सकता है !


●बोर्ड एग्जाम्स पर भी बहुत सारी बदलाव के बाद सरकार द्वारा कही गई है ! ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव दो टेस्ट का कांसेप्ट आएगा ! जबाब रटने के बजाए रोजमर्रा की जिंदगी से जोड़कर सवाल दिया जाएगा ताकि बच्चे की आंतरिक समझ को आंका जा सके !●एक व्यापक बदलाव बच्चों की रिपोर्ट कार्ड में देखने को मिलेगा ! पहले रिपोर्ट कार्ड स्कूल के टीचर प्रिंसिपल द्वारा तैयार करके अभिभावक को दिए जाते थे ! मगर अब बच्चा उस रिपोर्ट कार्ड में खुद का असेसमेंट करेगा, उसके बाद उसके सहपाठी उसका एसेसमेंट करेंगे, तब जाकर स्कूल के टीचर्स परफॉर्मेंस, स्किल्स के आधार पर उनका रिपोर्ट कार्ड बनाएंगे !●साथ ही कक्षा 6 से ही उनके एक्स्ट्रा स्किल, जैसे किसी को डांसिंग आता है, किसी को सिंगिंग आता है, किसी को गिटार बजाने आता है, किसी को लेखन में रुचि है, किसी को खिलौने बनाने आता है, किसी को पेंटिंग आती है ! मतलब किसी भी तरह की स्किल्स बच्चे में है तो उसे रिपोर्ट में सम्मिलित किया जाएगा ! यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रूप में सहेजा जाएगा ! 12वीं के बाद बच्चे को आसानी से सारी बातें एक डाटा के रूप में उसके सामने उपलब्ध होगी की उसने क्या-क्या सीखा है, वह किस क्षेत्र में कुशलता हासिल कर सकता ! इस आधार पर वह अपने भविष्य को बेहतर ढंग से तय कर सकता है ! 
●UGC को AICTE के साथ मिलकर नई बॉडी बनाई जाएगी ! कॉलेजों के लिए भी नई सुधार किए जाएंगे ! अध्यापकों के नॉलेज के हिसाब से केटेगरी बनाने की भी बात है ! बहुत सारे प्रावधान सरकार इस नई शिक्षा नीति में लाई है !


मुझे सरकार की ये नीति वास्तविक तौर पर जमीनी और दूरदर्शी लगी ! अमीर vs गरीब के बीच शिक्षा की दीवार को अनिवार्य तौर पर गिराना चाहिए ! रोजगारपरक शिक्षा की जरूरत देश में पहले से महसूस की जा रही थी ! बेरोजगारी का भयंकर दुष्चक्र इसी का परिणाम है कि शिक्षा व्यवस्था उसे अपने मन/स्किल का कोई काम नही करने देती ! बांधे रखती थी !
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने का प्रावधान स्पष्ट दिखाई नही देता है ! संभवतः जब सरकार नियम बनाएगी तो उसमें अन्य ऐसे प्रावधान भी आएंगे जो भारत के नन्हे भविष्य के लिए एक सार्थक रूपरेखा बनाकर देगी जहां बच्चे खुद के सजाये मंच पर देश की आर्थिकी को झूमा कर रख देगा !!! ❤️❤️❤️



27 July 2020

स्वागत नहीं करोगे हमारा

सेना का पराक्रम आ रहा है ! माँ भारती की रक्षा हेतु आसमान का सैन्य परिंदा आ रहा ! राफेल नामक चलता फिरता आसमानी दैत्य शान बनेगा !
बेहद एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस इस लड़ाकू विमान की खरीददार को नमन रहेगा ! सत्याग्रह से मसले हल नही होते साहब ! 
पूजा शस्त्र की की जाती है चरखे की नहीं ! 
पड़ोसी नालायक निकल जाए तो हेकड़ी निकालनी पड़ती है !
बिना अस्त्र शस्त्र ऐसे जाहिलों से नहीं निपट सकते ! 


