23 May 2019

जन्मदिन


जिंदगी किसी रिक्शे की तरह सरपट भागी चली जा रही है ! उसे चलाते हुए फेरारी कार में सफर करने जैसा फील कर रहा ! मस्त गर्म हवाओं का झोंका, चेहरे से टपकती मोती सी पसीने की बूंदे और बारिश की रिमझिम फुहार जिंदगी को मस्तमौला बना रही है !
युवावस्था में जिम्मेदारियों का एहसास महसूस होता है !
लड़कपन को मिस करता हूँ ! झोला लेकर स्कूल जाने और मास्टर साहेब के आगे बोरा बिछा के बैठ जाने के जमाने से हूँ ! गर्व भी होता है कि 20 वीं सदी में पैदा हुआ ! 12 वर्ष का हुआ तब गांव में बिजली देखी ! लालटेन की रोशनी में पढ़ा ! खेतों से चना उखाड़ के खाया ! आवारगी और हीरोगिरी सीखने का वक्त ही नही मिला, कोशिश की तो चप्पल चप्पल मार खाया ! आठ आने का इमली नमक के साथ खाने का जो मज़ा लिया समझो बचपन जिया !

Image may contain: 1 person, child, selfie and close-upरेडियो पर मैच सुनता था ! कॉपी में अपनी टीम बनाकर अपने पसन्द के खिलाड़ियों को जगह देता था ! गिट्टी के टुकड़े को बॉल बनाकर मैच खेला करता था !
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कोस दूर पैदल स्कूल जाने और रास्ते में बैर तोड़कर खाने की यादें फील करता हूँ !
झोले टांगे और चल दिये गिट्टी को सड़क पर मारते स्कूल की तरफ ! दोस्तों से शक्तिमान और जूनियर जी की बातें भर रास्ते गपियाते थे !
फ़िल्म देखने को नही मिलता था इसलिए कहानी की किताबें छुपकर दोस्त से मांगकर पढ़ा करते थे !
कोई दोस्त शुद्ध हिंदी नही बोल सकता था, बोला तो अंग्रेजी बकने की उपाधि दे दी जाती थी !

कान्वेंट स्कूल के बच्चे छुट्टियों में मेरे गांव आते थे तो मैं बस उसका चेहरा टकटकी लगाकर देखा करता था ! सोचता था कि साला हमलोग का शायद ही कुछ हो !
प्ले, जम्प, रीड जैसी बेहद साधारण अंग्रेजी के बदौलत अपने हौसलें से जीवन को तराशा, उसे संस्कारों से सिंचित किया, उम्मीद को गम्भीरता से लिया और भारतीयता से साक्षात्कार किया... तभी दो रोटी कमाने लायक भगवान ने बनाया...

मेरी नींव दादाजी के अनुशासन के बदौलत है ! शिक्षा गुरुजनों का प्रसाद है ! कुछ भी पढ़ने की आजादी देने वाले और अपने सपने मेरे ऊपर न लादने वाले पापा और मम्मी की सीख ने मेरी जिम्मेदारी को मजबूत बनाया !
जिंदगी से सिख रहा हूँ ! तजुर्बे की कमी है मगर कोई उल्लू भी नही बना सकता !
मेरे स्वाभिमान और ईमानदारी को अब तक कोई गलत गांधी नोट नही डिगा पाया है !
आकांक्षा है कि जीवन भोले शंकर की चरणों में समर्पित रहे ! उज्जवल भविष्य की राह प्रदर्शित हो, मेहनत के बलबूते खाने की लत रहे और...
रिक्शे पर विविध भारती की नगमे सुनता हुआ फेरारी कार वाले को चिढ़ाता हुआ अपने गंतव्य की ओर मुड़ जाऊं...

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