प्रखर राष्ट्रवाद एवं हिन्दुत्व की विचारधारा से ओतप्रोत लेखन करना अपनी आदत है ! भगवान महाकाल का छोटा सा भक्त हूँ ! विद्या की आराधना प्राथमिकता है ! किताब, कलम और इंटरनेट साथी है मेरे ज्ञान की ! थोड़ा सा आलसी हूँ मगर जिम्मेदारियों से कभी पीछे नही हटता ! थोड़ा घमंड है पर विनम्रता भी अंदर में जीवित है ! राष्ट्र का सम्मान करता हूँ, सेना को सर आंखों पर रखता हूँ ! झूठ चाणक्य के कहे अनुसार ही बोलता ! बस कलम से राष्ट्रवाद को धार देने की कोशिश में लगा रहता... आपके ब्लॉग पर आते रहने की लत लगी रहे...
31 October 2020
● अयोग्य नौकरशाह ●
07 October 2020
● बिहार चुनाव 2020 ●
24 September 2020
● श्रमेव जयते ●
इस देश की संसद ने श्रम कानूनों को सरल बनाते हुए ऐतिहासिक श्रम सुधार किया है !
कोड ऑन वेजेज, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड एवं इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड कानूनों के द्वारा भारत के मजदूरों, व्यापारियों के बीच सामंजस्य का रास्ता प्रशस्त किया है !
● ईएसआई के द्वारा आश्रित हितलाभ, चिकित्सा हितलाभ, मातृत्व हितलाभ, बेरोजगारी भत्ता, बीमारी हितलाभ एवं पेंशन जैसे मूलभूत एवं बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हमारी सरकार अब unorganised sector के लिए भी करेगी !
● ग्रेच्युटी के नियम को काफी सरल बनाया गया है ! Minimum 5 साल कार्य करने की बाध्यता खत्म कर दी गयी है ! अवधि के अनुपात में रकम देनी होगी !
● सभी संस्थानों को अपने कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा !
● 20 से ज्यादा श्रमिक वाले संस्थानों को ऑनलाइन पोर्टल पर नियुक्तियों की संख्या सरकार को बतानी होगी, जिससे लोग रोजगार के सही आंकड़े और अवसर से अवगत होते रहेंगे !
●पहली बार माइग्रेंट वर्कर्स के लिए प्रावधान लाये गए हैं ! 18000 तक आमदनी वाले प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा देना साथ ही वर्ष में एक बार घर जाने का किराया भी देना अनिवार्य होगा !
● गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए पहली बार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का प्रावधान किया है ! मतलब जोमैटो, ओला, फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन सेक्टर के वर्कर पर भी ये सारे प्रावधान लागू होंगे !
● Unorganised सेक्टर के मजदूरों के लिए एक बोर्ड बनाया जाएगा जो उनकी सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कामकाज की देखरेख करेगी !
● मजदूरों का वर्ष में एक बार हेल्थ चेकअप करना होगा !
● वेतन को डिजिटल फॉर्म में यानी खाते में देना होगा ! इससे निम्न वेतन संबंधित शिकायतों का पूरा लेखा जोखा रखा जा सकेगा !
ई- इंस्पेक्शन की बात कही गयी है जो पूरी तरह फेसलेस और वेब बेस्ड होगी ! अभी खासकर केंद्रीय श्रम कानूनों में तो इंस्पेक्टर राज पर पूरी तरह से पाबंदी है लेकिन राज्य सरकारों में तैनात श्रम विभाग के अफसरों द्वारा व्यापारियों को प्रताड़ित किया जाता था उन पर भी लगाम लगाई गई है और वे बिना अनुमति के संस्थानों में नहीं जा सकेंगे !
~ Ashwani Kumar
10 September 2020
● मुम्बई की लक्ष्मीबाई ●
03 September 2020
● बेरोजगार की आवाज ●
22 August 2020
● नचनिया गैंग ●
12 August 2020
कृष्ण अवतार 🚩🚩🚩
श्रीकृष्ण लीलाओं में सर्वोत्तम हैं !