नित्य नए नए हथियार लाइये ! गाजे बाजे के साथ शस्त्रों की पूजा करें ! बीच बीच में चलाकर टेस्टिंग कीजिये, देखिए जाहिलों पर कैसा मनोवैज्ञानिक असर होता है !
ठीक वैसा ही देश के साथ है ! युद्ध हो न हो मगर शक्ति प्रदर्शन बना रहना चाहिए ! पड़ोसी कितना भी ताकतवर क्यों न हो उसे दिखाइए की विषम परिस्थितियों में हम भी चोट पहुंचा सकते हैं !
युद्धाभ्यास उसी स्ट्रेटेजी का हिस्सा होती है ! भले ही सैन्य बजट का बड़ा हिस्सा उस अभ्यास में खर्च होता है मगर अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक दवाब भी बना रहता है ! ऐसे अमेरिका रूस आगे पीछे नहीं करते !


जितने भीषण साजोसामान आपके पास होंगे गांव जेवार में लोग इज्जत करेंगे ! पंचायत में रुतबा होता और लगभग अधिकांश अमीर आपकी आवभगत करते मिलेंगे ! 
ये वास्तविक तौर पर डिफेंस स्ट्रेटेजी है, आपकी क्षमता सेना से ही आंकी जाएगी ! 
सऊदी अरब बहुत अमीर है, बहुत पैसा है मगर आर्मी लेवल की नहीं है ! कौन पूछता है तेल लेने के अलावा उसे !
ईरान जुझारू है, तो वही अमेरिका डायरेक्ट कार्रवाई न करके पैंतरे से डरा रहा ! जबकि उत्तरी कोरिया पागल है, कट्टे से जोंग लौंडे ने तोप बनाने की तकनीक हासिल की, दो रोटी खुद से खाने की हैसियत नही मगर देखिए यही शहंशाह अमेरिका चरण पखार रहा !
सनातन धर्म में अस्त्र शास्त्रों की अनादि काल से प्रावधान है ! 


शस्त्र की देवी माँ दुर्गा हमारी आराध्य हैं ! शक्ति हमारी संस्कृति की मूल में रही है ! हमारे देवता शस्त्रों से सुसज्जित होते हैं ! स्वयं की रक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल जरूरी है !
बुद्धि में तो चिंपैंजी अव्वल है मगर जंगल का राजा शेर क्यों है ?
जंगल में जो बलवान होता, जिसकी दातें तीक्ष्ण और पंजे घातक होते वो लंबा सर्वाइव करता ! नहीं तो हिरण बनोगे तो कोई दबोच के भूख मिटा लेगा... इसलिए घातक होता आवश्यक है ! 
हथियार के बदौलत ही हमारी सेना है ! जितने पैसे हम सेना के लिए खर्चेंगे हमारा राष्ट्र दुनिया में उतना भौकाल कायम रखेगा !


आज राफेल है तो कल स्पेस वार वाले युद्धक विमान आएंगे ! मगर ये हथियार रहेगा तभी अस्तित्व बचेगा ! 
राफेल भाई, वेलकम टू इंडिया... 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

21 July 2020

जिंदादिली@सोनू सूद

मनुष्य होना और इंसान होना दोनों दो चीजें हैं !
उसी तरह #सोनू_सूद होना और सिर्फ नचनिया-बजनिया होना अलग अलग है !
जब सरकार को कुछ नही सूझ रहा था तब एक इंसान अकेले मजदूरों के लिए पहिया बन गया ! घर जाने के लिए तड़प रहे लाखों मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाया !
देखिए सोनू सूद एक अभिनेता जो फिल्मों में विलेन का रोल करता है जाहिर सी बात है कि उन्हें नकली स्टारों से बहुत ही कम मेहनताना मिलता होगा !
फिर भी उनके जज्बे उनकी हैसियत के आगे देश के अच्छे-अच्छे दिखावटी अमीर फीके पड़ गए !


आपकी करोड़ों अरबों की संपत्ति का क्या फायदा जो किसी की काम न आये ! आप अमीर हो सकतें है मगर जिंदादिल होने की गारंटी नही है !
यही मुम्बई में बैठे तमाम स्टार्स जो 2 मिनट विज्ञापन के करोड़ों वसूलते हैं, 1 रन के लाखों रुपये की वैल्यू बना बैठे हैं... क्या फायदा देश को आपसे जब जरूरत पर मुँह छुपा ले !
टैक्सपेयर हम भी हैं और आप भी ! हमसे तुम हो !
क्यों पब्लिक लुटाये तुम पर मेहनत की कमाई !


