09 June 2022

#Infrastructure

बिहार की लाइफ़लाइन पुनः जुड़ गयी है.. 1742 करोड़ की परियोजना से उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार में गाड़ियाँ फिर से फ़र्राटे भरने लगी ! महात्मा गांधी सेतु का लगभग फिर से दोनों लेन का पुनर्निर्माण किया गया है ! जाम का पर्याय बन चुके इस जर्जर पुल से लाखों गाड़ियाँ और आम पब्लिक हाँफती हुई और दस दस घंटे तक रेंगते पार होने की आदि हो चुकी थी !

केंद्र और गडकरी की ये सौग़ात बिहार की जनता को रोड इंफ़्रास्ट्रक्चर में एक बेहतरीन तोहफ़ा है ! जब भी अब पुल ख़ाली मिलेगा उन्हें करोड़ों लोगों की दुआएँ मिलने वाली है..


रेल और रोड दो ऐसे माध्यम हैं की जिस देश का इंफ़्रा इस मामले में अव्वल रहेगा वो विकास की पटरी पर तेज दौड़ने के काबिल है !

इसके आर्थिक मायने ज़बरदस्त होते हैं.. आसपास के इलाक़ों की जीडीपी में ज़बरदस्त उछाल होती है !

लाखों लोगों की समय की बचत होगी, व्यापारियों को समान वक्त पर डिलिवर होगा, स्मूथ कॉनेटिविटी के कारण माल ढुलाई सस्ती होती है..

किसानों की पैदावार का मंडी में आवक बढ़ती है, जहां दस घंटे जाम में फँसने के डर से औने पौने दाम पर लोकल बेचने की मजबूरी होती थी वहाँ फ़र्राटे से बड़ी मंडी में माल बिकेगी !

नतीजा मार्केट में कॉम्पटिशन बढ़ता है और दलालों की मनॉपली टूटती है तो फल सब्ज़ी आदि सस्ती होने से आम पब्लिक की मौज है.. क्वालिटी में भी काफ़ी ऑप्शन मिल जाते हैं !

इसी तरह सर्विसमैन, लेबर-कारीगर या दिहाड़ी जो जाम के डर से रोज घर आ जा नहीं सकता और शहर में रूम रेंट, बिजली भरने में अच्छी ख़ासी कमाई गँवा देता है उनकी चाँदी होने वाली है.. नतीजा आमदनी में इज़ाफ़ा देखने को मिलता है !

मतलब रेल और रोड इंफ़्रा गरीब मध्यम वर्ग की लाइफ़लाइन है ! 

बिहार में सड़क का नेटवर्क अब तगड़ा हो चला है ! लगभग पूरे देश में सड़कों का जाल बुना जा रहा है ! राष्ट्र की उन्नति का यह प्लेटफ़ॉर्म अपनी इकॉनमी की ताक़त बनेगा !

शहरों के बीच कम होते सफ़र के घंटों से राज्य पर काफ़ी अच्छा असर होना तय है !

इस ऐतिहासिक सेतु का पुनर्निर्माण करने के लिए केंद्र और सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय का दिल से साधुवाद.. ❤️


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