बाल कृष्ण की मनमोहक लीलायें गोपियों के सहृदय है !
माखनचोर गोपाल की अठखेलियां आज भी काफी मनमोहक लगती है ! वृद्ध से बच्चे तक बाल कृष्ण को दुलार की दृष्टि से ही देखते हैं ! माताएं बच्चों के समान समझ पूजती..
कृष्ण देवकीनंदन भले ही हों मगर यशोदा का नंदलाल उन्हें मोरपंख जैसा सुशोभित करता है ! बांसुरी की धुन से मथुरा को नाचने वाले एवं शेषनाग के फन पर खुद नाचने वाले कृष्ण की लीलायें अपार हैं !
श्रीकृष्ण का नारायण अवतार होना कुरुक्षेत्र में सिद्ध होता है ! विराट स्वरूप वाले श्रीमन नारायण का साक्षात दर्शन अपने आप में सम्पूर्ण ब्रह्मांड का दर्शन है !
ततपश्चात नारायण के गीता का उपदेश युगों युगांतर तक प्रकाशपुंज बना है ! धर्म एवं सत्य के मार्ग को दिशा दिखाने वाले द्वारिकाधीश हमेशा मानव कल्याण के अग्रदूत रहे हैं !
श्रीकृष्ण ने धर्म के मार्ग पर चलकर सत्य की जीत हेतु कूटनीति का सहारा लिया ! कूटनीति का द्वापर से ही है, श्रीकृष्ण ने तो केवल इसका प्रयोग धर्म की रक्षा के लिए किया !
गीता हमारे धर्म का पुंज है, हम न केवल श्रीकृष्ण की बांसुरी बजाते अवतार में प्रेम दर्शन को पूजते बल्कि इसी नारायण के सुदर्शन चक्र और गदा के आगे नतमस्तक हो जाते हैं !
धर्म से संसार है, सनातन का अहम हिस्सा श्रीकृष्ण से है ! आस्था अपने कर्म से होती है... कर्म को आस्था से सुपोषित करें..
कुटिलता का प्रयोग सत्य के लिए हो.. प्रेम में मर्यादाओं का ध्यान रहे.. शस्त्र का प्रयोग स्वयं एवं धर्म की रक्षा के लिए हो..
श्रीकृष्ण का अवतार नारायण का केवल नर अवतार मात्र नहीं था, ये समस्त संस्कृतियों एवं सभ्यताओं की जननी बनी ! नीति, मर्यादाओं एवं सहनशीलता के अलावा शक्ति प्रदर्शन का ध्येय भी सिखाती है !
इसलिए श्री कृष्ण समस्त अवतारों में सर्वोत्तम माने जाते है..
#जय_श्री_कृष्ण 🚩🚩🚩
05 August 2020
"धर्मो यतो धर्मस्ततो जयः🚩🚩
29 July 2020
●नई शिक्षा नीति 2020●
28 सालों बाद भारत में नई शिक्षा नीति लाई गई है !अब शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदलने वाली है ! 10+2 की व्यवस्था को खत्म कर 5+3+3+4 की व्यवस्था लाई गई है !यानी प्रथम 5 वर्ष कक्षा तीन तक जो अभी KG, 1 & 2 में पढ़ते हैं, उसके बाद के 3 साल कक्षा 3 से 5 एवं उसके बाद के 3 साल कक्षा 6 से 8 एवं उसके बाद के 4 साल कक्षा 9 से 12 में बांटा गया है !
