01 July 2021

● धरती के भगवान ●


आज डॉक्टर दिवस है ! कोविड महामारी से उबर रहा संसार आज समस्त डॉक्टरों को नमन कर रहा है ! 

आप इस धरती के भगवान कहे जाते हो ! मतलब इंसान को निरोग रखने की पूरी जबाबदेही सिर्फ आपके कंधों पर है !

संकटों से घिरा मानव अपने जीवन की तलाश में सिर्फ आपके ऊपर निर्भर हो जाता है !

एलोपैथ, आयुर्वेद और होमियोपैथ के सभी डॉक्टर मानव जीवन के प्रति अपनी सेवा के लिए बधाई के पात्र हैं !

हाँ, मगर एलोपैथ के विकास के ऊपर दुनिया ने सबसे अधिक पैसे खर्चे हैं इसलिए जिम्मेदारी का ज्यादा बोझ उन्हें ही उठाना है !

इस देश की सरकार अपने नागरिकों की गाढ़ी कमाई से वसूल किये गए टैक्स से आपको सरकारी अस्पतालों में बहाल करती है ! 

ताकि आप उनके नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करें...

डॉक्टर बनकर पैसे कमाने का उद्देश्य रखने वाले लोगों को यह ध्यान रहे कि आपके अलावा भी कोई ईश्वर है ! 

पैसे कमाना हो तो 50 साधन है, मगर इतने परोपकारी क्षेत्र को यूँ बदनाम करना अन्याय है !


मरीजों के साथ बेशक मानवीय व्यवहार करें... वह बेचारा दुखी रोगी, कम पढ़ा लिखा व्यक्ति कितने आशा के साथ आपके पास आता है मगर आपकी एक बदजुबानी उन्हें अंदर तक काफी चोट पहुंचा देती है !

आप अपने पैसों के सनक और फार्मा इंडस्ट्री के दिए गए लालच पर काफी महंगी दवाएं लिख तो देते हैं मगर आपकी इन दवाओं का उस परिवार की आर्थिक स्थिति और देश की अर्थव्यवस्था पर कितना नकारात्मक प्रभाव पड़ता है शायद इसका आपको अंदाजा नहीं होगा !

वो  मरीज किसी से कर्ज लेकर या गहने रखकर आपके पास कितने आशा से आया हुआ होता है लेकिन कितनी आसानी से उसे अपनी सेटिंग वाली लैब में भेज कर कमीशन कमाने की लालसा रखते हो ! ज्यादा परसेंटेज देने वाली कंपनियों की दवा लिख तो देते हो लेकिन कभी सोचा है कि आपके इस कृत्य से कोई परिवार गरीबी के दुष्चक्र से कभी निकल ही नहीं पायेगा...


अगर किसी व्यक्ति में मानवता की सेवा करने का उद्देश्य है तभी वह डॉक्टर प्रोफेशन में आएं अन्यथा लूट खसोंट करना हो तो लुटेरे बनने में भी क्या दिक्कत है..

आपके ऊपर समाज की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है ! समाज को स्वस्थ रखने की जबाबदेही है तभी देश स्वस्थ रहेगा, हमारी अर्थव्यवस्था स्वस्थ होगी ! हमारा विकास तीव्र गति से होगा...

परंतु आपकी लालच और पैसे के अंधेपन में समाज में कितनी गहरी जड़े खुद रही है इसका कभी अंदाजा लगाना मौका मिले तो लगा लेना... 

कम से कम किसी गरीब के आंखों में चमक रही उम्मीद का ही मोल रख लेना...

इंसानियत बची होगी तो उंगलियां जेनेरिक दवाईयां ही लिखेंगी...

वरना इस जंगल में भेड़ियों की कोई कमी थोड़ी है... 

#जय_हिन्द 🇮🇳



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