इस सवाल का सबसे सटीक जबाब अभी यूक्रेन के पास है ! वहां लड़ने के लिए युवाओं को बंदूकें दी जा रही है, रूसी टैंक से सामना करने को उनके नागरिकों के पास हिम्मत नहीं है..
दुनिया की लगभग सभी महाशक्तियां उसे हर weapons, कवर फायर मुहैया करा रहे लेकिन उसका इस्तेमाल कर सकने का जुनून नहीं है नागरिकों के पास ! लोग फाइटर प्लेन की आवाज से बंकरों में दुबक जा रहे..
एक के बाद एक शहरों पर रूसी सेना का कब्जा होता जा रहा है ! उसके देश के संसाधनों पर और नागरिकों की आजादी पर अगले कुछ ही दिनों में रूस का शासन होगा..
कोई बचाने नहीं आया.. बर्बादी का लपटें देख कर दुनिया फूंक मार रही लेकिन कोई उसमें नहीं कूदा !
राष्ट्रवाद का मजाक बना लेना आसान है ! खूब जोक्स बनाओ, जागरूक लोगों को भक्त-अंधभक्त कहते ठहाके लगाओ लेकिन तुम्हारी सच्चाई है कि तुम वामपंथी नैरेटिव के चुंगल में फँसकर बंकरों की ओर भाग जाने वाले पालतू भर हो !
राष्ट्र पर संकट आने पर बंदूक उठा कर सैनिक बन जाने वाले वही राष्ट्रवादी मिलेंगें जिसपर आज तुम हंसते हो ! कम से कम वो बंकरों के अंदर दबकर भेड़ों की मौत नहीं मरेंगे.. शेर की तरह लड़ते हुए इस मिट्टी में अपना लहू मिलाएंगे !
हमें पाकिस्तान से उतना खतरा नहीं है जितना चीन से है ! चीन अब भेड़िया बनेगा.. शांति और समझौते से सब होता तो न यह देश बंटता और न दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के किनारे खड़े होती !
चीन से हमें आज नहीं तो कल भिड़ना ही है ! हमें युद्ध के लिए एकदम तैयार रहना चाहिए.. रूस-यूक्रेन के बाद दुनिया का नक्शा बदलने की चुल्ल सभी देशों में उठेगी !
सिर्फ हथियारों से युद्ध लड़े नहीं जाते, बल्कि मनोबल से भी तोड़ा जाता है दुश्मन को.. चीन जानता है भारत की इस कमजोरी को !
देश की एक छोटी सी भीरु और कायर आबादी भी समूचे देश का मनोबल तोड़ सकती है ! इसलिए इसका एकमात्र उपाय है लोगों में राष्ट्रवादी विचारधारा इंजेक्ट करना..
हमें तुरन्त अपने नेगेटिव प्रोपोगंडा से भरा इतिहास, गैरजरूरी सिलेबस बदल देना चाहिए.. क्योंकि नेगेटिव माइंड सेट लेकर पैदा हो रहे युवाओं की जीनोम सिक्वेंसिंग का जड़ अपनी शिक्षा व्यवस्था है !
वार में सेना ही सिर्फ नहीं लड़ेगी.. आपका मनोबल और राष्ट्र के प्रति जीवटता भी लड़ेगा ! युद्ध की स्थिति में हम सुख सुविधाओं का कितना त्याग कर पाएंगे, इसी से सरकार रणनीति तय करती है !
स्वार्थी बनेंगे तो लूटेगा आपका संसाधन, मिटेगा आपकी पहचान और छिनेगी आपकी ही आजादी !
अपने आप को चतुर समझने की भूल न करें.. सीखें इजराइल से की राष्ट्रवाद की ताकत क्या होती है !! रूस की ओर देखो क्यों छीन रहा है वो यूक्रेन की आजादी को ?
खुद पर संकट आने से पहले दुश्मन को नष्ट कर देना सबसे बेहतरीन कदम है.. पहले इजराइल और अब रूस ने इसे साबित किया है !
और दोनों ही राष्ट्र की सफलता उनके नागरिकों के समर्थन से है.. दोनों ही राष्ट्र के नागरिक युद्ध के वक्त शांति और मानवता की बकलोली नहीं करते.. तभी दुनिया की औकात दिखा पा रहे...
#जयहिंद 🇮🇳
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