● प्रथम 5 वर्ष बच्चों के मूलभूत ज्ञान पर आधारित है जिस का सिलेबस NCERT तय करेगी ! ये सिलेबस प्राथमिक और तौर पर बस्ते ढोने की परंपरा से इतर होगी ! खेल कूद, नैतिकता आदि एक्स्ट्रा करिकुलर के माध्यम से बच्चे की रुचि के अनुसार बेसिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा !●कक्षा 6 से 8 तक क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान पर अत्यधिक जोर दिया गया है ! कम से कम दो भाषाओं का ज्ञान अनिवार्य होगा ! Coding, logics आदि की शिक्षा इसी स्तर से बच्चों को दी जाएगी ताकि बुद्धिमता का विकास इसी उम्र से हो !●साथ ही सरकार ने व्यवस्था की है कि कक्षा 6 से ही बच्चों को उनके स्किल्स का इंटर्नशिप प्रदान करें ! बच्चे स्कूल या घर के पास रुचि के अनुसार किसी भी कारखाने, फैक्ट्री, शिल्प उधोग वगैरह में जाकर कामकाज को नजदीक से देखेंगे उसे समझेंगे ! ये सब पढ़ाई का हिस्सा होगा !●कक्षा 9 से 12 के बीच सब कुछ बदल चुका है ! आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम जैसी कोई बात नहीं रह जाएगी !बच्चे कोई भी विषय अपने हिसाब से चुन सकते हैं वह अगर इतिहास पढ़ना चाहता है तो साथ में एकाउंट्स, केमिस्ट्री कुछ भी पढ़ सकता है !
●बोर्ड एग्जाम्स पर भी बहुत सारी बदलाव के बाद सरकार द्वारा कही गई है ! ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव दो टेस्ट का कांसेप्ट आएगा ! जबाब रटने के बजाए रोजमर्रा की जिंदगी से जोड़कर सवाल दिया जाएगा ताकि बच्चे की आंतरिक समझ को आंका जा सके !●एक व्यापक बदलाव बच्चों की रिपोर्ट कार्ड में देखने को मिलेगा ! पहले रिपोर्ट कार्ड स्कूल के टीचर प्रिंसिपल द्वारा तैयार करके अभिभावक को दिए जाते थे ! मगर अब बच्चा उस रिपोर्ट कार्ड में खुद का असेसमेंट करेगा, उसके बाद उसके सहपाठी उसका एसेसमेंट करेंगे, तब जाकर स्कूल के टीचर्स परफॉर्मेंस, स्किल्स के आधार पर उनका रिपोर्ट कार्ड बनाएंगे !●साथ ही कक्षा 6 से ही उनके एक्स्ट्रा स्किल, जैसे किसी को डांसिंग आता है, किसी को सिंगिंग आता है, किसी को गिटार बजाने आता है, किसी को लेखन में रुचि है, किसी को खिलौने बनाने आता है, किसी को पेंटिंग आती है ! मतलब किसी भी तरह की स्किल्स बच्चे में है तो उसे रिपोर्ट में सम्मिलित किया जाएगा ! यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रूप में सहेजा जाएगा ! 12वीं के बाद बच्चे को आसानी से सारी बातें एक डाटा के रूप में उसके सामने उपलब्ध होगी की उसने क्या-क्या सीखा है, वह किस क्षेत्र में कुशलता हासिल कर सकता ! इस आधार पर वह अपने भविष्य को बेहतर ढंग से तय कर सकता है ! ●UGC को AICTE के साथ मिलकर नई बॉडी बनाई जाएगी ! कॉलेजों के लिए भी नई सुधार किए जाएंगे ! अध्यापकों के नॉलेज के हिसाब से केटेगरी बनाने की भी बात है ! बहुत सारे प्रावधान सरकार इस नई शिक्षा नीति में लाई है !
मुझे सरकार की ये नीति वास्तविक तौर पर जमीनी और दूरदर्शी लगी ! अमीर vs गरीब के बीच शिक्षा की दीवार को अनिवार्य तौर पर गिराना चाहिए ! रोजगारपरक शिक्षा की जरूरत देश में पहले से महसूस की जा रही थी ! बेरोजगारी का भयंकर दुष्चक्र इसी का परिणाम है कि शिक्षा व्यवस्था उसे अपने मन/स्किल का कोई काम नही करने देती ! बांधे रखती थी !प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने का प्रावधान स्पष्ट दिखाई नही देता है ! संभवतः जब सरकार नियम बनाएगी तो उसमें अन्य ऐसे प्रावधान भी आएंगे जो भारत के नन्हे भविष्य के लिए एक सार्थक रूपरेखा बनाकर देगी जहां बच्चे खुद के सजाये मंच पर देश की आर्थिकी को झूमा कर रख देगा !!! ❤️❤️❤️
27 July 2020
स्वागत नहीं करोगे हमारा
सेना का पराक्रम आ रहा है ! माँ भारती की रक्षा हेतु आसमान का सैन्य परिंदा आ रहा ! राफेल नामक चलता फिरता आसमानी दैत्य शान बनेगा !
