02 August 2017

सेना का सफाई अभियान

कश्मीर में इन दिनों सेना ने आतंकियों के विरुद्ध एक छदम युद्ध छेड़ रखा है। सेना ने बुरहान वानी से जो शुरुआत की है वह बदस्तूर अब तक बेहद सफल तरीके से जारी है। घाटी में भारतीय सेना द्वारा की जा रही कारवाई में सरकार द्वारा दी गई खुली छूट का साफ-साफ अंदाजा लगाया जा सकता है। कल लश्कर का कमांडर दुजाना का बेहद खौफनाक तरीके से एनकाउंटर किया गया। उसमें एक बात गौर करने वाली थी कि उसे बिल्डिंग समेत उड़ा दिया गया जिसमें वह छुपा था। भारतीय सेना के मनोबल और पराक्रम का एक नया अंदाज घाटी में देखने को मिल रहा है।

कश्मीर में भारतीय सेना जिस प्रकार से आतंकियों का सफाया करने में जुटी है उससे साफ है कि मोदी सरकार की कश्मीर नीतियों में आतंकी बर्बरता का जवाब सैन्य कारवाई है। घाटी के अलगाववादियों तथा आतंकी संगठनों के प्रमुख नेताओं पर सरकार सख्ती के मूड में नजर आ रही है। एनआईए ने पाकिस्तानी फंडिंग के मामले में आठ अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया। मोदी सरकार के पिछले 3 साल के शासन काल में कश्मीरियों ने खूब उत्पात मचाया, सरकार की फजीहत करवाई लेकिन अचानक मोदी सरकार के बदले स्टैंड से कश्मीरी तथा पाकिस्तान सकते में है। विभिन्न आतंकी संगठनों के टॉप कमांडरों की हिट लिस्ट बनाकर सेना सीधा एनकाउंटर करने में जुटी है। पत्थरबाजों को आतंकी समर्थक मानकर उन पर सेना ने सीधी गोलीबारी करना शुरू कर दिया है। इससे कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी आई है। सेना की इस बदले स्टैंड के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और मोदी की रणनीति का हाथ है।
सेना को दी गई खुली छूट आतंकियों को इस कदर परेशान कर रही है कि वह अपने बचने के इंतजाम तक कर पाने में असमर्थ हो चुके हैं। अब आतंकियों को सरेंडर करने की मोहलत नहीं दी जा रही! ना कोई मान-मनौव्वल ना गुजारिश सीधा एनकाउंटर! यह भारतीय सेना की नई कश्मीर नीति है। ऐसी नीति की जरूरत काफी पहले से कश्मीर में थी लेकिन राजनीति की वजह से घाटी में आतंकियों व अलगाववाद को पनपने का मुफीद मौका दिया गया।

कश्मीरी चरमपंथी पहले सेना और सरकार को डराते थे लेकिन अब उन्हें उसी सेना से मत खानी पड़ रही है, इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ सरकार की मजबूत राष्ट्रवादी इच्छाशक्ति और जुनून है जो आतंक के सफाई को प्रतिबद्ध है...

अश्वनी ©



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