27 June 2017

ट्रंप के मेहमान मोदी

नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से भारत-अमेरिका संबंध एक नई ऊंचाई पर गई है। अमेरिकी चुनाव में आतंकवाद और सहयोग के मसले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिबद्धता भारत के नजरिए से फायदेमंद साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ट्रंप से मुलाकात में जो गर्मजोशी दिखी वह भारत के लिए खासकर आतंकवाद के क्षेत्र में अमेरिकी सहयोग का स्पष्ट संकेत है।

Image may contain: 4 people, people smiling, people standingभारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में ट्रंप का पहली बार किसी राष्ट्रध्यक्ष के लिए व्हाइट हाउस में डिनर का आयोजन भारत अमेरिका की द्विपक्षीय रिश्तों में कसावट महसूस कराती है। रक्षा खरीद, तकनीकी सहयोग, आतंकवाद के प्रति गंभीरता, परमाणु संधियों के लचीलापन, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान के मसले पर दोनों देशों की वार्ता काफी हद तक सफल रही है। भारतीय-अमेरिकी लोगों की एच-1बी वीजा के मामले में ट्रंप प्रशासन के कड़े रुख में मोदी के दौरे के बाद नरमी देखने को मिल सकती है। भारत और अमेरिका का आतंकवाद के ऊपर कड़ा रुख पाकिस्तान जैसे गैर जिम्मेदाराना देशों की बेचैनी बढ़ा सकता है।
चरमपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तत्वों के प्रति ट्रंप-मोदी के साझा बयानों से समझा जा सकता है कि आने वाले दिनों में पाक जैसे आतंक पोषित देशों को कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है तथा मुल्क में विश्वशांति के लिए खतरा बन रहे चरमपंथियों पर अमेरिका कार्यवाही के लिए मजबूर भी हो सकता है।

इस तरह नरेंद्र मोदी के इस अमेरिकी दौरे में ट्रंप की गर्मजोशी और मेहमानवाजी साम्यवादी चीन के लिए एक संदेश है जो अक्सर उत्तर कोरिया को भड़का कर विश्व शांति के लिए खतरा बनने की कोशिशों में जुटा है। अमेरिका के पास वर्तमान में चीनी अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने तथा दक्षिण चीन सागर में उसकी दादागिरी से निपटने के लिए भारत सबसे मुफीद है। एशिया के अंदर अमेरिकी वर्चस्व को कायम रखने के लिए उसे भारत को नजदीकी साझेदार बनाना होगा। 

इस तरह अगर देखें तो भारत के नजरिए से उसे संयुक्त राष्ट्र स्थाई सुरक्षा परिषद तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता के लिए फिलहाल अमेरिकी सहयोग की सख्त जरुरत है जिसे ट्रंप पूरा करते भी दिख रहे हैं।

लेखक:- अश्वनी कुमार, जो ब्लॉग परकहने का मन करता है’ (ashwani4u.blogspot.com) के लेखक हैं... ब्लॉग पर आते रहिएगा...



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