सोनू सूद इंसान है मनुष्य नहीं ! संवेदनाएं हैं इस मर्द में !
जितना पैसा है उतने में ही उसने वो कर दिखाया है जो नकली स्टार फिल्मों में ड्रामा दिखाता !
भाई ने अब किर्गिस्तान में फंसे बिहार झारखंड के छात्रों को लाने के लिए चार्टर प्लेन का इंतज़ाम किया है ! क्या फायदा हुआ अमीरों से इस देश को !
नेताओं की बात कर ही नहीं सकता, वो सर्टिफाइड वाले वो हैं !!!
मगर हम देश के लिए काम न आने वाले मनुष्यों से सवाल तो कर ही सकते हैं !
कोरोना निपट जाने दो ! सब याद रखा जाएगा...
जरूरत के वक्त काम आने वाले को सर पर बैठा लेंगे...
ताज पहना देंगे उसे...


क्योंकि घर में 1 बोरी अनाज रखने वाला अगर 2 पहर किसी को खिलाने की हिम्मत रखता है तो हमें हज़ार बोरियों वाले धनसेठ को दुतत्कारने की हिम्मत अपने आप आ जाती है !
दिल से #धन्यवाद सोनू सूद सर !


14 July 2020

नादान नेपाल

नेपाल और भारत एक दूसरे के अभिन्न अंग है !
हां इनमें वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं मगर सामाजिक और धार्मिक मतभेद का प्रश्न ही नहीं उठता !
किसी देश की सरकार पड़ोसी देश के साथ सामाजिक-धार्मिक ताने-बाने को अगर राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए तोड़ने की कोशिश कर रही है तो एक अलग तरीके का सनकीपन माना जा सकता है !
भारत और नेपाल सदियों से ना केवल मित्र राष्ट्र रहे हैं बल्कि हर परिस्थिति में एक दूसरे के पूरक होने का गौरवान्वित इतिहास रहा है !
नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियां आज अलग है वहां एक ऐसी सरकार काबिज है जो ना केवल इतिहास को किनारे रखकर चलने का प्रयास कर रही है बल्कि चीन के मोहरे बनकर भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रही है और एक के बाद एक गलत कदम भी उठा रही है !
फिर भी भारत की सरकार ने किसी भी बड़े स्तर पर अब तक नेपाल के विरोध में कोई भी बयां ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई है ! ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारत और नेपाल के बीच प्रगाढ़ संबंधों का बेहद गहरा नाता रहा है !
भले ही हमारे खुद के लिए जरूरी आवश्यक संसाधनों की कमी हो परंतु हमने नेपाल, बांग्लादेश, भूटान जैसे पड़ोसियों को सदियों से हमेशा जरूरी सहायता प्रदान की है ! मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने का हर संभव प्रयास किया है ! 
कूटनीतिक परिपेक्ष में अगर देखा जाए तो नेपाल को भारत बिजली, खाद्यान्न, तकनीक समेत उनके अधिकारियों को प्रशिक्षण भी हमारे संस्थानों में दिया जाता रहा है !
मगर मुफ्तखोरी एक ऐसी चीज है जो मनोदशा को विकृत करती ही है साथ ही लालच को जन्म देती है और लालच अपराध को ! 
भगवान राम की जन्म स्थान से संबंधित की गयी टिप्पणी इस बात को दर्शाता है कि नेपाल के प्रधानमंत्री किस कदर चीन के आगे नतमस्तक हो चुके हैं उन्हें भारत विरोध के अलावा कुछ नहीं सोच रहा है !
मगर फिर भी हम भारतवासी इन बचकाना बयानों के बावजूद भी नेपाल और नेपाल के नागरिकों के लिए तनिक भी विद्वेष की भावना नहीं रखते ! 
जाओ भाई राम नेपाल में जन्म लिए, सरयू नेपाल में ही है ! रामसेतु नेपाल और लंका की बीच बना ! हमने मान लिया ! 
बनाओ भव्य राम मंदिर नेपाल में हमलोग दर्शन के लिए जरूर आएंगे ! चंदा में देंगे अरे छोड़ो सारा पैसा इंडिया के लोग दे देंगे !
माँ जानकी का जनकपुर तो विकसित भी कर नही पा रहे और बातें   आसमान में पुल बना देने की...
नेपाल खुद को गिरवी रखने की दिशा में बड़ा चला जा रहा है अगर बुद्धि भ्रष्ट होती है तो दिमाग काम करना बंद कर देता है ! बिल्कुल इसी अंदाज में नेपाल का राजनीतिक नेतृत्व खुद को चीन के हाथों समर्पित कर रहा है !

