11 January 2022

● No Option ●

मोदी सरकार का एक गलत निर्णय समूचे देश को हाशिए पर ढकेल सकता है ! मोदी वो गलती कर चुके हैं... कृषि कानून वापस से लेने का मसला इतना गंभीर बन चुका है कि आने वाले दिनों में या तो सरकार चुपचाप अगले 3 साल निकाल ले वरना कोई बड़े सुधार करने की कोशिश की तो ये ताकतें पूरी शक्ति से देश में अराजकता फैला कर रख देगा... या पूरी ताकत से इस बार हम कुचल डालें उन्हें...

अराजकता को बढ़ावा केंद्र सरकार ने ही दिया है ! शाहीन बाग को पनपाया तो दंगे हुए निर्दोष मारे गए, नतीजा आजतक CAA के रूल्स नहीं बने.. एक बेहतरीन कृषि सुधार पर सरकार ने पूरे तंत्र को भीड़तंत्र के हवाले कर झुक गए, नतीजा आज हमारे सबसे सशक्त प्रधानमंत्री को घेर लिया गया ! और भी गुस्सा तब आया जब बीजेपी शासित राज्यों में इनके कार्यकर्ता पंजाब CM के पुतले जला रहे थे.. ये कौन सा चुतियापा है आखिर, इन सारे लोगों को पानी की बौछार के साथ लाठी मारनी चाहिए.. भेड़तंत्र पाले हुए हो आप पार्टी के नाम पर ! देश में है किसका शासन ? कौन निपटेगा इन दुराचारियों से.. ये कोई मामूली या मजाक वाली बात नहीं है की आप पुतले जला लो, नारे लगा लो और चुनाव में निकल पड़ो..

अपने देश का सम्मान दांव पर लगा दिया है उनलोगों ने ! बंगाल से लेकर राजस्थान और अब पंजाब में आपकी नाकामी और चुप्पी की कितनी घातक सजा निर्दोष लोगों को मिली इसका अंदाजा क्या नहीं है ? भीड़तंत्र को बढ़ावा देना, सड़क बाधित करवाये रखना और हिंसा से निपटने के बजाए उनके आगे झुक जाना भी लोकतंत्र की असफलता है ! इस देश की सरकार सिर्फ पंजाब और हरियाणा से नहीं चल रही थी कि आप बाकी किसानों को अगले कई दशकों तक फिर से अधर में लटका कर छोड़ दिया..

अब एकमात्र रास्ता है कठिन निर्णय लेने का ! अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है ! राष्ट्रपति शासन टेम्पररी समाधान है.. बाकी रास्ते हमारी सरकार को बेहतर पता है !

इस बार सम्मान लगा है दांव पर.. ऐसे कमजोर और पिलपिले विपक्ष का सामना तक नहीं कर पा रहे तो क्या इज्जत रह जायेगी.. 

Wait and watch...

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