05 August 2020

"धर्मो यतो धर्मस्ततो जयः🚩🚩


श्री राम चन्द्र की चरणों में वंदन करते हुए क्षमाप्रार्थी हैं ! प्रभु आपके अयोध्याजी को 492 सालों तक हम भक्तों ने वनवास में छोड़ दिया ! इस महान अयोध्या जी की पावन भूमि पर अपने रामलला के दर्शन को हमारी पीढियां तरसती रही ! 

मगर हम लड़ें हैं बड़े शौर्य से इन निशाचरों से ! 
खून की नदियां बहायी है हिंदुओं ने धर्म की रक्षा को ! मगर हमने रामलला को तो कभी जन्मस्थल से हटने नही दिया ! 
प्रभु की राह में हिंदुओं ने शबरी की तरह पलक पाँवडें बिछा दिए ! 
हमें भरत की तरह अपने प्रभु श्री राम के अयोध्या वापस लौटने का विश्वास था ! राम के रामत्व पर भरोसा था और हमने उसे पा ही लिया...

आइये प्रभु आज भाद्रपद शुक्ल द्वितीय की पावन बेला में पुनः अपने स्थान पर विराजिए ! जगमगाते दीपक से ये देश इस मंगल बेला पर आपकी स्तुति कर रही है ! 
हे आराध्य प्रभु, सनातन परंपरा को इसी तरह प्रफुल्लित करिये, भक्तों में हर्ष बना रहे, शौर्य प्रचंड हो... 
धर्म का यश उज्ज्वल रहे, श्री राम की मर्यादा पथप्रदर्शक बने...

दसों दिशाएं आपकी जय जयकार कर रही है ! पशु-पक्षी कल्लवित हो रहे, पेड़-पहाड़, नदियाँ सब आपका स्वागत कर रही है... 
प्रकृति में रामत्व घुल सा गया है... 
रोंगटे आपकी अनुभूति मात्र से खड़े हो जा रहे...
कोटि कोटि वन्दन मेरे आराध्य प्रभु श्रीराम... 🙏🚩🚩🚩

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