20 June 2018

महबूबा से आशिकी


जम्मू कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार बनी| दोनों ओर के नेताओं ने उछल-उछल कर कश्मीरियत-जम्हूरियत का मुजरा देश के सामने पेश किया| घोर राष्ट्रवादी पार्टी माने जानी वाली भाजपा ने एक ऐसी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई जिसका आस्तित्व, जिसका वजूद पाकिस्तानपरस्ती पर टिका है| अलगाववाद और आतंक के पोषक के रूप में घाटी में बैठकर लाशों की राजनीति का डंका बजाने वाली पीडीपी का समर्थन मात्र भाजपा के चरित्र पर काला धब्बा लगा गया है| गठबंधन की सरकारें नुकीली किल पर टिकी होती है| मगर भाजपा ने जिस तरह साढ़े तीन साल तक राष्ट्र की सुरक्षा एवं मर्यादा से समझौते कर सरकार चलायी वो जमीर को गिरवी रखने जैसा है|

देशद्रोही से मिलकर देश चलाना देशद्रोह से कम नहीं है| फिर भी राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ है| सब को पता है की कश्मीर से पाकपरस्तों को सत्ता से उखाड़ना आसानी से सम्भव नहीं!
केंद्र में आप बैठे हो! सेना आपके नियंत्रण में है!
अफ्स्पा लागु है!
जवानों के चौड़े साइन पर भारत माता की बुलंदी है! देश का समर्थन है!
फिर भी वहाँ सरकार बनाकर सेना को दबाव में क्यों लाया?
गठबंधन के नाम पर सेना की राह में रोड़े क्यों बने?
सरकार में बने रहने का लालच क्या सेना के जवानों की हौंसले नही तोड़ी?
महबूबा की आशिकी में फँसकर आपने घाटी और देश का कौन सा विकास कर डाला?

चले थे जाहिलों को लैपटॉप थमाने!
उनकी बन्दुक और पत्थरों की भाषा अब क्यूँ समझ आई?
आप उन्हें लैपटॉप दोगे, वो उन्ही लैपटॉप से बम बनाने की तकनीक सीखकर आपको उड़ायेंगे!
आप उन्हें पैसे दोगे वो आप के ऊपर गजवा ए हिन्द का सपने देखने वालों के ऊपर इन्वेस्ट करेंगे!

भाजपा होगी अति राष्ट्रवादी मगर कश्मीर में आपका राष्ट्रवाद हार गया!
सेना के फौलादी जोश को सत्ता के लिए कुंद किया! गोली खाने को मजबूर किया! शस्त्र चलाने तक मनाही की! न जाने देश के कितने सपूतों को शहीद करा दिया!

किसके कहने पर पैलेट गन बंद किया?
हज़ार किलोमीटर दूर बैठकर एसी कमरों में पैलेट गन बंद करने का आदेश आपने कैसे मान लिया?
राष्ट्र प्रथम है या मानवाधिकार! अगर मानवाधिकार प्रथम है तो पूछिये उन काले अंग्रेजों से की सेना इन्सान है या जानवर!

कश्मीरी पंडितों का क्या किया आपने?
देश में लोगों की मेहनत का अरबों-खरबों कश्मीर में भारत मां को गरियाने वालों पर किससे पूछकर फूंका?
कितने कश्मीरियों से भारत का उद्घोष करवाया?

सत्ता के नशे में मदहोशी प्राणघातक होगी!
विकास होता आया है, हो रहा है और होता रहेगा! आप के सत्ता में रहने न रहने से कोई ज्यादा प्रभाव न पड़ेगा!
मगर ये समझने की कोशिश करिये की सत्ता के केंद्र में राष्ट्रवादियों का शासन यूँ नही आता!
बनना पड़ता है, तपना पड़ता है किसी मोदी को, सींचना पड़ता है उसे राष्ट्रवाद से तभी दिल्ली का सिंहासन उसे 60 सालों बाद स्वीकारता है!

यूँ जाया न कीजिये इसे, खून पसीने से सिंचित राष्ट्रभक्तों का जूनून लगा है इस दिल्ली की सिहासन में!
60 साल बनाम 5 साल की इस लड़ाई में मत उलझिए!
जनता की भावनाओं का सम्मान कीजिये!
घाटी को फिर से जिन्दा बनाईये!
बंजर कश्मीर में हरियाली लाइए!
महबूबा से आशिकी के चक्कर में जो बदनामी हुयी उसकी पूर्ति कीजिये!
सेना का मास मूवमेंट शुरू कीजिये!
राष्ट्रपति शासन के माध्यम से खुलेआम सेना को कण्ट्रोल दीजिये!
संविधान कानून आड़े आये संशोधन कर डालिए!

विश्व महाशक्ति को आप साधिये, सेना पाकिस्तान और कश्मीर को ठिकाने लगा देगी!
चौतरफा हमला कीजिये, आजादी गैंग अपने आप ठिकाने लग जायेगा! 
सेना जबरदस्ती आजादी देगी बिना मांगे! 
सभी राष्ट्रविरोधी गतिविधों पर एकाएक हमले कीजिये! तोड़कर रख दीजिये!

2019 की मंजिल कश्मीर से होकर जा सकता है! भाजपा घाटी के बदौलत 2019 फतह कर सकती है!
जनता आप के साथ है!
विरोधियों की पाकपरस्ती कुचलने का शानदार मौका है!
पॉलिटिक्स बाद में हो लेगा, जनता का सपोर्ट है तो कुचल डालिए!
देश के लिए संविधान की अवहेलना जायज है!
बस एक बार राष्ट्रवाद का जलवा बिखेर कर रख दीजिये...
देश के इतिहास में मोदी नाम का सितारा चमक उठेगा...

© अश्वनी

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