27 November 2018

स्टैचू ऑफ यूनिटी

सरदार पटेल की अडिगता को मूर्तरूप देकर उनके विचारों को पुरुषार्थ सिद्ध करने वाले मोदी जी का सादर अभिनंदन!
विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति कहे जाने का गौरव सरदार पटेल का नहीं बल्कि उन तमाम भारतवर्ष के सपूतों का है जो अब भी भारत की एकता को बनाये रखने का समर्थन करते हैं! भारत की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने का सामर्थ्य ही हमे भारतीय होने का गौरव प्रदान करता है!
राजनीति फैशन शो की तरह है! नेता जितना एक्सपोज़ करेंगे, डिमांड उतनी बढ़ेगी! राजनीति होती रही है और होती रहेगी भी चाहे वो सरदार पटेल जैसी शख्सियत हों या गांधी जैसे महापुरुष! सरकार मूर्ति बनाये, पार्क बनाये या फुलझड़ी बनाकर रख दे मगर नेता को गहराई दिखती! उसकी हालत पार्कों में मजनूओं की रोमांटिक सीन को दिनदहाड़े देखते अधेड़ की तरह होती! होगा नही मगर देखेगा जरूर...
करोड़ो की मूर्ति बन गयी! पैसा विकास में लगना चाहिए! गरीबों को रोटी, कपड़ा, मकान बांटों!
ये बोलने वाले अक्ल के अंधे को जरा पूछों की राष्ट्र की एकता को प्रदर्शित करने वाली सरदार पटेल की स्टैचू के पैसे से अगर विकास हो जाता तो हर चौक चौराहे पर तुमने इतने सालों में अरबों-खरबों की मूर्तियां क्यों बनवाई! आज भारत की अपनी हैसियत है तो उसने अपने लौहपुरुष की प्रतिमा बनाई वो भी ताल ठोककर अपने दम पर! अमेरिका चाइना से कहीं बड़ा और भव्य! जब देश में भुखमरी और गरीबी चरम पर थी तब ये हर चौराहे पर स्तम्भ खड़े कर देने की औकात किसने दी थी!
आज भारत आत्मनिर्भर है! उसकी अवकात इतनी है कि दुनिया की महाशक्तियाँ समान बेचने के लिए जी हुजूरी करती फिर रही है! एक टाइम खाना खाकर रहने वाले गरीब मजदूर के टैक्स वाले पैसे को किसी कोठे (स्विस बैंक) पर गिरवी नही रखी जा रही! भारत माता का सर गर्व से ऊंचा होता है जब उसके प्रधानमंत्री की आगवानी में राष्ट्राध्यक्ष घण्टों इंतजार करता है!
सरदार पटेल के माध्यम से ये देश दुनिया को ये संदेश देता है कि हमारी एकता और अखंडता हिमालय की भांति अडिग है! इसे तोड़ने की साजिश करने वाले याद रखें कि ये पंडित जी का जमाना नहीं रहा! सरदार पटेल के रास्तों पर चलने वाले एक सच्चे भारतीय की हाथों में इस देश की कमान है! जिस देश में अपने महापुरुष की दुनिया में सबसे भव्य प्रतिमा बना देने का कुव्वत हो उसे हल्के में लेने की गलती मत करना!
चुनावी बयानबाजी घोषनाबाजी होती रहेगी! देश के मसले पर साथ आइये, गद्दारी को ठिकाने लगाइये! निडरता को अडिगता के साथ रखकर चलिए! पटेल को आदर्श मानिये या मत मानिये बस देश के लिए सही सोचिये! यही अपेक्षायें हमें भारतवर्ष की प्रति निष्ठावान और सतत ईमानदार पीढियां पैदा करेगी! गर्व कीजिये कि आप उस देश में हैं जहाँ की महापुरुषों की मूर्ति की ऊंचाई सबसे श्रेष्ठ है जिनके विचारों की तुलना उनकी शख्शियत के सामने बौनी है...
हम सभी से श्रेष्ठ हैं... सभ्यता से, संस्कृति से और भाषाई समृद्धता से... जश्न मनाइये... 

 अश्वनी ©



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