बेहद एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस इस लड़ाकू विमान की खरीददार को नमन रहेगा ! सत्याग्रह से मसले हल नही होते साहब !
पूजा शस्त्र की की जाती है चरखे की नहीं !
पड़ोसी नालायक निकल जाए तो हेकड़ी निकालनी पड़ती है !
बिना अस्त्र शस्त्र ऐसे जाहिलों से नहीं निपट सकते !
नित्य नए नए हथियार लाइये ! गाजे बाजे के साथ शस्त्रों की पूजा करें ! बीच बीच में चलाकर टेस्टिंग कीजिये, देखिए जाहिलों पर कैसा मनोवैज्ञानिक असर होता है !
ठीक वैसा ही देश के साथ है ! युद्ध हो न हो मगर शक्ति प्रदर्शन बना रहना चाहिए ! पड़ोसी कितना भी ताकतवर क्यों न हो उसे दिखाइए की विषम परिस्थितियों में हम भी चोट पहुंचा सकते हैं !
युद्धाभ्यास उसी स्ट्रेटेजी का हिस्सा होती है ! भले ही सैन्य बजट का बड़ा हिस्सा उस अभ्यास में खर्च होता है मगर अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक दवाब भी बना रहता है ! ऐसे अमेरिका रूस आगे पीछे नहीं करते !
जितने भीषण साजोसामान आपके पास होंगे गांव जेवार में लोग इज्जत करेंगे ! पंचायत में रुतबा होता और लगभग अधिकांश अमीर आपकी आवभगत करते मिलेंगे !
ये वास्तविक तौर पर डिफेंस स्ट्रेटेजी है, आपकी क्षमता सेना से ही आंकी जाएगी !
सऊदी अरब बहुत अमीर है, बहुत पैसा है मगर आर्मी लेवल की नहीं है ! कौन पूछता है तेल लेने के अलावा उसे !
ईरान जुझारू है, तो वही अमेरिका डायरेक्ट कार्रवाई न करके पैंतरे से डरा रहा ! जबकि उत्तरी कोरिया पागल है, कट्टे से जोंग लौंडे ने तोप बनाने की तकनीक हासिल की, दो रोटी खुद से खाने की हैसियत नही मगर देखिए यही शहंशाह अमेरिका चरण पखार रहा !
सनातन धर्म में अस्त्र शास्त्रों की अनादि काल से प्रावधान है !
शस्त्र की देवी माँ दुर्गा हमारी आराध्य हैं ! शक्ति हमारी संस्कृति की मूल में रही है ! हमारे देवता शस्त्रों से सुसज्जित होते हैं ! स्वयं की रक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल जरूरी है !
बुद्धि में तो चिंपैंजी अव्वल है मगर जंगल का राजा शेर क्यों है ?
जंगल में जो बलवान होता, जिसकी दातें तीक्ष्ण और पंजे घातक होते वो लंबा सर्वाइव करता ! नहीं तो हिरण बनोगे तो कोई दबोच के भूख मिटा लेगा... इसलिए घातक होता आवश्यक है !
हथियार के बदौलत ही हमारी सेना है ! जितने पैसे हम सेना के लिए खर्चेंगे हमारा राष्ट्र दुनिया में उतना भौकाल कायम रखेगा !
आज राफेल है तो कल स्पेस वार वाले युद्धक विमान आएंगे ! मगर ये हथियार रहेगा तभी अस्तित्व बचेगा !
