15 September 2022

Agenda

दुनिया अराजकता के मुहाने पर खड़ी हो चुकी है ! जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिनजो आबे को गोली मारकर हत्या कर देना साधारण बात नहीं है !

एक सम्पन्न राष्ट्र के पूर्व प्रमुख का इस तरह आसानी से मारा जाना साबित करता है की पानी सर के ऊपर हो चुका है ! जापान अपनी सामरिक सुरक्षा के लिए अमेरिका के ऊपर निर्भर है, वो अमेरिका जिसके यहाँ हर दिन शूटआउट की घटना चलती रहती है ! अश्वेतों पर हिंसा होना वहाँ आम बात माना जाने लगा है ! यूक्रेन को युद्ध में झोंक कर दर्जनों निर्धन राष्ट्रों को भूख से मरने को इसी अमेरिका ने छोड़ दिया.. 

अमेरिका की सत्ता में बाइडन जिस एजेंडे पर चल रहे वह अकेले पूरी दुनिया में आर्थिक और राजनीतिक अराजकता फैला कर रख देगा.. यूक्रेन की बर्बादी समूचे विश्व के लिए चेतावनी है, एक के बाद एक देश दिवालिया होने की कगार पर लगता चला जा रहा है ! लेफ़्ट का एजेंडा अपने रास्ते पर निकल पड़ा है ! ये सिर्फ़ भारत की बात नहीं है बल्कि दुनियाभर में नए नए पैदे हुए कूल लौंडों में विद्रोह की भावना कूट कूट कर भरती जा रही.. 

उनका ब्रेन इस तरह से ट्रेंड हो चुका है की हर वक्त सिस्टम उसे चुभने लगा, अमीरों से प्रॉब्लम होने लगती है.. उसे लगता है सरकार अमीरों से छिन इनलोगों में बाँट सामाजिक न्याय कर दे.. फ़ैक्टरियाँ बिना श्रम के सैलरी देती रहे, मुफ़्तखोरी को अपना अधिकार समझने की ताक़त इनकी ब्रेन में बखूबी मिलेगा ! क्योंकि आम आदमी के दिमाग़ में बिना मेहनत पाने की स्कीम जल्दी घुसती है.. ब्रेन कम मेहनत वाली चीज़ों को ही क्लिक करता है ताकि उसकी एनर्जी कम वेस्ट हो, ये साइंटिफिक है !

मुफ़्त की चीजों से उनकी आँखें चमक उठती है.. लेकिन उसके प्रभावों को बताने में सरकार और यहाँ का समूचा तंत्र फेल है !

सिस्टम में बैठे अधिकांश लोग खुद इस फ़ंगस से ग्रसित हैं.. वहाँ एकदम निराशा का माहौल बना होता है, बस सब कुछ अब बिकने वाला है टाइप का.. 

उनकी प्रेज़ेंटेशन शैली इतनी ज़बरदस्त होती है की बात सीधे श्रोता के सेरेब्रम में स्टोर हो जाता है.. 


भारत वैसे भी अभी संस्थागत सुधारों के दौर से गुजर रहा है ! देश में कई मौर्चों पर सरकार ने ऐसिड डाल कर रखी हुई है.. चूँकि प्रबुद्ध लोगों से लड़ना हमेशा मुश्किल होता है.. कलम की ताक़त तलवार से ज़्यादा घाव देती है यह सच अब फ़ील ज़रूर होता है.. उनका काउंटर अबतक ये नहीं कर पा रहे ! उनके हिसाब से नाचने पर मजबूर हैं..

इसलिए भारत की सुरक्षा के लिहाज़ से दुनिया में घट रही इन घटनाओं पर सरकार को बारीक अनालिसिस करने की ज़रूरत है ! देश को सुरक्षित रखना महंगाई से कहीं अधिक ज़रूरत है.. 


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