15 September 2022

श्रीलंका क्राइसिस

हैपीनेस इंडेक्स में श्रीलंका भारत से ऊपर था..

ऐसे वोका टाइप उदाहरण देते लोग हर जगह मिलेंगे ! श्रीलंका लूट चुका है, राष्ट्रपति देश छोड़ भाग गया ! दाने दाने को लोग तरस रहे.. कंगाल हो चुका है समूचा देश ! 

जनता राष्ट्रपति आवास पर चढ़ाई कर चुकी है.. भारी विद्रोह की शुरुआत हो गयी है ! न्यूज़ अनालिसिस देखिए ! समझिए उनके सिस्टम को और अपने देश से तुलना करिए..

दुनिया भर की बेवक़ूफ़ी तर्कों से लैस होकर हम उस सरकार को गरियाने से नहीं चूक रहे जो इतने भीषण वैश्विक परिस्थितियों में भी 135 करोड़ लोगों का न सिर्फ़ पेट भर रही है बल्कि सर्फ़, सोडा, स्कोडा लहसुन जैसी सामानों तक की सप्लाई बाज़ार में बनाकर रखी हुई है ! 

भेजे में इकनोमिक्स न घुसे तो गाली सरकार को देंगे.. 

जाहिल लोगों की ऐसी फ़ौज पैदा हो चुकी है की राष्ट्र ज़रा भी ग़लत हाथों में गया तो श्रीलंका जैसी हालत होने से कोई इनकार नहीं कर सकता !

देश की शिक्षा व्यवस्था इतनी पंगु हो गयी है की छात्रों को छोड़िए, मास्टरों और प्रोफ़ेसरों तक को न तो वास्तविकता का ज्ञान है और न उनके पास कोई विज़न है राष्ट्र को लेकर ! अधिकतर लोगों के शब्दों से सिस्टम को लेकर ज़हर टपकेगा..

क्या पढ़ा रहे हैं वो आख़िर हमारे भविष्य को.. 

अपनी डीए कैसे बढ़े और एरीयर कैसे निकले उसमें डूबे मिलेंगे !

राष्ट्र क्या है इसका तंत्र कैसे संचालित है ये तक न पता है 90 फ़ीसदी लोगों को ! मुफ़्तख़ोरी का क्लीयर कॉन्सेप्ट या कीड़ा लगभग हर व्यक्ति / युवा में मिलेगा.. शक है तो डिस्कशन में बैठिए इनलोगों के साथ ! अधिकांश के मन में एक निराशा मिलेगी की सब लूट रहा है, सरकार देश को बर्बाद कर रही.. सब बिक गया.. 

श्रीलंका की हालत ऐसे ही स्वार्थी और बेवक़ूफ़ों के कारण हुई है ! किसी राष्ट्र के L ऐसे नहीं लगते.. 😀




No comments:

Post a Comment