30 September 2017

पटना का दशहरा

लाइटों की चकाचौंध में पंडालों से गुजरते हुए देशी न्यूयॉर्क सा फील कर रहा हूँ!
रंग-बिरंगी रोशनी में शहर दशहरा के जश्न में पूरी तरह डूबा दिख रहा है! हाथों में लाठी थामकर खड़े युवा सिपाहियों के चेहरे पर थकावट पसीने बनकर चू रही है! बच्चे नए कपड़े पहनकर मोदी जी को मात देने की खुशी से झूमते-फुदकते चले जा रहे हैं!
कई लौंडे इस जश्न में अपना हाथ लौंडघेरी करके सेंकने के फिराक में रात भर घूमने का प्लान बनाकर आये हैं!
भीड़ बेहताशा भाग रही है!
छोड़ियों का झुंड गोलगप्पे के आसपास मंडराते दिख रही है!
अमीरजादे रेस्टुरेंट में खाली सीट ढूंढने में दिमाग खपा रहे!
फैमिली वाली झुंड सड़क किनारे लगी दुकानों की कुर्सियों पर बैठकर मेला फीलिंग लेते हुए चाट समोसे उड़ाए जा रहे हैं!
बुजुर्ग लोग रिक्शे की फिराक में लगे हैं और लौंडे बाइक पार्किंग की जुगाड़ में!
अशोक राजपथ से गुजर के देखिये कसम से इंडिया का पॉपुलेशन का अंदाजा मिल जाएगा!
अशोक राजपथ, मुसल्लमपुर, मछुआटोली, गाँधी मैदान, गोलघर से होते हुए पटना जंक्शन से लेकर बोरिंग रोड तक घूमने का इरादा हो तो पैदल मैराथन चलने का एक्सपीरियंस होना चाहिए!
सब्जीबाग के पास बंगाली अखाड़ा की बंगाली पूजा पद्ति और सजावट कोलकाता का अहसास कराती है! डाकबंगला की माँ की प्रतिमा और पंडाल रात को देखने के लिए धक्केबाजी का अनुभव जरूरी है, अगर नही है तो हो जाएगा!
देवी की गीतों पर शहर झूम रहा है! भरत शर्मा, मनोज तिवारी और लक्खा की आवाज मेला में चार चांद लगा रही है! मेरे जैसे हज़ारों लौंडे कहीं कहीं गीतों परझूम ले रहे हैं तो थकावट कम हो जा रही है!
माता का भव्य स्वरूप का दर्शन मात्र सारी थकावट पर भारी है!
चाट-गोलगप्पे और आइस क्रीम के ठेलों से जाम की जो पहचान पटना की रही है वो बदस्तूर जारी है!
गांधी मैदान में पहली नवरात्र से जो बॉलीवुड नचनियों का प्रोग्राम चालू है उसमें आज मैंने भी भीड़ में अपनी अनजान आवाज से पॉल्युशन में अपना योगदान दिया है! दूरदर्शन के वादकों की कोमल आवाज दशहरा महोत्सव की गूंज है!
इस तरह आज का पटना दशहरा भ्रमण चाट के चटकारे और भीड़ में नजारे मारते हुए पूरा हुआ!
बाकी कल पटना सिटी की सड़कों से...

 अश्वनी ©









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