नौजवान
भारत के प्रतिभाशाली नायक बनकर उभरते 21 सदी के मतदाता क्या
वैसे भारतवर्ष की रूपरेखा रच पाएंगे जिसकी कल्पना सदियों से ये निरीह जनता करती
चली आ रही है !
राजनीतिक
धंधेबाजों का गिरोह क्या वास्तव में उस महान भारत की परिकल्पना को सिद्ध होने देगा
जिसकी आकांक्षा हिंदुस्तान में खुले आसमान के नीचे सोने वाली आबादी हर चुनाव से
पहले करती है!
दुनिया
के सबसे बड़े लोकतंत्र में क्या फिर से धन बल के सहारे उस भूखे मासूम की हिस्से की
रोटियां छीन ली जाएंगी और उम्मीदों का गला घोंट कर विकास का नगाड़ा बजाया जाएगा !
मुफ्तखोरी
के चुंगल में फंसकर क्या वो गरीब अपने बच्चों के अरमानों को नेताओं के यहां गिरवी
रखेगा, जिसके अधिकारों का चीरहरण
कर विकास और रोजगार के सपने दिखाए जाएंगे !
बहुत
सवाल है, क्या क्या पूछोगे?
इतना समझ लो कि शर्मिंदगी और लज्जा जिस दिन खत्म हो गयी समझो तुम्हारे अंदर असली नेता पैदा हो चुका है !
मताधिकार का प्रयोग का मतलब अगर सिर्फ वोट डालना जानते हो तो तुम लोकतंत्र के गुंडे हो ! एक ऐसा गुंडा जो अधिकार के नाम पर अपने हक को मिटा रहा !
राजनीति में किसी दल का समर्थक होना न होना किसी का व्यक्तिगत विचार हो सकता है, मगर चापलूसी की आदत धीरे धीरे आपको दलाल बना देगी ! देश और राष्ट्र में अंतर भूल जाओगे !
इतना समझ लो कि शर्मिंदगी और लज्जा जिस दिन खत्म हो गयी समझो तुम्हारे अंदर असली नेता पैदा हो चुका है !
मताधिकार का प्रयोग का मतलब अगर सिर्फ वोट डालना जानते हो तो तुम लोकतंत्र के गुंडे हो ! एक ऐसा गुंडा जो अधिकार के नाम पर अपने हक को मिटा रहा !
राजनीति में किसी दल का समर्थक होना न होना किसी का व्यक्तिगत विचार हो सकता है, मगर चापलूसी की आदत धीरे धीरे आपको दलाल बना देगी ! देश और राष्ट्र में अंतर भूल जाओगे !
ये
राष्ट्रवाद का उन्माद आपके अंदर पुलवामा के बाद जो दौरा वो साबित करता है कि आप
जिंदा हो ! 21वीं सदी में पैदा हुए आज के
मतदाता के खून में जवानी की उठती लहरें संभवतः हिंदुस्तान की राजनीति को बदल कर रख
देगी ! कितनों को खरीदोगे? कितना पैसा बहाओगे?
ये वो पीढ़ी है जिसको इस भारत का अतीत सोशल मीडिया बताता है ! पहले की पीढ़ी किताबों पर निर्भर थी जो तुमने आसानी से उल्लू बना डाला ! आज ये युवाशक्ति अपनी उंगलियों से सच्चाई निकालकर रख देती है ! अनपढ़ और मूर्ख नेताओं का जमाना गया, पार्टियां ये न सोचें कि वो जिसे भी टिकट दे रही, जनता सर आंखों पर बिठाएगी ! वोट देगी, जिताएगी और फिर...........
ये वो पीढ़ी है जिसको इस भारत का अतीत सोशल मीडिया बताता है ! पहले की पीढ़ी किताबों पर निर्भर थी जो तुमने आसानी से उल्लू बना डाला ! आज ये युवाशक्ति अपनी उंगलियों से सच्चाई निकालकर रख देती है ! अनपढ़ और मूर्ख नेताओं का जमाना गया, पार्टियां ये न सोचें कि वो जिसे भी टिकट दे रही, जनता सर आंखों पर बिठाएगी ! वोट देगी, जिताएगी और फिर...........
15वीं लोकसभा का चुनाव है ! 21वीं सदी के वोटर हैं ! 20वीं सदी के अनपढ़ और पढ़े लिखे ठग नेता हाथ जोड़कर खड़े हैं ! सोचिये, कितना तगड़ा मुकाबला है ! जीत जाओ पहले फिर जब इन भारतवर्ष के असली मतदातों से सामना होगा तो कही पैंट गीली न हो जाये...
#कहने_का_मन_करता_है