07 April 2021

एक योगी का शासन

 

UP में राजनीतिक शासन व्यवस्था का यौवन रूप देखने को मिल रहा ।

शासन अपनी व्यवस्था को बस ढंग से ढर्रे पर उतार दे, फिर देखिए कैसे कानून का राज कायम होता है । मुख्तार अंसारी जैसे दुर्दान्त अपराधी जिसे घिसट कर योगी सरकार UP ला रही ।

जो भी हमें देखने को मिल रहा ये कोई साधारण बात नहीं है की एक समय में UP के अंदर मुख्तार की पैरलल सरकार चला करती थी । सुनने में आता है कि आज जैसे मुख्यमंत्री का काफिला सड़क पर चला करता है कभी पूर्वांचल में भाई के साथ सैकड़ों दुर्दान्त गुंडे काफिला बना चला करते थे ।

कभी योगी आदित्यनाथ को मारने का प्रयास करने वाले आज घसीट कर पंजाब से लाये जा रहे । आज जो ऐसे अपराधी को बचाने सुप्रीम कोर्ट जा रहा वो कल को कहते मिलेगा की भाई EVM हैक हो गयी । अबे हैक काहे नहीं होगी ? ऐसे खूंखार आदमी को बचाने का प्रयत्न भी करना उसके पाप में हिस्सेदार होना ही है जो न जाने कितनों का घर-परिवार और उसके सपने को उखाड़ डाला । रंगदारी वसूली, अपहरण, हत्या, बलात्कर जैसे जघन्य कांडों का सरगना है ।

मगर इधर देखिए कि देश दुनिया की मीडिया कमरे लेकर ड्रिल कर रही है कि मुख्तार कैसे मारा जा सकता ।

जनता बेहद कुटिल मुस्कान लिए महाराज जी की तरफ आशा लगाए बैठी है ।

ये कमाया है योगी ने... कानून व्यवस्था क्या चीज होती है ये दिखाया है इन्होंने देश को ।

मतलब वही अधिकारी जो सपा बसपा के समय निकम्मे समझे जाते थे, उनका पूरा ट्रांसफॉर्मेशन कर डाला है योगी सरकार ने । आंकडें बताते हैं कि योगी राज में लगभग 6000 से अधिक मुठभेड़ हुए जिसमें करीब 150 से अधिक खूंखार अपराधियों का एनकाउंटर पुलिस ने किया है ।

सोचिए कि किस will पॉवर से ये सरकार काम कर रही । यहां एक रियल एनकाउंटर में सरकार तक गिर जाती है वहीं UP में लाइन से टपाटप अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया जा रहा ।

ये शक्ति जनता की है, योगी में कर्मशक्ति है वो कर रहे..

राजा पर जब जनता को भरोसा हो तो कोई फैसला कभी गलत नहीं लग सकता ।

विकास दुबे कांड में योगी सरकार ने सरेआम ताल ठोक के एनकाउंटर कर दिया । कोर्ट तक को कहना पड़ा कि ऐसा अपराधी समाज के लिए खतरा था..

आज जनता को न्यायिक व्यवस्था से ज्यादा योगी पर क्यों भरोसा होने लगा है । जब न्यायतंत्र अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा तो लोकतंत्र का सामने आना देश की व्यवस्था के लिए अच्छा माना जा सकता और हमेशा ये लोकतंत्र ही सर्वोच्च रहा है।

मगर किसी ने पहली बार अपनी जिम्मेदारी निभाने सामने से निकल आया है ।

राजनेता ऐसा ही होना चाहिए जो दोषी को राजदंड दे..

राजदंड का विधान हमारे पुरातन दंडशास्त्रों में रहे हैं ये कोई नई चीज नहीं है ।

मुख्तार अंसारी को राजदंड मिलना निश्चित है ।

मोसाद दुनिया भर में ढूंढ कर अपने दुश्मनों को बड़ी कुटिलता से बदला लेता है । जहां दुश्मन रुकते उस होटल का बैरा बना धीरे धीरे केमिकल प्रोडक्ट मिलाकर आराम से मारते । किसी को पता भी नहीं चलता और मोसाद का बदला पूरा हो जाता ।

मुख्तार को भुगतना होगा... गाड़ी पलटे न पलटे मगर उसे कीमत चुकानी ही पड़ेगी ।

योगी आदित्यनाथ ने अगर राजदंड का पालन किया तो, यकीन मानिए की UP से अपराध का नामोनिशान मिट जाएगा । ये एक क्रांति की तरह होगा, कानून व्यवस्था में क्रांति मच जाएगी ।

अधिकारियों की ट्रेनिंग में योगी मॉडल को पढ़ाया जाएगा । की कैसे अपराधी डर से पैर में प्लास्टर चढ़वा ले मगर उसे फिर भी उसे घसीट घसीट कर एक उदाहरण सामने लाना है कि देखिए ऐसी ही कल्याणकारी राज्य की कल्पना हमारे संविधान ने की थी ।

इस तरह का डर का माहौल जनता को बहुत सुकून दे रहा ।

ये डर बना रहना चाहिए.. कानून का राज कायम रहना चाहिए चाहे इसके लिए किसी हद तक जाना पड़े तो जनता आपको डिफेंड करने को हमेशा तैयार मिलेगी ।

मतलब श्रीरामचंद्र ने ऐसे थोड़ी कहा था कि एक सन्यासी से बढ़िया राजा और कौन हो सकता है ???

योगी ने चरितार्थ कर दिया... ❤️❤️❤️

#जय_हिंद 🇮🇳



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