देश
के लाडले वीर-पराक्रमी सेना को इस 73वीं स्वतंत्रता दिवस की
पूरे जी जान से बधाइयाँ !
आसान
नही होता सेना में जाना और माँ भारती का हो जाना ! तिरंगे में लिपटकर आना और समूचे
देश को रुला देना !
कुव्वत
हैसियत और नसीब चाहिए तब कोई माई का लाल बॉर्डर पर तिरंगे के लिए शहीद हो जाने का
जुनून रखता है !
आप कितने अमीर या बुद्धिजीवी बनो ! मगर शान साहस की होती
है, पूजा
शस्त्र की ही कि जाती है !
बंदूक
लेकर बॉर्डर पर लड़ना अगर देशभक्ति मानते हो तो समझो चूतिये हो तुम ! लड़ना पड़ता है
हर सेकंड खुद से हर एक फौजी को ! घर की यादों से, बीबी की जुदाई से, जिगरी दोस्तों का साथ छूटने
से ! ये सब सोचना जब इतना कठिन लग सकता है तो सोचो ये वीर कैसे झेलते हैं यार !
देश
के आंखों का तारा हैं ये ! ये तिरंगे में लिपटकर अंतिम यात्रा विरले नसीब होते हैं
किसी को ! अदम्य साहस और वीरता की मूरत है हमारी फौज ! 370 अभी हटा है मगर आजाद
हिंदुस्तान को जिंदा रखने वाले, हमारे कश्मीर को सुरक्षित रखने वाले यही फौजी हैं ! गोली
के इंतजार में फौलाद की तरह खड़े होते हैं ये !
गाँव
की पगडंडियों पर दौड़कर भागकर कोई लाल फौजी बनता है ! बुढे माँ बाप का उम्मीद हमारे
लिए सीमा पर लड़ने जाता है ! ये हिंदुस्तान की उस मिट्टी की पैदाइश होते हैं जिसमें
हमारे वीर भगत सिंह, आजाद
का हर कतरा अंदर समेटे बैठा है ! इस मिट्टी की सोंधी खुशबू में हमारे आजाद भारत की
महक है ! क्योंकि कोई गरीब किसान का बेटा इन्हीं मिट्टियों से खेलते खेलते इतना
प्यार कर बैठता है कि मर मिटने को तिरंगा थामकर बॉर्डर पर खड़ा हो जाता है !
आसान
नही है यार सेना के लिए लिखना ! उंगलियां कांप जाती है, आंखें गीली हो जाती है !
जोश उबाल मारता है ! शब्द छोटे पड़ रहे हैं !
रहने
दीजिए, बस
एक काम जरूर कीजिये...
जहां
भी सेना के जवान दिखे फौरन जय हिंद का उद्घोष करिये ! हाथ मिलाइये, हौसला बढ़ाइए ! मन करे तो
पैर छू लीजिये !
बस
रेलवे जहाँ भी दिखे फौरन सीट खाली करिये ! इज्जत दीजिये, जिनकी दुकानें हैं वो समान
का दाम जितना संभव हो कम करे ! जवानों के परिवारों को सम्मान दीजिये ! बेहिचक मदद
कीजिये क्योंकि उनको मदद करने वाला लाल हमारे लिए गया है बॉर्डर पर !
सम्मान
लाना होगा, देश
बदलना होगा !
क्योंकि...
"दिल दिया है जां भी देंगे, ये वतन तेरे लिए...
हर
कर्म अपना करेंगे ये वतन तेरे लिए..."
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