13 January 2023

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस

ChatGPT नामक ऑनलाइन AI टूल्स को लेकर सॉफ़्टवेयर मार्केट में ज़बरदस्त दहशत है. कई एक्सपर्ट्स बता रहे की ये पूरी तरह से सॉफ़्टवेयर फ़ील्ड की सामान्य निचले कर्मियों की छुट्टी कर देगा.

कोई प्रोग्राम बनानी हो, वेबसाइट बनाना हो.. इसे बेसिक कंटेंट के साथ यह बता दीजिए उसमें किस तरह की प्रोग्रामिंग चाहिए, ऑप्शन चाहिए, इंटरफ़ेस होना चाहिए.. सारी कोडिंग चुटकियों में लिखकर सामने हाज़िर कर देगा.
अभी कई टीम मिलकर सॉफ्टवेर में आये बग यानी दिक़्क़तों की पहचान करते हैं और बैकएंड से उसे ठीक करते हैं. मैनपावर का यूज़ हो रहा मतलब लाखों लोगों को इसमें रोज़गार मिला हुआ है. AI टूल्स सेकंड भर के अंदर कोडिंग की गलती निकाल कर दे देगा.
फ़िल्म की स्टोरी लिखवानी है, भाषण तैयार कराना है इसे बेसिक इनपुट दीजिए करैक्टर से परिचित कराइए देखिए हज़ार अलग अलग कहानियाँ लिखकर दे देगा. पसंद बताइए, राग बताइए बिलकुल नये गाने कंपोज़ कर देगा.

खबर यह भी है की अमेरिका में हेल्थ सेक्टर के अंदर AI का अलग भौकाल मचा हुआ है. ईसीजी हो, एक्सरे हो मशीन सीधे AI टूल्स की मदद से एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से कहीं अधिक सटीक डायग्नोसिस करके बता देगा. AI का मतलब यह है की मशीन ख़ुद ही सीखता है. एक बार गलती कर दी तो दुबारा कभी नहीं करेगा, यह मेमोराइज़ कर लेगा. धीरे धीरे इतना विकसित हो जाता है कि हज़ार डॉक्टरों इंजीनियरों का एक्सपीरियंस अकेले एक AI सॉफ्टवेर के पास होगा.
ये प्राइमरी लेवल का स्वास्थ निश्चित ऑटोमेटेड सिस्टम पर ला देगा. ई-हॉस्पिटल प्रोजेक्ट सरकार ला रही है इंडिया में, यानी आपकी सारी हेल्थ रिकॉर्ड, कौन कौन सी दवा कब चली है, डायग्नोस्टिक रिपोर्ट में कब कौन सी बीमारी डिटेक्ट हुई सब एक ABHA आईडी पर रहनी है.
सोचिये सरकार एक चैटबोट ला दे, यानी AI टूल्स.. जैसे अभी फ्लिपकार्ट हेल्प, केंट, IOCL बुकिंग में इस्तेमाल हो रहा इसमें दूसरे एंड पर कोई इंसान नहीं बैठा होता बल्कि सॉफ्टवेर ख़ुद ही आपके सवालों का जबाब देता है आपकी मदद करता है..

वैसे ही नार्मल सर्दी खांसी हुई. सामान्य मौसमी बीमारी में झोला छाप डॉक्टरों के यहाँ जाने के बजाए चैटबोट ऑन कीजिए दिक़्क़त बताइए.. AI आपकी पूरी स्वास्थ कुण्डली जाँच लेगी और आपकी एलर्जी साइडइफ़ेक्ट आदि का इतिहास ध्यान में रखकर उस हिसाब से एक बेहतरीन दवा आपको प्रीस्क्राइब करके दे देगा. मन है तो वहीं ऑनलाइन ऑर्डर कीजिए और पास का मेडिसिन सेंटर दवा घर पर डिलीवर कर देगा.

समान डिलीवरी का कॉन्सेप्ट समझना हो तो भारत सरकार का ONDC प्रोजेक्ट को पढ़ लें, ऑनलाइन व्यापार में क्या क्रांति होने वाली है.
आपको भले ही यक़ीन न हो मगर ये जल्दी ही संभव होगा. हमें 5G को मज़ाक़ में नहीं लेना चाहिए. 5G ख़ासकर मेडिकल सेक्टर को बहुत हद तक ऑटोमेशन पर लेकर आएगा. अस्पताल की ज़रूरत इमरजेंसी और स्पेशलिटी के लिए होगी और उन्हीं डॉक्टर्स की पूछ होगी जो विशेषज्ञ होंगे और वह भी कई मामलों में AI से मदद लेते दिखेंगे. रोबोटिक सर्जरी, 3D विज़ुअल टेस्ट आदि की बातें तेज़ी से चल रही है और रिसर्च हो रहा..
सब कुछ बदलने वाला है.. हमें तैयार हो जाना चाहिए..

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