मैं गर्व करता हूँ की मैं ऐसा नागरिक हूँ जो किसी की बेड़ियोँ में नहीं जकड़ा, अव्यवस्था पर खुलेआम सवाल उठाता हूँ और अपने ब्लॉग पर स्वछन्द लेखन करता हूँ| महत्वकांक्षाओं और उम्मीदों के सहारे जीनेवाले हम युवा गिलहरी की भाँति ही सही लेकिन सुधार और आत्मसम्मान के सेतु को विकसित करने में बेशक अपनी भूमिका निभाते रहेंगे और मुखरता-बेबाकी से अपने ब्लॉग पर लिखते रहेंगे.... आते रहिऐगा.....
Saturday, 20 June 2015
मै वही लिखता हूँ, जो हम और हमारे आसपास के लोग देश और दुनिया की घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। लिखना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन अबतक कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ, जो किसी के अंदर के विचारों को मार दे। लिखना शुरू से ही मेरा शौक रहा है, जो संभव है की आगे हमारे पेट-पालने का एक जरिया भी बनेगा..... आते रहिऐगा.....

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