प्रखर राष्ट्रवाद एवं हिन्दुत्व की विचारधारा से ओतप्रोत लेखन करना अपनी आदत है ! भगवान महाकाल का छोटा सा भक्त हूँ ! विद्या की आराधना प्राथमिकता है ! किताब, कलम और इंटरनेट साथी है मेरे ज्ञान की ! थोड़ा सा आलसी हूँ मगर जिम्मेदारियों से कभी पीछे नही हटता ! थोड़ा घमंड है पर विनम्रता भी अंदर में जीवित है ! राष्ट्र का सम्मान करता हूँ, सेना को सर आंखों पर रखता हूँ ! झूठ चाणक्य के कहे अनुसार ही बोलता ! बस कलम से राष्ट्रवाद को धार देने की कोशिश में लगा रहता... आपके ब्लॉग पर आते रहने की लत लगी रहे...
27 November 2021
● संविधान दिवस #Special 🇮🇳 ●
22 November 2021
● झंडू लीडरशिप ●
भारतीय जनता पार्टी के लिए हर चुनाव का रास्ता राष्ट्रवाद से होकर गुजरता है ! प्रचण्ड हिंदुत्ववाद की छवि से ही युवाओं को आकर्षित कर पा रहे हैं, नहीं तो घनघोर बेरोजगारी के माहौल में इस पार्टी का वजूद भी बच जाता तो आश्चर्य माना जा सकता था !
बीजेपी सरकार के बनाये कानूनों, नीतियों को जनता के बीच न पहुंचा पाने की असफलता पार्टी नेतृत्व को लेनी चाहिए ! कृषि कानूनों पर सरकार का बैक होना पूर्णतः failure है पार्टी का कि उनके सांसद विधायक कोई भी इन कानूनों को डिफेंड करने समझाने जनता के बीच नहीं उतरा ! पार्टी कैडर को भी इन कानूनों का कुछ अता पता नहीं चला...
शीर्ष नेतृत्व की विफलता है कि वे बिल्कुल अनमने ढंग से क्षेत्रीय स्तर पर लीडरशिप का गठन कर देते हैं ! लुच्चे लफंगों, क्रिमिनलों को पार्टी में लादकर बड़े बड़े पद दे देते हैं.. उनसे अगर हम अपेक्षा करेंगें की पार्टी को या सरकार की नीतियों को तार्किक तौर पर डिफेंड करेंगें तो बेईमानी होगी ही !
पार्टी किसी भी अवसंरचना बनाने से पहले ये ध्यान रखे कि इन्हें देश के सबसे प्रबुद्ध इंटेलेक्चुअल जमात से लड़ना है ! उसे कानून, सरकार के निर्णय, देशप्रेम, विपक्ष के प्रोपगंडा को लगातार काउंटर करते रहना है ! जनता को जगाकर रखना है.. लगातार रिफिलिंग करते रहना है !
इतने पिलपिले और कमजोर विपक्ष को जब पार्टी लीडरशिप मैनेज नहीं कर पा रही तो सोचिये की इंदिरा ने कैसे विपक्ष में अटल और जेपी जैसे नेताओं को नचा दिया था !
बीजेपी का स्ट्रेंग्थ है सोशल मीडिया... यहाँ युवा और राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग पार्टी से बिना एक लेमनचूस खाये समूचे इंटेलेक्चुअल गैंग की बजा के रख देते हैं !
इनका IT सेल निकम्मा है.. वो स्लोगन और memes बनाने भर को दिखाई देता है !
इनके सांसद या विधायक से ही 3 कृषि कानूनों का डिटेल्स पूछ लिया जाए तो 90% बगले झाँक देंगे !
चुनाव जीतना अकेले पार्टी के झंडू लीडरशिप के वश का बिल्कुल नहीं है ! भले पटाखे फोड़ के और लड्डू बांट के जीत का गाल बजा लो मगर असली काम तो कोई और साइलेंट तरीके से कर रहा होता है.. सिर्फ और सिर्फ राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझकर... की राष्ट्रहित के लिए तुम्हारा वहाँ बैठा होना बहुत जरूरी है... 🇮🇳
● कृषि कानून वापसी ●
3 कृषि कानूनों पर मोदी सरकार का झुक जाना हमें संदेहास्पद लग रहा है ! इन कानूनों का विरोध एक खास वर्ग, दलालों का था और उतना भी बड़ा नहीं था कि किसी देश की प्रचंड बहुमत से चुनी सरकार को इन कानूनों की वापसी के लिए मजबूर कर दे !
