23 May 2021

● IAS का घमंड ●

आईएएस बन जाना पॉवर का चरस पी जाने के समान है... अभी सोशल मीडिया में छत्तीसगढ़ के डीएम द्वारा एक युवक को बिना कुछ सुने पीटने और उसका मोबाइल तोड़ देने का वीडियो वायरल हो रहा है ! पिछले दिनों त्रिपुरा में डीएम ने शादी समारोह में घुसकर भद्दी भद्दी गालियां दी, दूल्हे को धकेला और पुजारी को थप्पड़ मारा ! SP विसर्जन में गोलियां चला देती है !

मेरा एक्सपेरिएंस कहता है कि एक आईएएस बन जाने के बाद मौज से नौकरी करने के लिए उस व्यक्ति के अंदर दो तरह का फेस होना जरूरी है ! एक फेस वो जब आप मंत्रियों के चप्पल उठाकर पीछे दौड़ने का माद्दा रखते हैं और दूसरा की जब चाहे किसी आम आदमी की मर्यादा-प्रतिष्ठा को सरेआम कुचल दें... बीच सड़क उन्हें गालियां दे.. उन्हें थप्पड़ लगा दें, इतने से भी मन न भरे तो जेल भेज देने का आदेश सुना दें !

पिछले 4-5 वर्षों में खासकर जब से सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ा है तब से IAS और IPS का आचरण, उनकी सड़क छाप गुंडों जैसी भाषा लोगों को देखने को मिल रही है ! DM और SP जिलों में अपने को किसी तानाशाह से कम नहीं मानते !

असीमित कानूनी शक्तियों से लैस ये अधिकारी इतने शक्तिशाली हो जाते हैं कि इनके कुत्ते तक को घुमाने के लिए 10 कर्मचारियों हर वक्त जीभ निकाले बैठे रहते हैं । कानून व्यवस्था सम्भालने के नाम पर इनकी हेकड़ी सड़कों पर दिखाई देती है.. हूटर बजते गाड़ी में सुरक्षाकर्मी खिड़की से डंडा निकाले राहगीर, टेम्पो वाले को सटासट मारते हुए कहीं भी दिख जाते हैं ! इनके तानाशाही रवैये और एक लोक सेवकों होने के बावजूद गुंडे जैसी आचरण का सोर्स कहां है ये पता नहीं चल पा रहा है ? नेताओं के आचरण में अब इतनी शिष्टा आ गई है कि बेचारे मुंह पर गाली सुनकर मुस्कुराते रहते..

सवाल अगर आईएएस, आईपीएस के ऊपर उठेगा, उनके आचरण पर उठेगा तो सवाल के घेरे में यूपीएससी भी आएगी और लाल बहादुर शास्त्री ट्रेंनिंग अकैडमी मसूरी को भी इसका जिम्मेदार माना जाना चाहिए ! क्या आपकी परख इतनी निम्न स्तर की है ? ऐसे असंवेदनशील व्यक्तियों का चयन इन महत्वपूर्ण पदों पर कैसे हो जा रहा है ? UPSC अगर प्रतिभा को पैमाना बनाती है तो कम से कम ऐसे व्यक्तियों को तो न ले जिसमें इंसान होने की भी काबिलियत नहीं है !

खासकर, ध्यान देना होगा कि ये उद्दण्डता उन लोकसेवकों में अधिक देखी जा रही है जो 2010 के बाद UPSC के पैटर्न में CSAT लाये जाने के बाद चयनित हुए हैं ! अंग्रेजी को महत्व बढ़ा, कॉन्वेंट वाले अमीर बच्चे सिस्टम के शीर्ष पर बैठने लगे.. तो चलने लगी विसर्जन में गोली ! चलने लगे शादियों में थप्पड़ और तोड़े जाने लगे लोगों के पिछवाड़े, पटके जाने लगे मोबाइल.. 

जमीनी बच्चे जब इन पदों तक पहुंचते हैं तो उनमें समाज के प्रति बहुत गहरी संवेदना होती है ! सिस्टम को फील कर पाने की क्षमता होती है !कुछ लोकसेवक तो इतने अच्छे होते हैं कि पब्लिक उनका तबादला रोकने के लिए धरने पर बैठ जाती है ! ऐसे अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर काम ही नहीं कर पाते, ऐसे अफसरों को पशुपालन, मछली पालन जैसे विभागों में काम करना पड़ता है क्योंकि मंत्रियों से इनकी कभी बन ही नहीं सकती !

केंद्र सरकार को तत्काल आयोग का गठन करके तथा प्रशासनिक सुधार आयोग के रिकमेन्डेशन के आधार पर UPSC के अंदर व्यापक सुधार करने होंगे ! ऐसे अफसरों का सिस्टम में घुस जाना वायरल इंफेक्शन ही है जिससे लोकतंत्र पर संकट उत्पन्न हो सकती है । इनकी लॉबी तोड़ने का एकमात्र उपाय है कि लेटरल एंट्री (निजी क्षेत्रों से सीधी भर्ती) की व्यवस्था का जिले स्तर पर प्रयोग शुरू हो ! UPSC में नीति आयोग की तरह परिवर्तन की जाए !

ट्रेनिंग की प्रक्रिया में इनके अंदर पॉवर होने का जो नशा दिया जाता है वो बंद हो, अच्छे अच्छे ईमानदार ऑफिसर ट्रेनिंग की व्यवस्था हो !और इनके पॉवर का चरस ही जड़ से उखाड़ दिया जाए... सिस्टम विकेंद्रीत कर दिया जाए.. DM बस मॉनिटरिंग करें ! IPC-CrPC को जबतक सिस्टम पर लादे रखोगे, जनता को अंग्रेजों के होने की आहट तो रहती रहेगी.. 

#जय_हिंद 🇮🇳

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