स्वतंत्रता का
गौरवगान है हमारा ये तिरंगा! आत्मसम्मान का रक्षक है ये तिरंगा! इतिहास का जीवंत
गवाह है ये तिरंगा! शहीदों की आन-बान-शान है ये तिरंगा!
इन तीन रंग का
महत्व शहीदों की माँ से पूछो! वीर जवानों की पत्नी से पूछो! अपने लाडले को सेना
में भेज रही माँ से पूछो! डबडबाई आँखों से बेटे को बॉर्डर पर भेज रहे निरीह पिता
से पूछो की स्वतंत्रता की कीमत और तिरंगा का अभिमान क्या है! आत्मसम्मान क्या है!
आजादी क्या है! कर्तव्य क्या है! इसका मोल क्या है!
बड़ी हिम्मत
चाहिए पूछने को ऐसा! कितने बड़े वाले निर्जीव व्यक्ति हों आप मगर इंसानियत और देश
के प्रति प्यार अगर है तो नहीं पूछ पाओगे!
बयानों से देश
नहीं चलता! तिरंगे के नीचे खड़े होकर शपथ लेने से गद्दार के खून में ईमानदारी नहीं
पनपती! एक दिन तिरंगे फहरा देने से कोई देशभक्त नहीं हो जाता!
टेलीविजन पर
बड़े बड़े वाले देशभक्त दिख रहे होंगे कुछ वो बरसाती मेढक है जो देश में रहकर हक़ से
गरियाता है और हमलोगों के ईमानदारी वाले टैक्स के पैसे पर हराम का खाता है!
तिरंगे का
सम्मान करने वाला संघी है! आतंक को पनपा कर पाक का झंडा लहराने वाला भटका हुआ
नौजवान है!
लाल चौक पर
तिरंगे की शान की रक्षा के लिए वीर सैनिक पत्थर खाते हैं! नेता मलाई चाट रहा मगर
किसी को सूंघने तक नहीं दे रहा!
राष्ट्रवाद की
भावना का सम्मान देशभक्ति का घोतक है! हिन्दुस्तानी युवाओं का देश के प्रति जूनून
सेना में जोश का ज्वर पैदा करता है! ये जो गली-गली बचपन में हमलोग तिरंगे लेकर
नारे लगते घूमते थे न की “जो भारत से टकराएगा, चूर चूर हो जायेगा” इसी देशभक्ति
जूनून में ये तिरंगा अभी में सामने आते मदहोश कर देता है! कुछ नहीं सूझता देश के
आगे!
राष्ट्र
सर्वप्रथम, सर्वोपरि की भावना यूँ नहीं आती! तपना पड़ता है देश के लिए! जीवन,
जिंदगी और जवानी बर्बाद करनी पड़ती है तब जाकर किसी माई का लाल का कफन ये तिरंगा
बनता है...
देशभक्ति की
निर्झर बहती रसधारा में बहना पड़ता है किसी सपूत को! यूँ नहीं शहीदों की यात्रा में
फूल बरसते! वीरता के नारे लगाकर देश के उस अमर जवान को अगले 7 जन्मों के लिए अमर
बना दिया जाता है!
स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाओं के साथ भारत माँ के प्रति सच्चे देशभक्त
की निष्ठा और विश्वास को मेरा वंदन...
✍ अश्वनी
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