09 June 2022

पुनर्जागरण 🚩

काशी अब भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केंद्र बनेगा !

ज्ञानवापी ने इन पापियों की जघन्यता को प्रत्यक्ष सामने लाकर रख दिया ! इन्हें कर्मफल मिलना आरम्भ हो चुका है..

अब यह आंदोलन अयोध्या से बीसों गुना अधिक शक्तिशाली और सेन्सिटिव होने वाला है.. 

चूँकि अयोध्या आंदोलन मूलतः उत्तर भारत के लोगों के सेंटिमेंट को प्रभावित करता था ! राम की छवि मनुष्य स्वरूप में है और उनके अवतार में मर्यादा, नीति, शास्त्र सम्मत उपदेश सम्मिलित है ! उनकी सौम्यता के चर्चे आज भी उदाहरण में दिए जाते हैं..

दक्षिण और पूर्वी ख़ासकर ग़ैर हिंदी क्षेत्रों में राम को लेकर उतना सेंटिमेंट नहीं है जितना उत्तर भारत के लोगों में है !


काशी विश्वनाथ के मूल शिवलिंग का मिलना हमारी जीत है ! 

जागृत शिवलिंग के प्रभाव जितने अच्छे होते हैं उससे कहीं अधिक संहारक भी..

तांडव करने वाले महादेव हैं वो.. शिव अनादि काल से पूजनीय हैं..सृष्टि के रचनाकार हैं.. सिंधु सभ्यता में भी पशुपति के रूप में शिव की उपस्थिति के साक्ष्य हैं !

शिव समस्त भारत में एकसमान स्वरूप में स्थापित हैं.. शिव ज्योतिर्लिंगों के रूप में हर जगह मौजूद हैं ! महादेव मृत्यु और संहारक के देवता के तौर में लोगों के दिलों में वास करते हैं.. शिव दर्शन जितना उत्तर में प्रचलित है उससे कई गुना अधिक दक्षिण में एक से बढ़कर एक विशाल शिवालय और द्रविड़ शैली के गगनचुंबी मंदिरों में विराजमान हैं ! दक्षिण भारत में शिव सबसे आराध्य हैं.. 

काशी में बाबा के दर्शन के लिए दक्षिण से बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति देखी जाती है ! ऐसे में एक धार्मिक सेंटिमेंट का प्रसार उधर भी होना तय मानिए..

अतः काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का मामला समूचे भारत की राजनीति पर असर डालेगा यह निश्चित है !


इसलिए इस बार मुक्ति का आह्वावाहन प्रचंड होगा.. 

क्योंकि देश के राजनीति के शिखर पर दो सन्यासी योद्धा पहले से ही तांडव मुद्रा धारण किए बैठे हैं ! 

महादेव के दर्शन मात्र के लिए अमरनाथ और केदारनाथ की दुर्गम यात्रा तक करने वाले भोले भक्त कितने सक्षम होते हैं ये किसी से छुपा नहीं है !


इस्लामिक बर्बरता की गाथा दुनिया तक पहुँचना चाहिए ! दुनिया को इज़राइल की कहानी से कहीं ज़्यादा बर्बर सनातन को मिटाने की साज़िशों की सच्चाई से अवगत कराइए..

हिंदुत्व की सहनशक्ति को सामने लाना चाहिए की हम हज़ार वर्षों तक अपने समय की प्रतीक्षा कर सकते हैं ! 

अपने पीढ़ियों को बताइए कि इन अनपढ़ लुटेरों ने भारत की धार्मिक आज़ादी और लाखों सालों की संस्कृति को नष्ट करके अर्किटेक्चर की कहानियाँ गढ़ी ! 

फिर भी हम आज उसी उत्साह के साथ खड़े हैं..

तुम हज़ार बार तोड़ोगे हम हज़ार बार फिर से पुनर्स्थापित कर सकने वाले शिव के आराधक हैं.. 🚩🚩🚩

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