कालापानी और लिपुलेख पर उसका दावा है ! तुम्हारे नक्शा बना लेने से भारत की जनता को उतना ही फर्क पड़ता है जितना पाक के शांति संदेशों से !!! मतलब घंटा भी फर्क नहीं पड़ता !
अपने बच्चों जैसे बयानों से नेपाल भारत का उतना ही कुछ कर लेगा जितना शेर की मांड में रहने वाले चूहे उसका बिगाड़ लेते !   
फिर भी नेपाल हमारा पड़ोसी ही नहीं हमारे एक परिवार का हिस्सा है ! परिवार में कुछ लोग गलत संगति के असर में आ जाते हैं पर देर सबेर जब ठोकर लगती है तो वापस लौट आते हैं !
अतः नेपाल की लापरवाही ऊपर हमें हंसी भी आती है और दया भी की सनातन संस्कृति वाले देश में इस तरह की विचारधारा का पनपना नेपाल के लिए तो एक अच्छा संकेत नहीं है !
वहां की जनता सोचे विचारे और एक अच्छे प्रबुद्ध दूरदर्शी राजनेता को अपने देश का नेतृत्व दे...
इसी में नेपाल और समूचे दक्षेस देशों की भलाई है !!!
#जय_हिंद 🇮🇳

01 July 2020

● बाबा रामदेव बनना आसान नहीं ●

क्या हम कभी ये कल्पना कर सकते थे की कोई भगवा चोला पहने बाबा खुद ही कंपनी का डायरेक्टर, प्रोड्यूसर हीरो बनकर हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी तमाम दिग्गज कंपनी को ठिकाने लगा देगा ? 
स्वामी रामदेव योग के बदौलत दुनिया में स्टारडम हासिल कर चुके हैं, वो योग जिसे कभी मूर्ख भारतीय ही मज़ाक समझा करते थे ! यूँ दाढ़ी बढ़ाकर, एक आंख छोटा करके स्वदेशी होने का हुँकार भरते बाबा इस देश के रियल आइकॉन हैं ! 


हमें ऐसे लोगों का बेशक अनुसरण करना चाहिए, जो सादगी-शिष्टता से राष्ट्र का संरक्षण कर रहा हो ! आसान नही है कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता झेलकर या सरकार से लड़कर एक सामान्य व्यापार भी आप चला लें, मगर बाबा ने यहां स्वदेशी साम्राज्य खड़ा कर डाला !
स्वामी रामदेव अब अम्बानी, अडानी जैसे उधोगपतियों की सूची में खड़े हो चुके हैं ! ये सच भी है कि आज आयुर्वेद की स्वीकारिता लोगों के बीच होने की वजह बाबा रामदेव हैं ! 
जिन्होंने लोगों में अपनी योग और आयुर्वेद के बदौलत विश्वास कायम की !


कोरोना काल में हमें बाबा रामदेव से ऐसे ही किसी चमत्कार की उम्मीद थी ! कोरोनिल पर मेडिकल माफियाओं ने जितना भी उछल कूद मचाया हो, लेकिन बाजार में पतंजलि स्टोर की अपनी विश्वसनीयता है ! लोग इसे हाथों हाथ लपक लेंगे... 
स्वामी रामदेव की यह विश्वसनीयता उनके अथक परिश्रम का परिणाम है... 


हमें तो गर्व करना चाहिए कि भारतवर्ष में ऐसे ऐसे योद्धा फिर से पैदा होने लगे हैं जिनके सनातन ज्ञान-विज्ञान के आगे दुनिया नतमस्तक होने को मजबूर हो रही है...