06 February 2020

सिंहासन

ये फिजाएँ हिंदुस्तानी है ! यहाँ कि मिट्टी वीरों को पैदा करती है ! वीरता उस कोख से जन्म लेती है जहाँ की माताएँ रक्त चंदन का तिलक लगा बेटों को बोर्डर भेजती है !

शेर अकेला चलता है ! जंगल का सन्नाटा ही शेर की मौजूदगी बयां करता है ! ध्यान रहे की उसी वीरता का ध्वजवाहक आज सिंहासन पर बैठा है ! राष्ट्रवाद का रस पी के देखो... आंखों में भांग सा नशा छा जाता है, चाल शेरों सी हो जाती है !

आजादी जिगर से आती है गले फाड़कर चिल्लाने से नही !
अधिकार मेहनत से मिलती है टैक्सपेयर्स के खैरात से नही !
शिक्षा संस्कारों से निपुणता प्राप्त करती है, राजनीति से नहीं !


खूब लगा लो आजादी के नारे, मगर एक बार तो बकलोलों सिंहासन पर बैठे शेर की तरफ देख लो ! आजादी देगा, खूब देगा, मन भर भर मतलब देगा, मांगने से कही ज्यादा और जबर्दस्ती देगा मगर याद रहे ये आजादी देश के लिए होगा !


जिस राजा का मंत्री निडर हो उसका राज्य हमेशा प्रगतिशील होता है ! बौद्धिकता की शह पर आधुनिकता के हिंसक पंजे से देश को लहूलुहान करने वाले संभल जाएं ! बार बार दिख रही आजादी की ये ट्रेलर कुछ संकेत कर रही है !
भूल जाओ अपना झूठा इतिहास ! कुत्ते की तरह चंद रोटियों के लिए देश का भूगोल बदलने वाले दोगलों सावधान रहें ! याद रहे कि जंगल का राजा सिर्फ शेर होता है ! वही शेर जो चुपचाप शिकार करना जानता है ! जिसकी दहाड़ अजीब सी सन्नाटा पैदा करती है !
संभल जाओ ! बुढ़ापे तक इस सेनापति के नाम से कांप उठोगे!
क्यों फिजाये बदली हैं ! ये भूमि की हरियाली, आसमान की लालिमा और न्याय का चक्र जीवंत हो उठा है !


बदलेगा बहुत बदलेगा ! लम्बा वक्त है ! इतिहास बदला जा रहा है !बस ध्यान से देखते रहिये उस सिंहासन की तरफ जहाँ का राजा कैसे इस मिट्टी के साथ न्याय कर रहा है !

ये हिंदुस्तान है जनाब, सभी का खून शामिल है यहाँ की मिट्टी में ! किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े है ! धैर्य रखिये सबकी बजेगी ! बजने की शुरुआत हो चुकी है... सबकी बराबर बजेगी...
किसी के बाप का डंडा थोड़े है...
Image result for राष्ट्रवाद imageजय हिंद 

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