अति आत्मविश्वास का परिणाम अहंकार होता है और अहंकार का परिणाम असफलता होती
है!
उसे पता होगा की 2019 सामने है! जनता फिर से सिहांसन खाली कराने आएगी!
4 साल में बीजेपी ने जो काम किया वो अंतिम एक साल के परफॉरमेंस पर निर्भर करता
है की सत्ता किसके पास जाएगी!
मोदी ये भी न भूले की वो विकास पुरुष हैं और विकास के दम पर फिर से सत्ता
हासिल कर लेंगे!
वो मर्द हिंदूवादी छवि के बदौलत ही पीएम बने हैं और आगे भी बनेंगे!
कोई माने या न माने, जनता से उनका लगाव कम ही रहा है!
हर वक्त वो चापलूसों से घिरे रहे हैं! उनलोगों ने चुनाव जितना प्रथम लक्ष्य
बना डाला है!
प्रधानमंत्री कब कितने गाँवों में गये और लोगों से मिले, उनकी समस्याएं जानी?
सिक्यूरिटी के नाम पर जनता से कनेक्शन न होना देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक
है!
निक्कमे नौकरशाह और पत्तलचट्ट राजनीतिक चापलूस देश के विकास में बड़ी बाधा है!
बीजेपी को इससे अभी कोई मतलब नही है! उसका एकमात्र और अंतिम लक्ष्य चुनाव
जितना रहा गया है!
मगर प्रधानमंत्री को सावधान होना होगा!
अभी उत्तरप्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी को फूलपुर और योगी के गढ़ गोरखपुर में
तथा बिहार के दो सीटों पर जो करारी हार मिली है वो 2019 के लिए बड़ा संकेत है!
प्रधानमंत्री का रास्ता ऊपी और बिहार के रास्ते ही दिल्ली जाती है!
अगर ये दोनों राज्य भाजपा के हाथ से निकले तो सारा अहंकार और अच्छे दिन का
जुमला मिटटी में मिला देगी जनता!
सावधान रहे! सतर्क रहे! और राज करते रहे!...
अश्वनी
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