इंसाल्लाह! भारत की बर्बादी से कश्मीर की आजादी तक जंग करेंगे, जंग
करेंगे! कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा...! ऐसा कहना देशद्रोह नहीं है,
ये हमारी अदालत का मानना है की जबतक ये लोग देश को नुकसान ना पहुंचा दें देशद्रोही
नहीं कहा जा सकता| पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक उबाल सा आया हुआ है| हर
कोई इसका समर्थन करने वालों को खरी-खोटी सुना रहा है| राहुल गांधी की बर्बादी की
कामना की जा रही है तो कांग्रेस के भी टुकड़े-टुकड़े करने की कसम खाई जा रही है|
इनसब से इन्हें क्या हासिल होने वाला है? कुछ भी नहीं! सारी राजनीतिक पार्टियाँ
अगर युद्ध के वक्त पाकिस्तान के साथ भी खड़े हो जाए न तो भी हमारी सरकार उनका कुछ
भी नहीं उखाड़ सकती| और उलटे संसद चलने देने के लिए उनकी आरती ही उतारेगी|
किसी देश में ऐसा नहीं देखा गया है की अपने देश की परंपरा, संस्कृति
और उसकी विरासत का इस्तेमाल करके कोई उसकी ही बर्बादी के सपने देखे, उसे मिटा देने
की कसमें खाए| जेएनयू के विधार्थियों की भी अपनी एक अलग पहचान बनी है अलगाववाद से
लबरेज राष्ट्रभक्ति का, उन्मादी जूनून का| जिसमें वामपंथी विचारधारा का जहर घुला
है तो दोगलेपन का राष्ट्रद्रोह आतंकवाद भी| जिस शिक्षा के मंदिर में उसे किसी गरीब
के दिए टैक्सों से मुफ्त में पढने को मिलता हो, रहने को मिलता हो, अपनी वामपंथी
विचारधारा को पनपाने की खुली छुट मिलती हो उसे भी इनलोगों ने नहीं बख्शा|
“छात्र राजनीति के नाम पर भारत के एकता को खंडित करने
वाले जरा शर्म करो| ये उस भारत की महानता है जहाँ तुम्हारे जैसे गद्दारों की रक्षा
के लिए वीर सपूत हनुमंथप्पा जैसे सैनिक अपने देश की निःस्वार्थ सेवा करते हुये
शहीद हो जाने का जज्बा रखता है|” मुझे
शर्म आती है अपने कमजोर और पिलपिले विपक्ष पर| पता नहीं की कांग्रेस पार्टी से
लेकर राहुल गांधी और उनके चमचों की बुध्धि किसने हर ली? कम से कम अफज़ल गुरु का
समर्थन करने से पहले उन्हें कांग्रेस का इतिहास तो पता कर लेना चाहिए था! पंडित
नेहरु अपने परनाती की दूरदर्शिता से खुश हो रहे होंगे या नहीं मुझे तो नहीं पता
लेकिन इतना जरूर जानता हूँ की जेएनयू में लगी देशद्रोही नारों का समर्थन करके
कांग्रेस नें भाजपा और मोदी की फ़ालतू की इमेज चमका दी|
लेखक:- अश्वनी कुमार, पटना (“मैं
मोदी सरकार द्वारा की गयी कारवाई से बिलकुल भी प्रभावित नहीं हूँ. सरकार ने सोशल
मीडिया के दवाब में आकर कारवाई की यही सच है| मैं सरकार की प्रशंसा तभी करता जब
ऐसी ही नारे लगाने वाले कश्मीरी देशद्रोहियों के खिलाफ अपनी सख्ती दिखाती, पर वहां
तो उसने भारत के टुकड़े करने का प्रस्ताव लाने वाले, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
लगाने वाले पीडीपी-विधायकों से मिलकर सरकार चलाई... सत्ता का नशा किसी से क्या नहीं करा देता...”)
No comments:
Post a Comment