22 May 2020

बिहार बेकार है क्या ?

#Industryinbihar 
हमारा अनमोल बिहार बेकार है क्या ? इस लॉक डॉन में बिहार के प्रवासी मजदूरों कि जो हकीकत मीडिया के माध्यम से हम तक पहुंची उसने हमारे रोंगटे खड़े कर दिए !
वाकई देश को राजनीति का पाठ पढ़ाने वाला बिहार क्या राजनीतिविहीन हो चुका है ? क्या रोजगार और मजदूरों के मसले पर हमारा प्रदेश बिल्कुल असक्षम हो चुका है ? 
15 साल हमने एक पिछड़े के नाम पर बागडोर सौंपी लेकिन उसने दगा दिया तो हम बिहारियों ने पलटवार करते हुए एक साफ-सुथरी छवि वाले जमीनी नेता को बिहार के सिर पर विराजा !
मगर इन 15 सालों में राजनीति, वाहवाही के अलावा रोजगार और उद्योग धंधों के मसले पर कोई खासी प्रगति दिखाई नहीं दी !

लोग यूं ही ट्रेनों में शौचालय तक में भर भर कर दिल्ली मुंबई सूरत कमाने जाते रहे! बिहार की श्रम शक्ति दूसरे राज्यों की तरक्की में अपना खून पसीना सींचती रही ! लेकिन शायद केंद्र और राज्य सरकार को इसकी कोई भनक तक नही थी ! 
अपना पेट भरा हो न साहेब तो दूसरे की भूख की आह सुनाई नही देती !
मान लिया हमने कि आपकी पिछली सरकार जिन्होंने 15 साल बिहार में राज्य किया उसने लूट खंसोट कर उद्योग धंधों समेत लगभग तमाम रोजगार की संभावनाओं को खत्म कर दिया ! 
मगर आपने इन 15 सालों में उसे जीवंत करने की कोशिश क्यों नहीं की ? 
झारखंड का बंटवारा हुआ, सारे प्राकृतिक खनिज संसाधन झारखंड के हिस्से चले गए और बिहार को ठेंगा मिला !

चूंकि बिहार एक लैंडलॉक्ड स्टेट है सो कोई व्यापारिक कंपनियों के यहां उद्योग धंधे बसाने की कोई संभावना है दूर-दूर तक तो दिखती नहीं है !
टैक्स में कोई छूट देते नही हो आप ! दारूबाजी की तिकड़म में राज्य का खजाना खाली कर चुके हो ! नौकरियों में स्थानीय आरक्षण लागू करने की जगह गैर बिहारियों को खैरात बाँट रहे हो !
नौकरी दी भी कितनी है शायद नौकरियां बिहार में खरीदी जाती है !
100 तरह की योजनाएं बना डाली ! 
नाली गली पेयजल, ये निश्चय वे निश्चय, मगर लांग टर्म रोजगार कहाँ दी ये बताइये ! मनरेगा में मजदूर काम कर रहा लेकिन 2 महीने में सड़क बन गयी, नहरें तालाब खुद गयी फिर.... बेरोजगार बना दोगे ! ये मजदूरों के पलायन की मुख्य वजह यही है !
उद्योग-धंधे को बढ़ावा नही मिल रहा ! 
आदमी कहाँ जाए... ? 
प्रति व्यक्ति आय न्यूनतम है महाशय यहां की ! केंद्र क्यों सोचेगा आपको स्पेशल स्टेटस के लिए ? माइग्रेंट्स वर्कर्स यहाँ की ताकत है ! अब यूज़ कीजिये, ये कोरोना शायद बिहार के लिए गेम चेंजर साबित हो ! नही तो बिहार पिछला था, है और आगे रहेगा इसकी भी संभावनाएं प्रबल है !

मजबूर कीजिये उद्योगपतियों को !
एक बेहतर रणनीति तैयार करनी होगी बिहार के किसी हिस्से में एक बड़ा सा स्पेशल इकोनामिक जोन बनाना होगा, केंद्र सरकार को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है !
इसलिए कड़े नीतिगत फैसले लेने की जरूरत है राज्य के स्तर पर ! मगर बिना केंद्र के तो संभव नहीं दिखाई देता है !
राज्य का राजस्व बहुत ही खराब और दयनीय स्थिति में है !शराबबंदी से कुछ हासिल नहीं कर पाए सिवाए वाहवाही के मगर अब सोचना होगा !
बैंकों से जबरदस्ती कर्ज दिलवाइये उद्योगों को ! यहाँ के लोगों के जमा पैसे से अन्य राज्यों के उद्योगपतियों को लोन देकर NPA करवा ले रहा ! यहां की जमा राशि की तुलना में पैसे देने के लिए बाध्य कीजिये ! सारी लाईसेंस व्यवस्था ऑनलाइन करिये !

सड़कों पर पैदल चलती हमारी श्रम शक्ति और इस देश की आन बान और शान नारी शक्ति जो अपने बच्चे को बैग पर लादकर नंगे पांव सड़कों पर चलती दिखी क्या यही हमारे हिंदुस्तान में बिहारियों का अस्तित्व है ??? 
#Indusryinbihar

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