18 February 2022

● टेलीमेडिसिन ●

भारत सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी शुरुआत की है !

ई-संजीवनी एप्लीकेशन द्वारा घर बैठे ओपीडी परामर्श प्राप्त करने कि सुविधा लोगों को मिलने लगी है ! अभी यह शुरुआती चरण में है इसलिए लोगों को फिलहाल इसके दूरगामी परिणाम नहीं दिख रहे होंगे.. आने वाले दो से तीन वर्षों में चिकित्सा के क्षेत्र में धूम मचने वाली है और सरकार शायद उज्ज्वला योजना की तरह सीधे ग्रामीण आबादी के दिल में उतर जाएगी !

जिसने भी ग्रामीण परिवेश जीया है उसने मरीजों को खाट पर टांगकर कई कई मील चलते लोगों की टोली को जरूर देखा होगा ! निरीह आबादी शहर के सरकार अस्पतालों के लाइन में कैसे धक्के खाया करती थी..

गमछे से निकाल कर सत्तू और प्याज खाते मरीजों को अगर आपने देखा है तो समझ लीजिए टेलीमेडिसिन का कांसेप्ट दिल में जरूर उतरेगा... ये तो सपने जैसा ही है कि दूर दराज के गाँव में रहने वाले लोगों को हम ऐसी व्यवस्था से लैस कर रहे हैं कि देश के विभिन्न अस्पतालों में बैठे उत्कृष्ट डॉक्टरों से ईलाज ले सकेंगे..

जब फार्मा इंडस्ट्री के आतंक से अधिकांश आम जनता कराह रही है वैसी स्थिति में प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना तथा टेलीमेडिसिन का मिक्स डोज, गरीबी से उबारने की पटकथा से कम नहीं है !

जनऔषधि परियोजना को कम आंकने की भूल कतई न करें ! सरकार ने जेनेरिक दवाओं के गुणवत्तापूर्ण रिसर्च तथा टेस्टिंग के लिए Pharmaceuticals & Medical Devices Bureau of India नामक एक body का गठन किया है जो पूरे परियोजना को नियंत्रित कर रही है ! ब्रांड दवाओं की तुलना में इसकी कीमतें 80 से 90% तक कम है..

क्लियर है कि डॉक्टरों की कमीशनखोरी और फार्मा के मोनोपोली वाली लूट बंद होने की कगार पर जाकर खड़ी हो चुकी है ! सरकार का लक्ष्य अगले कुछ सालों में गाँव गाँव तक जनऔषधि की दुकानें खोले जाने का है..

एक के बाद एक चरण में प्रयासों से हम आसानी से टेलीमेडिसिन के द्वारा न केवल अच्छे डॉक्टरों से ग्रामीण इलाकों तक बेहतरीन ईलाज पहुंचा सकते बल्कि मामूली कीमतों में बेहतर दवा मुहैया करा पायेंगे.. सरकार चाहे तो उनके दरवाजे तक कूरियर पार्टनर्स के द्वारा डिलीवरी करा सकती है, ऐसे में कई स्टार्टअप को रोजगार भी मिल सकेगा !

Village Level Entrepreneurs यानी कॉमन सर्विस सेन्टर को सरकार 5 से 10 रुपये की कमीशन दे, फिर देखिए यह योजना कैसे क्रांति का रूप पकड़ लेती है ! CSC में रोगी को पकड़ पकड़ के ओपीडी परामर्श दिलाया जाएगा.. लोगों में जबरदस्त समझ बढ़ेगी, ग्रास रुट लेवल तक सरकार का यह कांसेप्ट पहुंचने में देर नहीं लगेगा क्योंकि लगभग हर घर में स्मार्टफोन पहले से पहुंच रखा है !

अगर सरकार अपनी मंशा में सफल होती है तो निश्चित है कि डिजिटल इंडिया सच में उस खाई को पाट देगी जिसके सपने कभी हर चुनाव के पहले देखे जाते थे !

MCI की जगह National Medical Commission लाया जाना, फिर ताबड़तोड़ अंदाज में एक के बाद एक मेडिकल खोला जाना, उसके बाद टेलीमेडिसिन-जनऔषधि जनता के बीच उतार देना.. यह संयोग नहीं है, बिल्कुल प्रयोग है..

हम अपने नागरिकों को लंबे समय तक निजी डॉक्टरों के हाथों लूटते नहीं देख सकते.. जो पैसा बाजार में आना चाहिए, GDP सर्कुलेशन का हिस्सा बनना चाहिए वो पैसा एक ही लॉबी लूट ले जाये तो अर्थव्यवस्था कराहता ही रहेगा.. हम अपने नागरिकों को उचित शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सुरक्षा प्रदान करें ! उसके अलावे जीडीपी-इकोनॉमिक्स को हमारी आबादी सम्भाल लेगी.. बाकी हमारे पर्व त्योहार, शादियां-पार्टीयां समाज की तरक्की का बैकबोन तो है ही !

टेलीमेडिसिन की सफलता नए भारत की पटकथा लिखेगा.. आम जिंदगी मेंटोस सी होने वाली है ! शायद लाइन में धक्के खाने वाली हमसभी आखिरी पीढ़ी ही हैं.. बदलते भारत को अलग नजरिये से देखना सीखिए वरना यह मौका चूक जाएंगें...




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