प्रखर राष्ट्रवाद एवं हिन्दुत्व की विचारधारा से ओतप्रोत लेखन करना अपनी आदत है ! भगवान महाकाल का छोटा सा भक्त हूँ ! विद्या की आराधना प्राथमिकता है ! किताब, कलम और इंटरनेट साथी है मेरे ज्ञान की ! थोड़ा सा आलसी हूँ मगर जिम्मेदारियों से कभी पीछे नही हटता ! थोड़ा घमंड है पर विनम्रता भी अंदर में जीवित है ! राष्ट्र का सम्मान करता हूँ, सेना को सर आंखों पर रखता हूँ ! झूठ चाणक्य के कहे अनुसार ही बोलता ! बस कलम से राष्ट्रवाद को धार देने की कोशिश में लगा रहता... आपके ब्लॉग पर आते रहने की लत लगी रहे...
20 June 2015
मै वही लिखता हूँ, जो हम और हमारे आसपास के लोग देश और दुनिया की घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। लिखना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन अबतक कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ, जो किसी के अंदर के विचारों को मार दे। लिखना शुरू से ही मेरा शौक रहा है, जो संभव है की आगे हमारे पेट-पालने का एक जरिया भी बनेगा..... आते रहिऐगा.....
एक युवा राष्ट्रवादी लेखक...
जिनकी रूचि लेखन के माध्यम से समाज की बेबाक तस्वीरों को सामने लाना है...
सीधी अंदाज में कहने की क्षमता इनके कलम की धार है...
लेखक महादेव के आगे नतमस्तक हो जाने वाले सनातनी हिन्दू हैं... जय हिन्द
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