09 June 2022

कूटनीतिक भौकाल

भारत के अधिकांश पड़ोसी क़र्ज़ और डॉलर के चुंगल में फँस दिवालिया होते जा रहे हैं ऐसी स्थिति में ये कोई साधारण बात नहीं है की भारत का प्रधानमंत्री पूरी मज़बूती से 140 करोड़ नागरिकों की डिमांड और सप्लाई बनाए रखने में सब कुछ झोंक दे रहा ! वह अवैध घुसपैठियों को भी खिला रहा है, नेपाल के लिए साथ खड़ा है, अफगानिस्तान में बर्बर तालिबान सरकार को अनाज भर भर के भेज रहा, श्रीलंका को ताबड़तोड़ मदद कर रहा और अपनी ऑयल की क्रेडिट लाइन भी उसे दे रहा है..


क़रीब 80 से 90 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन योजना के बल पर भारत एक तरह से अपने नागरिकों के लिए गिरधर की भाँति पर्वत उठाकर वैश्विक भूचाल से बचा रखा है ! देश की फ़ॉरेन पॉलिसी टॉप गियर में लगा है.. एक तरफ़ जी 7 के सारे देश जीभ निकाले भारत के बाज़ार की तरफ़ देख रहे तो उधर चीन को डर है की भारत का बाज़ार उसके हाथ से कहीं निकल न ले !

अमेरिका बिना शर्त 500 बिलियन $ भारत को भेजने पर अड़ा है तो रुस 70% डिस्काउंट रेट पर क्रूड ऑयल भारत को सप्लाई करने लगा है ! 

महंगाई से भारत के लोग त्रस्त हैं लेकिन उससे कहीं अधिक दुनिया के अन्य विकासशील देश परेशान हैं.. उनकी अर्थव्यवस्था डूबने लगी है !

पूरी दुनिया में तेल के दाम बढ़ रहे जबकि भारत टैक्स कम कर तेल के भाव गिरा चरस बो रहा.. गेहूं निर्यात करने के मामले में भारत पूरे स्वैग में है ! 


दुनिया में भारत की लिए ऐसी शानदार स्थिति शायद ही कभी रही हो ! रूस के पक्ष में खड़े रहकर अमेरिका को नियंत्रित कर लेना बच्चों का खेल नहीं है... IMF भारत के ग्रोथ रेट को देख संशय में पड़ा है ! 5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी के सपने पर हंसने वाले अब दाँत अंदर किए शांत बैठे हैं !

डर का माहौल है दुनिया के महाशक्तियों में.. चाहे वो दिखाएँ या नहीं लेकिन अंदर से परेशान हैं ! 

भारत का विशाल बाज़ार देख उनकी लार टपक पड़ती है लेकिन उनका गेम इधर सेट नहीं हो पा रहा.. क्योंकि इधर पहले से मास्टर माइंड बैठा है जिसके लिए राष्ट्र ही सब कुछ है.. सब कुछ..

🇮🇳🇮🇳🇮🇳


No comments:

Post a Comment