08 November 2017

नोटबंदी स्पेशल

नोटबंदी के एक साल पूरे हुए!
लाइन में लगी जनता और दर्द नेताओं के चेहरे पर दिखा! खूब उछल कूद मचाया नेताओं ने!

बड़े-बड़े मौन मोहन भी बोल पड़े!
बड़े-बड़े प्रकांड अर्थशास्त्रियों के शास्त्र की साकी नाका कर डाली मोदी ने इस एक दिन मे!
ढेरों नियम कानून रोजाना के हिसाब से बदले गए नोटबंदी के दौरान, मगर जनता उग्र न हुई!

लिखकर रख लो कि अगर यही नोटबंदी कांग्रेस सत्ता में रहते करती तो यह जनता कांग्रेस का इतिहास भूगोल सब बदल कर रख देती!
लेकिन मोदी को सामने देखकर जनमानस में जो भरोसा और विश्वास जनता की आंखों में दिखती है वही राष्ट्रवाद है!
जो निष्ठा मोदी के प्रति लोगों का है वही आकांक्षा में बदल कर मोदी को राष्ट्रवादी बनाता है और सपोर्टर को भक्त!

कांग्रेस समर्थक चाटुकार क्यों कहे जाते हैं और मोदी समर्थक भक्त क्यों बुलाए जाते हैं येअंतर विचारधारा का नहीं बल्कि खानदानी चाटुकारिता की सुतियापे का है!
मोदी को जनता ने चौकीदार बनाया है इसलिए वे जब जैसे चाहे देश की रखवाली करें...
कुत्ते भोंके तो रोटी मत खिलाओ! मोदी को लाठी सौंपो और हिम्मत जगाओ!
फिर दे दना दन... देखो कौन कैसे भौंकता है...

नोटबंदी से अर्थव्यवस्था बेहतर हुई या सुस्त हुई ये कोई नहीं बता सकता क्योंकि सब मनमोहन साहेब नहीं है!
हमें कोई डिस्कशन नहीं करनी!
ब्याज दर बड़े या कमे या कर्ज सस्ता हो या महंगा!
बस हमें भारत चाहिए कांग्रेस वाला इंडिया नहीं! गरीब को रोटी चाहिए और युवाओं को रोजगार!

आज जो भी नोटबंदी के 1 वर्ष पूरे होने पर उछल कूद मचा रहे हो याद करो की उस दिन तू ही सबसे बेचैन थे! बैंक में सारा पैसा लौट गया और मतलब नोटबंदी असफल हो गई!
पैसा भी तुम्हारा और आंकड़ा भी तुम्हारा!
कहां से डिग्री खरीदे हो बे! पक्का किसी चिदंबरम के हाथों डिग्री मिली होगी राहुल बाबा के सुझाव पर!

अभी वक्त है खूब ज्ञान बांट लो इकोनॉमिक्स का!
जितना कोशिश कर सकते हो कर लो मोदी को बदनाम करने का!
चुनाव सामने है, आँकड़े मोदी के पास है! समझ लो जब रैलियों में गरजेगा तो अभी 44 पर अटके हो, हो सके तो स्कूटी पर बैठकर संसद जाने लायक बचाओगे!

सरकार मोदी की है, मोदी देश का है, देश की जनता का है और जनता पहले देश के लिए है!
मोदी अगर तानाशाह है तो भी हमें स्वीकार है, लिबरल है तो भी चलेगा मूर्ख अर्थशास्त्री है तो भी विकास करेगा !

अब देखो कैसे होता है मोदी विरोध.....

जेटली अति चतुर है! लोगों की परेशानी का जीएसटी बना रखा है!
बैंक वाले सीधे मुंह भी नहीं लगते गरीबों से!
बुजुर्गों को परेशान कर रखा है सालों ने! दौड़ा दौड़ा के चप्पल कंपनी की बिक्री बढ़ा दी है!
जीएसटी का बखेरा छोटे कारोबारियों के लिए उदार बने! जेटली को समझाइए कि हावर्ड ऑक्सफोर्ड वाला अमेरिका नहीं बल्कि नालंदा वाला भारत है!

अर्थशास्त्र को अंग्रेजीयत में मत घुसेड़िये! भारत वाला ही रहने दीजिये!
देश की इकॉनमी ग्रामीण महिलाओं की पल्लू में बंधे पैसे पर भी निर्भर है और अय्याशों के शौक पर भी!

हमने तब भी नोटबंदी का समर्थन किया था और अब भी कर रहा!
कोई आँकड़ा नहीं चाहिए! नोटबंदी का सफाई पेश करना बंद करो!
जनमानस साथ है तो विपक्ष की से क्यों डरते हो?
विपक्ष का जनता उखाड़ लेगी...
चुपचाप आँकड़े निकालो और कार्रवाई शुरू करो!
सब जब्त करो और सालों को माइक थमा के राष्ट्र के नाम संदेश दिलवाओ!
फिर से 56 इंच दिखाओ...
पेंट गीली कर के रख दो...
#नोटबंदी_के_लिए_अभिनंदन_आभार

 अश्वनी ©


No comments:

Post a Comment