सम्भवतः यह एक रणनीति का हिस्सा है.. ये सरकार किसानों को व्यापारियों के हाथों लूटते रहने नहीं दे सकती ! यह अक्षम्य अपराध होगा सरकार का..
जितना मुझे समझ है कि अंदर अंदर किसी विशेष रणनीति पर काम जारी है ! हमें सरकार के इस निर्णय पर उतावला होने से बचना होगा !
इतिहास गवाह है कि नरेंद्र मोदी का स्टेप काफी साइलेंट व विध्वंसक होते हैं ! किसी को अगले कदम की कानोंकान खबर तक नहीं होती..अब सम्भव है कि देश के 90 फीसद भूभाग के शोषित किसान के गुस्से का सामना विपक्ष करने को तैयार रहे ! सरकार फिर से सिम्पैथी बटोरेगी.. चुनाव जीते जाएंगे.. लेकिन यह तरीका बहुत गलत है !
सरकार ने 30 फीसदी विशेष आबादी को नागरिकता, NRC जैसे मसलों पर सड़क जाम कर उग्र प्रदर्शन के लिए motivate कर दिया है ! आने वाले वक्त में सरकार इनसे निपट पाएगी संदेह ही है !
मगर एक झटका जरूर आएगा जिसमें सारी दलाल, व्यापारी द्रोही किसान को उफ्फ तक करने का मौका नहीं मिलेगा..
याद रखना की शेर एक कदम पीछे ले तो नाचने मत लगो, वह अगले हमले के लिए तैयार होने गया है...
#जयहिंद 🇮🇳
● चिल्ड्रन डे ●
अपने अंदर के बच्चे को जिंदा रखें.. ❤️😀
जीवन संतुलन बना रहेगा, लम्बे वक्त तक जवान दिखते रहेंगे..
बड़े हो गए या बुढ़ापे की ओर ढल रहे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है बस, अपनी महफ़िल जिंदादिल साथियों के साथ जमाये रखना है, खुलकर हंसना है, गुदगुदाना है.. ज्यादा attitude आपको अंदर से गला देगा ! एनर्जी को किसी तरह से बर्न करते रहना है.. बचपना आपकी सारी नेगेटिव एनर्जी निकालकर बाहर कर देता है !
ज्यादा स्वीट बनने की कोशिश नहीं करें, उम्र से पहले आपका स्वीटनेस डाइबिटीज पैदा करके रख देगा.. तीखा रहिये, थोड़ा गुस्सा दिखाते रहें.. कुछ नमकीन चटपटा मिजाज रखिये.. 😍 लोगों को आप ज्यादा पसंद आएंगे !
चटपटी चीजें लोगों के जीभ से पानी टपका देती है ठीक वैसा ही व्यक्तित्व रखना है ! मगर नागिनों से बचना भी है !
गुस्सा, इमोशन्स, प्यार, घृणा, जलन स्वाभाविक है.. इसमें अपने धर्म से सीखकर थोड़ा व्यावहारिकता का तड़का लगाइये, मज़ा आ जायेगा लाइफ में...
कोई चचा, बापू, मार्क्स, लेलिन लहसुन से प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है.. आपकी जिंदगी है और आपको जीना है अतः इसे अपने तरीके से तय करें !!!!! अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करें.. क्योंकि दूसरे के तरीके से चलने वाले मंदबुद्धि माने जाते हैं... ❤️❤️❤️
पुनर्स्थापना 🚩🚩🚩
विशाल शोभायात्रा, भंडारा, आरती पूजन, हवन, कीर्तन जैसे शुद्ध कार्यों से हमारा धर्म पुनः सुसज्जित होता दिखाई दे रहा है ! एक से बढ़कर एक मनमोहक मूर्तिकला शैली को देख अब समझ आता है कि क्यों किसी राष्ट्र के निर्माण में शिल्पकारों को इतना विशेष महत्व शास्त्रों में दिया गया है !
मंदिरों में पूजा के लिए अथाह लाइनें लगनी शुरू हो गयी है ! उन श्रद्धालुओं में ज्यादातर संख्या युवा युवतियों की दिखेगी, जबकि कुछ वर्ष पहले तक ये सारी चीजें बुढ़ापे की तरफ ढल रहे लोगों के लिए समझी जाती थी..
