हमारा स्वाधीन भारतवर्ष अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ मना रहा है ! 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक संस्कृति का भारत से अंत हुआ और हमें दो टुकड़ों में विभाजित, खंडित और रक्तरंजित भारतभूमि को स्वीकारना पड़ा !
हिंदुस्तान का अस्तित्व ब्रिटेन के गोरों और कुछ मजहबी पापियों ने तय किया ! चरखे से अंग्रेजों को भगा देने की गाथा हमनें खूब सुनी है लेकिन देश को बांट डालने की साजिश पर पर्दे क्यूं डाल दिया जाता है !देश के विभाजन का त्रासद सच यह है कि हमनें अपने टुकड़े करके भी एक ऐसा पड़ोसी पैदा कर दिया, जो हज़ार साल युद्ध करने की मानसिकता पाले हर वक्त बैठा होता है !
जरा सी सुरक्षा चूक पर शहर के शहर उड़ा देने की नापाक साजिश रच दी जाती है !
भारत का रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ की है.. मतलब सैंकड़ों देशों की जीडीपी भी इतनी नहीं होगी ! सरकार राफेल, मिसाइल, अटैक हेलीकॉप्टर आदि खरीदती रहती है इसका पैसा हमारी जेब से लगता है !
सोचिए ये पैसे देश की अर्थव्यवस्था में अगर खर्च होते तो हम कहाँ पहुंच गए होते ! अमेरिका सहित सभी पश्चिम देश ललचाये गिद्ध की भांति हथियार बेचने भारत की तरफ ही क्यों देखते हैं !
ये बेतहाशा खर्च सिर्फ इसलिए है कि हमारी अपनी भूभाग को धर्म के नाम पर काट देने के बाद भी उनका रक्त पिपासा कम नहीं हुआ.. हर दिन भारत को बर्बाद करने की कसमें निकाली जाती है ! भारत का अधिकांश रक्षा बजट उस नापाक देश के लिए खर्च हो रहा है जिसे बांट देने के बाद शांति के सपने हमारे अल्पबुद्धि नेताओं ने देखा था !
ये चीजें अब उन्हें सुननी होगी.. आजादी दिलाने का तगमा जिस भी नेता को मिलेगा उसे विभाजन की विभीषिका का जिम्मेदार अनिवार्य तौर पर माना ही जायेगा !
गरीबी, भुखमरी, कुव्यवस्था से लैस भारत को अंग्रेजों ने छोड़ा था.. हमनें दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश होने के बावजूद भी इन 75 वर्षों में अकल्पनीय विकास किया है !
आजादी का अमृत महोत्सव इस भारतवर्ष के गौरव गान है..
इतने त्रासद इतिहास के बावजूद भी हम उठ खड़े हुए हैं और अपनी 130 करोड़ आबादी को साथ लेकर महाशक्ति बनने की ओर भी लगातार अग्रसित भी हैं !
#जय_हिंद 🇮🇳