13 September 2021

● प्रतिकार ●

बदले लेने की भावना हर एक जीव जंतु आवश्यक रूप से होनी चाहिए और यह तत्व प्रकृति ने नर्सगिक तौर पर सबको दे रखा है ! एक एक किट-पतंग, चींटी से लेकर बड़े बड़े जानवरों को जब भी नुकसान पहुँचाओगे वह पूरी क्षमता से अटैक करेगा ! इंसान के अंदर भी तो वही तत्व है ! बस हमारा सनातन धर्म अपने कर्म के सिद्धांत पर आधारित है ! यहूदी आंख के बदले आंख और दांत के बदले दांत वाली रणनीति अपनाते हैं ! माफी का कोई कांसेप्ट उनके धर्म में नहीं है ! तो देखिए इजराइल की वॉर पॉलिसी और समझिए क्या करता है वो ! 

हमें भी समय रहते भांप कर अपने आस्तीन के दुश्मनों को वही सजा देनी चाहिए जो वो करने की सोच ही रहा हो.. परंतु हम इतने लिबरल हो जाते हैं कि उनकी मनोदशा समझ ही नहीं पाते ! या कहें कि हमें अपना ओवरकॉन्फिडेंस ही डुबो देता है.. शक पनपने से पहले ही ये न्यूट्रल करने पर उतारू हो जाता है और कुछ कर ही नहीं पाते !

इतिहास हमें सिखाता है कि कोई आपको नुकसान पहुंचाए उससे पहले उसका नुकसान स्वीट पाइजन बनकर कर देना है ! तड़पने से पहले ही उसे तड़पा के छोड़ दीजिए, एहसास जरूरी है चाहे वह अपनी फील्ड का कितना भी बड़ा खिलाड़ी हो, चोट दर्द सबको देती है !

कोई आपकी बेइज्जती करे, उसे प्यार से फिर से मनाइए करीब लाइये और 100 गुना बेइज्जती करके छोड़ दीजिए.. प्रकृति बदला लेगी की नहीं इस इंतजार में छोड़ना बेईमानी है ! बदले लेने की पूरी कोशिश होनी करनी चाहिए क्योंकि ये प्रकृति का नर्सगिक न्याय है ! 

सनातन दर्शन को मानने वाले अक्सर अपने आस्तीन के दुश्मनों को पहचान कर भी कुछ खास नहीं कर पाते ! पहले अटैक करना तो दूर बेचारे बाद में भी उनका दया भाव रोक देता है ! हम पर इसी कमजोरी के बदौलत शासन-अत्याचार किया गया..  हम औरों से सर्वश्रेष्ठ इसीलिए हैं कि हमने अपने अंदर मौजूद प्रतिकार तंत्र तक को नियंत्रित कर लेते हैं.. शायद इसलिए हज़ार साल गुलामी के जघन्य इतिहास के बावजूद आज भी आस्तित्व में हैं !

लेकिन अब अगर इस देश समाज में सर्वाइव करना है तो प्रतिकार यानी रिटेलीएशन सिस्टम को हमेशा सक्रिय रखें.. अपनी कुटिल बुद्धि को एकदम स्टैंडबाय मोड पर रखना है ! देश, राज्य की खबरों से अपडेट रहें ! आसपास मौजूद फंगस की पहचान कर पनपने से पहले सेनिटाइज कर दें..

#जय_हिन्द 🇮🇳



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