24 September 2020

● श्रमेव जयते ●

इस देश की संसद ने श्रम कानूनों को सरल बनाते हुए ऐतिहासिक श्रम सुधार किया है !

कोड ऑन वेजेज, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड एवं इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड कानूनों के द्वारा भारत के मजदूरों, व्यापारियों के बीच सामंजस्य का रास्ता प्रशस्त किया है !

कानून के कुछ मुख्य पहलुओं को देखें तो भारत में पहले 44 तरह के विभिन्न श्रम कानूनों के द्वारा मजदूरों के अधिकारों और उनके हितों की संरक्षण करने की कोशिश की जा रही थी, ये कानून 70 साल - 80 साल पुराने हो चुके थे और आज की वर्तमान परिस्थिति में हमारे श्रमिक वर्ग और हमारे व्यापारी दोनों ही इन कानूनों से परेशान हो रहे थे !
100 तरह के अलग अलग रजिस्टरों को मेंटेन करना तथा विभिन्न श्रम कानूनों के तहत अलग-अलग अनुपालन, श्रमिक - मजदूरी जैसे शब्दों की सही व्याख्या ना होना यह हमारे देश की अर्थव्यवस्था को तो बाधित कर ही रहा था साथ ही श्रमिकों के अधिकारों को भी दुविधा में रख रहा था !

चूंकि मजदूरों के अधिकारों को लेकर हमारी संविधान सभा ने व्यापक विचार-विमर्श किए थे, मगर उन्होंने अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानून को ही आगे बढ़ाने का फैसला किया था ! क्योंकि काफी संघर्ष, आंदोलन के बाद मजदूरों के शोषण को रोकने के लिए मजदूरी , बोनस, सामाजिक सुरक्षा जैसे विषय श्रमिकों के लिए लाए गए थे !
आज देश की संसद ने ऐतिहासिक श्रम कानूनों में व्यापक परिवर्तन करते हुए सभी श्रम कानूनों को चार कोड के अंदर समाहित कर दिया है ! 
यह कानून विभिन्न श्रमिक संगठनों उद्योगपतियों और अन्य हित धारकों से व्यापक विचार-विमर्श कर बनाया गया है ! श्रम कानून को बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल भी होती है !

इस कोड के कुछ मुख्य पहलुओं को देखें तो -
● ईएसआई ईपीएफ के द्वारा करीब 40 करोड श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ देने की संकल्पना की गई है !

● ईएसआई के द्वारा आश्रित हितलाभ, चिकित्सा हितलाभ, मातृत्व हितलाभ, बेरोजगारी भत्ता, बीमारी हितलाभ एवं पेंशन जैसे मूलभूत एवं बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हमारी सरकार अब unorganised sector के लिए भी करेगी !

● ग्रेच्युटी के नियम को काफी सरल बनाया गया है ! Minimum 5 साल कार्य करने की बाध्यता खत्म कर दी गयी है ! अवधि के अनुपात में रकम देनी होगी !

● महिलाओं को रात में भी काम करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है !
● धर्म जाति लिंग के आधार पर वेतन या अन्य सुविधाओं में कोई भेदभाव नहीं कर सकेगा !

● सभी संस्थानों को अपने कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा !

● 20 से ज्यादा श्रमिक वाले संस्थानों को ऑनलाइन पोर्टल पर नियुक्तियों की संख्या सरकार को बतानी होगी, जिससे लोग रोजगार के सही आंकड़े और अवसर से अवगत होते रहेंगे !

●पहली बार माइग्रेंट वर्कर्स के लिए प्रावधान लाये गए हैं ! 18000 तक आमदनी वाले प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा देना साथ ही वर्ष में एक बार घर जाने का किराया भी देना अनिवार्य होगा !

● खतरनाक श्रेणी के संस्थानों में ESI अनिवार्य होगा चाहे उस संस्थान में एक ही कर्मचारी क्यों न कार्यरत हो ! 
इसके साथ पहली बार बागान मजदूरों के लिए भी ESI का प्रावधान किया गया है !

● गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए पहली बार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का प्रावधान किया है ! मतलब जोमैटो, ओला, फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन सेक्टर के वर्कर पर भी ये सारे प्रावधान लागू होंगे !

● Unorganised सेक्टर के मजदूरों के लिए एक बोर्ड बनाया जाएगा जो उनकी सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कामकाज की देखरेख करेगी !

● मजदूरों का वर्ष में एक बार हेल्थ चेकअप करना होगा !

● वेतन को डिजिटल फॉर्म में यानी खाते में देना होगा ! इससे निम्न वेतन संबंधित शिकायतों का पूरा लेखा जोखा रखा जा सकेगा !

दूसरी तरफ भारत को दुनिया के अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है, इसके लिए इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में भारत को सुधार करने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी !
जिन श्रम कानूनों की वजह से विदेशी कंपनियां विदेशी इंडस्ट्रीज भारत नहीं आना चाहती थी, उन पहलुओं को भी सरकार ने ध्यान में रखा है और यह प्रावधान किया है कि 300 से कम कर्मचारी वाले संस्थान अब बिना सरकार की अनुमति के अपने कर्मचारियों को बहाल कर और हटा सकते हैं !
हड़ताल के प्रावधान में मजदूर संगठनों को 14 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य किया है ताकि उन 14 दिनों के दौरान सुलह की संभावना बन सके !

ई- इंस्पेक्शन की बात कही गयी है जो पूरी तरह फेसलेस और वेब बेस्ड होगी ! अभी खासकर केंद्रीय श्रम कानूनों में तो इंस्पेक्टर राज पर पूरी तरह से पाबंदी है लेकिन राज्य सरकारों में तैनात श्रम विभाग के अफसरों द्वारा व्यापारियों को प्रताड़ित किया जाता था उन पर भी लगाम लगाई गई है और वे बिना अनुमति के संस्थानों में नहीं जा सकेंगे !

तो कुल मिलाकर सरकार ने देश के 90 करोड़ श्रमिक वर्ग के लिए तथा विदेशी निवेश में बढ़ावे को ध्यान में रखते हुए इन 4 लेबर कोड के द्वारा नए भारत को गढ़ने की कोशिश की है ! आने वाले भविष्य में इन कानूनों की सार्थकता को कैसे साबित किया जाता है यह पूरी तरह सरकार पर निर्भर करेगा ! इन कानूनों का उधोगपति कितना अनुपालन कर पाते हैं और सरकार उनसे कितना अनुपालन करा पाती है इसी पर सारा खेल निर्भर रहेगा !
श्रमिक हमेशा से निरीह रहा है, उसे अधिकार दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है और आशा है कि राष्ट्र इनके अधिकारों के बलबूते श्रमेव जयते का उद्धोष करेगा...
#जय_हिन्द 🇮🇳

~ Ashwani Kumar


No comments:

Post a Comment