आज सड़कों पर लोग स्वयं खीर और खिचड़ी का प्रसाद बांटने लगे हैं ! लोग पूजा समितियों को सहर्ष चंदे देने लगे हैं.. जबकि पहले चन्दे को रंगदारी का नैरेटिव बना कर रखा गया था !
युवा शक्ति का जागृत हो जाना या कर देना, सफलता है सभी प्रखर राष्ट्रवादी लेखकों और राइट विंगर्स कि.. हर पल मेहनत करके लेफ्ट के एक एक सुनियोजित प्रोपागेंडा से लड़कर सोशल मीडिया में अपने विचार स्थापित करना सरल नहीं है !
इनकी लड़ाई समाज के सबसे प्रबुद्ध कहे जाने वाले गैंग से थी..
फिर इन्होंने सच्चाई को आम जनमानस तक पहुंचाया.. ये जंग अब भी इतिहास के तर्कों से लड़ी जा रही है ! इस जंग के नायक वे हीरो हैं जो अपनी उंगलियों से या कलमों से हर उस झूठ को मिटाते चले आ रहे है ! राष्ट्रवादी सरकार का मौन समर्थन ही काफी है... बाकी काम तो मिलकर सभी को करना है !
हमारी परंपरा फिर से अंगड़ाई लेने लगी है ! त्योहार उदयमान हो कर उठ रहा है ! शान से हमारे युवा सोशल मीडिया को तस्वीरों से पाट दे रहे हैं.. छठ पर पूरा फेसबुक सनातनी महक से सराबोर कर दिया..
अयोध्या में योगी ने क्या शानदार दीपोत्सव मनाया.. मतलब वाह...
देश का प्रधानमंत्री त्रिपुंड धारण कर भोलेनाथ के चरणों में लोट जा रहा है..
उठाया जा रहा है पुनः भारतवर्ष को.. गर्व करिये..
आपको इसका हिस्सा बनना चाहिए ताकि आप अपनी पीढ़ियों को कहानी सुना सकें कि आपने कितनी मेहनत से पुनर्स्थापित किया है अपनी परम्परा को !
आरती में सम्मिलित होइए, बढ़ चढ़कर चन्दे दीजिये, यज्ञ-कीर्तन कराइये या कराने वाले को बढ़ावा दीजिये !
हर जन्मदिवस को सपरिवार मंदिर जाइये, मत्था टेकिये ! तीर्थस्थल घूमना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए..
पास से गुजर रही विसर्जन शोभायात्रा में घुसकर थोड़ा झूम लिया कीजिये ! निश्छल भाव से हाथ उठाकर जयकारे लगाइये..
कीर्तन में बैठ थोड़ा झाल बजा लीजिये.. जितना हो सके ईमानदारी से आय के अनुपात में हर जगह चन्दे देने की आदत डालिये !
यकीन मानिए, आप सनातन के पुनरुत्थान का अघोषित अंग होंगें ! इतिहास आपको एक अदृश्य योद्धा के रूप में दर्ज रखेगा..
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02 November 2021
● महंगाई स्पेशल ●
पेट्रोल डीजल कि आसमान छूती कीमतों के दौर में आम जनजीवन बुरी तौर प्रभावित होता जा रहा है ! सरकार के मुनाफे कमाने की मंशा देश में महंगाई की नई साइलेंट विचारधारा को जन्म दे रही है ! ये सही है कि कोविड के बाद महंगाई आने की भविष्यवाणी कई अर्थशास्त्रियों द्वारा की गई थी मगर क्रूड ऑयल पर सरकार का अड़ियल रवैया जनता के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर रहा है !
पेट्रोल, डीजल और खाद्य तेल ये तीन चीजें देश के अंतिम पायदान तक खड़े व्यक्ति को भी सीधे तौर पर प्रभावित करता है ! यह तीनों चीजें हमारी गरीब आबादी कि आर्थिकी को नचा कर रख देता है ! क्रूड ऑयल पर हमारी लगभग सभी बेसिक आवश्यकता निर्भर है.. फल सब्जी तक..
तेल के दाम बढ़ेंगे तो कंपनियां तो कोई समाज सेवा के लिए फैक्ट्री में डालकर बैठी नहीं है वे निश्चित रूप से अपने प्रोडक्ट कीमतों में इजाफा करेंगे ! सरकार तेल के दाम दस रुपये बढ़ाएगी तो ये कंपनियां प्रोडक्ट कि कीमत पंद्रह रुपये बढ़ाकर वजन भी 100 ग्राम कम कर लेंगे..लॉजिस्टिक खर्च बढ़ जाने का बहाना चाहिए उन्हें तो बस.. उसमें उनका मुनाफा भी अपनी रफ्तार से बढ़ता चला जाएगा ! अंततः भुगतना तो जनता को ही है !
