11 May 2021

● इजराइल का खौफ ●

समूची दुनिया कोरोना से जूझ रही है उधर इजरायल दीवाली मना रहा है.. आप कभी विश्व मानचित्र को देखोगे तो इजराइल की सीमा मक्खी जितनी आकार से भी कम दिखेगी ! मगर विश्व राजनीति के पटल पर अपनी सैन्य, टेक्नोलॉजी और खुफिया क्षमता के दम पर महाशक्ति की हैसियत रखता है !

एक ऐसा देश जिसे यहूदियों के लिए बसाया गया, वहां तमाम अत्याचार सहकर खुद की आबादी को इतना सक्षम कर लेना कि बात बात पर मिसाइल चल जाये, ये होता है इजरायल हो जाना !

भारत का एकमात्र भरोसेमंद, संकटमोचक मित्र राष्ट्र तो इजरायल ही है ! हमें भूलना नहीं चाहिये कि परमाणु परीक्षण के वक्त भी इसने समूची दुनिया से अलग भारत का साथ दिया और सामने से सीना ठोककर भारत की हर नीति का समर्थन किया है इस इजराइल ने ! 

इजरायल-फिलिस्तीन के विवाद का इतिहास काफी पुराना है ! दुनिया की कोई शक्ति इजरायल के मामले में सामान्यतः न तो ज्ञान बिखरती है न ही किसी संयुक्त राष्ट्र को कोई प्रतिबंध लगाने की कुव्वत है ! प्रतिबंध लगा भी तो इसे घण्टा रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ता है ! इजराइल की कृषि, व्यापार, तकनीक एवं प्रतिरक्षा तंत्र बेहद उन्नत किस्म की है ! यहूदी अपनी बुद्धिमता के लिए जाने जाते हैं.. आइंस्टीन जैसे महान वैज्ञानिक यहूदियों ने दुनिया को दिया है !

भारत के अंदर भी आजकल बहुत सारे ज्ञानचंद देखे जा रहे हैं और कुछ नए नए उपज रहे हैं जो जबरदस्ती धर्म को राजनीति से अलग करके देखने की बीमारी को अपना रहे हैं ! अगर कोई ऐसा कहता है तो समझ लें कि उसे वैश्विक राजनीति की, युद्ध आधारित इकॉनमी और ईसाई वर्सेस इस्लाम का इतिहास-वर्तमान की कोई जानकारी या समझ नहीं है !

उसे समझना होगा कि धर्म से ही राजनीति है ! दुनिया में जितने भी फसाद हो रहे हैं वो धार्मिक श्रेष्ठता की जंग ही लड़ रहे है ! 

नहीं तो -

अमेरिका ने ईराक और सीरिया को क्यों बर्बाद किया ? 

ईरान पर उसके प्रतिबंध के पीछे सऊदी की कौन सी लॉबी काम कर रही है ? यूरोपीय देशों में बढ़ती कट्टरता की वजह क्या है और क्यों इतने सम्पन्न देश मानवता के आधार पर भी शरणार्थियों को शरण देने से इनकार कर रहे हैं ? इजरायल और फिलिस्तीन की लड़ाई सीमा विवाद कम और धार्मिक ज्यादा है !

आप भारत की राजनीति को देखकर सोचते होंगे कि यहां के राजनेता इतने गलीच हैं, धर्म की राजनीति करते हैं ये है वो है ! मगर इससे भी गलीच स्थिति इस वक्त विश्व राजनीति की है अगर अर्थव्यवस्था के अलावे सोचा जाए तो ! फिलिस्तीन पर इजरायल के हमला नया नहीं है ! इजराइल भारत जैसा सहिष्णु नहीं है.. उसने खुद को चारों तरफ से इस्लामिक राष्ट्र से घिरे होने के बावजूद आक्रामकता के बल पर अलग लेवल का खौफ पैदा किया है ! तलवार के बल पर शासन का दम्भ इजरायल के सामने हवा हो जाती !

सोचिए जिस सीरिया को लेकर अमेरिका-रूस बेदम हो गए वहां सीरिया की सीमा जो इजरायल से लगी है वहां के विद्रोहीयों का एक भी बम इजरायल में कभी नहीं फूटा !

इजराइल ने न केवल बार बार परेशान करने वाले फिलिस्तीन के बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया बल्कि 1948 के दौर में फिलिस्तीन की मदद करने पर सऊदी अरब से युद्ध कर धूल चटा दी ! आज वो आंख दिखाने वालों की आंखें निकाल लेता है ! 54 इस्लामिक राष्ट्र होने के नाते कोई देश क्यों नहीं फिलिस्तीन की मदद करता ? 

आज के इस दौर में कहीं एक मिसाइल गलती से छूट जाए तो दुनिया भर में बैठकें चलने लगती मगर यहां इजराइल खुलेआम हमास और फिलिस्तीन पर हवाई हमलों की बौछार कर रहा और दुनिया को रत्ती भर फर्क नहीं है ! 

क्योंकि इजरायल ने खुद को अपने बदौलत स्थापित किया है ! वो अमेरिका तक को महत्व नहीं देता.. उसके लिए मिसाईल दागना, हवाई हमले, या मोसाद के लिए शत्रुओं को कहीं भी चुन चुन कर मार डालना बेहद आसान बात है !

श्रेष्ठता काबिलियत से आती है.. डर डरकर जीने से नहीं ! इजरायल की जगह दूसरा देश होता या इसी का नेतृत्व जरा भी कमजोर होता तो अगल बगल वाले गिद्ध देश इसे नोच डालते ! 

मगर इजरायल तो बाज है... 12000 फिट की ऊंचाई पर उड़ान भरने वाला वो पक्षी है जो चंद मिनट में पानी के अंदर तैर रही मछली का शिकार कर उड़ जाता है..

इजरायल का खौफ अच्छा लगता है.. सुकून देता है.. 

इजरायल को हमेशा भारत का समर्थन...

#जय_हिन्द 🇮🇳



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