जैसे
हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं वैसे ही हिंदू धर्म किसी के बाप का नहीं है!
कोई राज्यसभा में बपौती जताता है तो कोई हैदराबाद में भौंकता है !
निकल कर आना बेटा अपने कुनबे से बाहर अपने धर्म का पता चल जाएगा!
कोई राज्यसभा में बपौती जताता है तो कोई हैदराबाद में भौंकता है !
निकल कर आना बेटा अपने कुनबे से बाहर अपने धर्म का पता चल जाएगा!
BJP को अकल कब आएगी धर्म के
ठेकेदारों को नहीं पता लेकिन चूतियों को जरूर पता है! उछल लो फेसबुक पर! ट्विटर, व्हाट्सएप्प कर लो, खूब धर्म का पताका लहरा लो!
लेकिन जमीन पर मत दिखना!
लेकिन जमीन पर मत दिखना!
बिकने
दो अपने भगवान को!
वर्चुअल
लड़ाई लड़ो! एक्चुअल दुनिया में खड़े भी नहीं हो पाओगे ठीक से!
तलवार का सामना क्या करोगे!
तलवार का सामना क्या करोगे!
नेताओं
से सीखो लड़ाई चुनावी लड़ी जाती है धार्मिक नहीं. भाईचारे से रहना सीखो सद्भाव की
लाठी के पिछवाड़े में घुसेगी तो बेटा उफ़ तक नहीं कर पाओगे!
नेता
सहलाने तक नहीं आएंगे!
धर्म
और भगवान की मर्यादा को नेतागिरी में मत उलझाओ।
उम्मीद ना करो कि कोई BJP का लाल उठकर आएगा नरेश अग्रवाल की जुबान मरोड़ के हाथ में थमा देगा। सब वहां लंबी जुबान वाले ही बैठे हैं किस किसका मरोड़ोगे!
उम्मीद ना करो कि कोई BJP का लाल उठकर आएगा नरेश अग्रवाल की जुबान मरोड़ के हाथ में थमा देगा। सब वहां लंबी जुबान वाले ही बैठे हैं किस किसका मरोड़ोगे!
धर्म
के फौलादी वीर Facebook पर बहुत सारे मिल जाएंगे.
कल से आज तक लेकर नरेश अग्रवाल के पूरे खानदान को याद कर चुके हैं लेकिन इससे कुछ
ना होगा.
कुछ
घंटा नहीं उखाड़ पाओगे! पहले भी बामपंथी और कांग्रेसी कुनबा हिंदुत्व के खिलाफ जहर
उगलता रहा है और आगे भी उगलेगा लिख कर ले लो।
उसका 56 इंच भी कुछ करना नहीं बिगाड़ सकता। भेजा इस्तेमाल करो! हिंदुत्व विरोध के कारण राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री राज्यों तक की सत्ता गंवाने के बाद भी कांग्रेस हिंदू विरोधी ही क्यों बने हैं!
उसका 56 इंच भी कुछ करना नहीं बिगाड़ सकता। भेजा इस्तेमाल करो! हिंदुत्व विरोध के कारण राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री राज्यों तक की सत्ता गंवाने के बाद भी कांग्रेस हिंदू विरोधी ही क्यों बने हैं!
क्यों फालतू में कोशिश कर रहे हो जो करना है करो बेवजह धर्म और भगवान का इस्तेमाल मत करो बस!
जो
कर रहा है उसे सबक सिखाओ, इंतजार मत करो!
कोई अपना नहीं है यहां!
सब साले बिकाऊ हैं!
अपनी फिक्र है,
राजनीति चमकानी है! बस!!!
कोई अपना नहीं है यहां!
सब साले बिकाऊ हैं!
अपनी फिक्र है,
राजनीति चमकानी है! बस!!!
✍ अश्वनी ©
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