अगर हमारी व्यवस्था मूल्यवृद्धि को या महंगाई को नियंत्रित नहीं कर पा रही है तो उसकी जिम्मेदारी सीधे-सीधे सरकार को जाती है ! उसके पास दुनिया भर के थिंकटैंक, इकोनॉमिस्ट, बड़े-बड़े तोपची अंदर बैठे हैं ! सोचने के और अपने आईडिया देने के दम पर मोटे तनख्वाह सरकार से वसूलते हैं.. वो क्या कर रहे हैं ? क्या हमारे अर्थशास्त्री इतने पंगु हैं कि वे सरकार से पेट्रोल डीजल के अतिरिक्त अमीरों पर टैक्स लायबिलिटी शिफ्ट नहीं करा पा रहे ?
जनता तो बस सरकार को जानती है.. उसे वैसे भी किसी अन्य से कोई मतलब नहीं.. आम जनता कराह रही है ! मतलब घर परिवार चलाना तक मुश्किल हो रहा है ! कोविड के दौर में लाखों नौकरियां चली गयी फिर एक तो वर्तमान में रोजगार कि कोई संभावना नहीं दिख रही ! ऊपर से सरकार को सरकार को जीएसटी और अन्य टैक्स कलेक्शन के अलावा कुछ अधिक सूझ नहीं रहा ! घरेलू गैस सिलेंडरों की सब्सिडी धीरे-धीरे समाप्त कर दी गई है ! पीडीएस राशन की दुकानों पर राशन की क्वालिटी क्या होती है किसी से छुपा भी नहीं है ! उसे बनाने के लिए तेल मसाला भी तो चाहिए ही.. उसमें आपने आग लगा दी है.. ब्रश करने वाले टूथपेस्ट तक कि दाम असहनीय है ! कई ग्रामीण परिवारों की हकीकत है कि बच्चे को 3 रुपये वाली पार्लेजी कि जिद्द भी पूरी नहीं कर पा रहे.. देश की आबादी को सरकारी तंत्र कितना सताता है यह भी जगजाहिर है !
आप अत्यधिक दिन तक चुपचाप आंख मूंदकर पेट्रोल-डीजल, खाद्य तेल जैसी मूलभूत चीजों पर अपने उगाही का अड्डा बना कर नहीं रख सकते ! यह भी सही है कि बिना पैसे के सरकार भी नहीं चल सकता , देश नहीं चल सकता मगर आपको गरीबों की जेब को प्रोटेक्ट करना ही होगा ! उनपर डाली गई लायबिलिटी हमारे देश को भीतर से खोखली कर रही है ! पैसे जरूरी हैं क्योंकि हमें आत्मनिर्भर बनना है, रक्षा खरीद करनी है, सीमाओं को सुरक्षित करना है, सड़कें बनानी है, हवाई जहाज उड़ाना है.. इसका इंतजाम उनसे तो नहीं किया जा सकता जिन्हें एक बेसिक सुविधा तक उपलब्ध नहीं है ! जिन परिवारों को 2500 कैलोरी भी भोजन नसीब न होता हो उनपर जिम्मेदारी थोपा जाना बहुत गलत है ! एक ढंग की स्वास्थ्य सुविधा तक हम उन्हें उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं जबकि उनसे निर्ममता से 5 से 28% तक जीएसटी वसूलते चले आ रहे हैं !
भारत कोई धनाढ्य देश नहीं है कि टैक्स का भार हर व्यक्ति सह ले ! अमीरों कि टैक्स चोरी न रोक पाने की लायबिलिटी बाकी लोग क्यों सहेंगे ? जनता वैसे भी सरकार कि कोई एक्सक्यूज़ नहीं सुनेगी.. उसकी जेब पर डायरेक्ट असर पड़ेगा तो वो असर चुनाव में दिखायेगा.. बाकी evm हैकिंग कि कहानी गढ़ते रहना ! लोग आंख बंद करके हर चीजों पर समर्थन नहीं कर सकते ! पॉलिसी मैटर की जिम्मेदारी सरकार कि है, वो अपने बाबुगिरी तंत्र से इसे कैसे मैनेज करता है वो समझे.....
#जय_हिंद 🇮🇳