22 November 2021

पुनर्स्थापना 🚩🚩🚩

सनातन पर्व-त्योहारों में लोगों कि बढ़ रही भागीदारी से मन तृप्त हो जा रहा है ! एक के बाद एक पर्व में लगातार बिना थके हमारे युवा प्रखरता से अपने पुराने गौरव को जीवंत बना रहे हैं ! 
विशाल शोभायात्रा, भंडारा, आरती पूजन, हवन, कीर्तन जैसे शुद्ध कार्यों से हमारा धर्म पुनः सुसज्जित होता दिखाई दे रहा है ! एक से बढ़कर एक मनमोहक मूर्तिकला शैली को देख अब समझ आता है कि क्यों किसी राष्ट्र के निर्माण में शिल्पकारों को इतना विशेष महत्व शास्त्रों में दिया गया है !
मंदिरों में पूजा के लिए अथाह लाइनें लगनी शुरू हो गयी है ! उन श्रद्धालुओं में ज्यादातर संख्या युवा युवतियों की दिखेगी, जबकि कुछ वर्ष पहले तक ये सारी चीजें बुढ़ापे की तरफ ढल रहे लोगों के लिए समझी जाती थी..

आज सड़कों पर लोग स्वयं खीर और खिचड़ी का प्रसाद बांटने लगे हैं ! लोग पूजा समितियों को सहर्ष चंदे देने लगे हैं.. जबकि पहले चन्दे को रंगदारी का नैरेटिव बना कर रखा गया था !
युवा शक्ति का जागृत हो जाना या कर देना, सफलता है सभी प्रखर राष्ट्रवादी लेखकों और राइट विंगर्स कि.. हर पल मेहनत करके लेफ्ट के एक एक सुनियोजित प्रोपागेंडा से लड़कर सोशल मीडिया में अपने विचार स्थापित करना सरल नहीं है !
इनकी लड़ाई समाज के सबसे प्रबुद्ध कहे जाने वाले गैंग से थी.. 
फिर इन्होंने सच्चाई को आम जनमानस तक पहुंचाया.. ये जंग अब भी इतिहास के तर्कों से लड़ी जा रही है ! इस जंग के नायक वे हीरो हैं जो अपनी उंगलियों से या कलमों से हर उस झूठ को मिटाते चले आ रहे है ! राष्ट्रवादी सरकार का मौन समर्थन ही काफी है... बाकी काम तो मिलकर सभी को करना है !
हमारी परंपरा फिर से अंगड़ाई लेने लगी है ! त्योहार उदयमान हो कर उठ रहा है ! शान से हमारे युवा सोशल मीडिया को तस्वीरों से पाट दे रहे हैं.. छठ पर पूरा फेसबुक सनातनी महक से सराबोर कर दिया..

अयोध्या में योगी ने क्या शानदार दीपोत्सव मनाया.. मतलब वाह...
देश का प्रधानमंत्री त्रिपुंड धारण कर भोलेनाथ के चरणों में लोट जा रहा है.. 
उठाया जा रहा है पुनः भारतवर्ष को.. गर्व करिये..
आपको इसका हिस्सा बनना चाहिए ताकि आप अपनी पीढ़ियों को कहानी सुना सकें कि आपने कितनी मेहनत से पुनर्स्थापित किया है अपनी परम्परा को !
आरती में सम्मिलित होइए, बढ़ चढ़कर चन्दे दीजिये, यज्ञ-कीर्तन कराइये या कराने वाले को बढ़ावा दीजिये !
हर जन्मदिवस को सपरिवार मंदिर जाइये, मत्था टेकिये ! तीर्थस्थल घूमना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए.. 
पास से गुजर रही विसर्जन शोभायात्रा में घुसकर थोड़ा झूम लिया कीजिये ! निश्छल भाव से हाथ उठाकर जयकारे लगाइये..
कीर्तन में बैठ थोड़ा झाल बजा लीजिये.. जितना हो सके ईमानदारी से आय के अनुपात में हर जगह चन्दे देने की आदत डालिये !
यकीन मानिए, आप सनातन के पुनरुत्थान का अघोषित अंग होंगें ! इतिहास आपको एक अदृश्य योद्धा के रूप में दर्ज रखेगा..
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