राफेल भाई, वेलकम टू इंडिया... 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
21 July 2020
जिंदादिली@सोनू सूद
मनुष्य होना और इंसान होना दोनों दो चीजें हैं !
उसी तरह #सोनू_सूद होना और सिर्फ नचनिया-बजनिया होना अलग अलग है !
जब सरकार को कुछ नही सूझ रहा था तब एक इंसान अकेले मजदूरों के लिए पहिया बन गया ! घर जाने के लिए तड़प रहे लाखों मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाया !
देखिए सोनू सूद एक अभिनेता जो फिल्मों में विलेन का रोल करता है जाहिर सी बात है कि उन्हें नकली स्टारों से बहुत ही कम मेहनताना मिलता होगा !
फिर भी उनके जज्बे उनकी हैसियत के आगे देश के अच्छे-अच्छे दिखावटी अमीर फीके पड़ गए !
आपकी करोड़ों अरबों की संपत्ति का क्या फायदा जो किसी की काम न आये ! आप अमीर हो सकतें है मगर जिंदादिल होने की गारंटी नही है !
यही मुम्बई में बैठे तमाम स्टार्स जो 2 मिनट विज्ञापन के करोड़ों वसूलते हैं, 1 रन के लाखों रुपये की वैल्यू बना बैठे हैं... क्या फायदा देश को आपसे जब जरूरत पर मुँह छुपा ले !
टैक्सपेयर हम भी हैं और आप भी ! हमसे तुम हो !
क्यों पब्लिक लुटाये तुम पर मेहनत की कमाई !
सोनू सूद इंसान है मनुष्य नहीं ! संवेदनाएं हैं इस मर्द में !
जितना पैसा है उतने में ही उसने वो कर दिखाया है जो नकली स्टार फिल्मों में ड्रामा दिखाता !
भाई ने अब किर्गिस्तान में फंसे बिहार झारखंड के छात्रों को लाने के लिए चार्टर प्लेन का इंतज़ाम किया है ! क्या फायदा हुआ अमीरों से इस देश को !
नेताओं की बात कर ही नहीं सकता, वो सर्टिफाइड वाले वो हैं !!!
मगर हम देश के लिए काम न आने वाले मनुष्यों से सवाल तो कर ही सकते हैं !
कोरोना निपट जाने दो ! सब याद रखा जाएगा...
जरूरत के वक्त काम आने वाले को सर पर बैठा लेंगे...
ताज पहना देंगे उसे...
क्योंकि घर में 1 बोरी अनाज रखने वाला अगर 2 पहर किसी को खिलाने की हिम्मत रखता है तो हमें हज़ार बोरियों वाले धनसेठ को दुतत्कारने की हिम्मत अपने आप आ जाती है !
दिल से #धन्यवाद सोनू सूद सर !
14 July 2020
नादान नेपाल
नेपाल और भारत एक दूसरे के अभिन्न अंग है !हां इनमें वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं मगर सामाजिक और धार्मिक मतभेद का प्रश्न ही नहीं उठता !किसी देश की सरकार पड़ोसी देश के साथ सामाजिक-धार्मिक ताने-बाने को अगर राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए तोड़ने की कोशिश कर रही है तो एक अलग तरीके का सनकीपन माना जा सकता है !भारत और नेपाल सदियों से ना केवल मित्र राष्ट्र रहे हैं बल्कि हर परिस्थिति में एक दूसरे के पूरक होने का गौरवान्वित इतिहास रहा है !नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियां आज अलग है वहां एक ऐसी सरकार काबिज है जो ना केवल इतिहास को किनारे रखकर चलने का प्रयास कर रही है बल्कि चीन के मोहरे बनकर भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रही है और एक के बाद एक गलत कदम भी उठा रही है !फिर भी भारत की सरकार ने किसी भी बड़े स्तर पर अब तक नेपाल के विरोध में कोई भी बयां ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई है ! ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारत और नेपाल के बीच प्रगाढ़ संबंधों का बेहद गहरा नाता रहा है !भले ही हमारे खुद के लिए जरूरी आवश्यक संसाधनों की कमी हो परंतु हमने नेपाल, बांग्लादेश, भूटान जैसे पड़ोसियों को सदियों से हमेशा जरूरी सहायता प्रदान की है ! मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने का हर संभव प्रयास किया है ! कूटनीतिक परिपेक्ष में अगर देखा जाए तो नेपाल को भारत बिजली, खाद्यान्न, तकनीक समेत उनके अधिकारियों को प्रशिक्षण भी हमारे संस्थानों में दिया जाता रहा है !मगर मुफ्तखोरी एक ऐसी चीज है जो मनोदशा को विकृत करती ही है साथ ही लालच को जन्म देती है और लालच अपराध को ! भगवान राम की जन्म स्थान से संबंधित की गयी टिप्पणी इस बात को दर्शाता है कि नेपाल के प्रधानमंत्री किस कदर चीन के आगे नतमस्तक हो चुके हैं उन्हें भारत विरोध के अलावा कुछ नहीं सोच रहा है !मगर फिर भी हम भारतवासी इन बचकाना बयानों के बावजूद भी नेपाल और नेपाल के नागरिकों के लिए तनिक भी विद्वेष की भावना नहीं रखते ! जाओ भाई राम नेपाल में जन्म लिए, सरयू नेपाल में ही है ! रामसेतु नेपाल और लंका की बीच बना ! हमने मान लिया ! बनाओ भव्य राम मंदिर नेपाल में हमलोग दर्शन के लिए जरूर आएंगे ! चंदा में देंगे अरे छोड़ो सारा पैसा इंडिया के लोग दे देंगे !माँ जानकी का जनकपुर तो विकसित भी कर नही पा रहे और बातें आसमान में पुल बना देने की...नेपाल खुद को गिरवी रखने की दिशा में बड़ा चला जा रहा है अगर बुद्धि भ्रष्ट होती है तो दिमाग काम करना बंद कर देता है ! बिल्कुल इसी अंदाज में नेपाल का राजनीतिक नेतृत्व खुद को चीन के हाथों समर्पित कर रहा है !
कालापानी और लिपुलेख पर उसका दावा है ! तुम्हारे नक्शा बना लेने से भारत की जनता को उतना ही फर्क पड़ता है जितना पाक के शांति संदेशों से !!! मतलब घंटा भी फर्क नहीं पड़ता !अपने बच्चों जैसे बयानों से नेपाल भारत का उतना ही कुछ कर लेगा जितना शेर की मांड में रहने वाले चूहे उसका बिगाड़ लेते ! फिर भी नेपाल हमारा पड़ोसी ही नहीं हमारे एक परिवार का हिस्सा है ! परिवार में कुछ लोग गलत संगति के असर में आ जाते हैं पर देर सबेर जब ठोकर लगती है तो वापस लौट आते हैं !अतः नेपाल की लापरवाही ऊपर हमें हंसी भी आती है और दया भी की सनातन संस्कृति वाले देश में इस तरह की विचारधारा का पनपना नेपाल के लिए तो एक अच्छा संकेत नहीं है !वहां की जनता सोचे विचारे और एक अच्छे प्रबुद्ध दूरदर्शी राजनेता को अपने देश का नेतृत्व दे...इसी में नेपाल और समूचे दक्षेस देशों की भलाई है !!!#जय_हिंद 🇮🇳
01 July 2020
● बाबा रामदेव बनना आसान नहीं ●
क्या हम कभी ये कल्पना कर सकते थे की कोई भगवा चोला पहने बाबा खुद ही कंपनी का डायरेक्टर, प्रोड्यूसर हीरो बनकर हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी तमाम दिग्गज कंपनी को ठिकाने लगा देगा ?
स्वामी रामदेव योग के बदौलत दुनिया में स्टारडम हासिल कर चुके हैं, वो योग जिसे कभी मूर्ख भारतीय ही मज़ाक समझा करते थे ! यूँ दाढ़ी बढ़ाकर, एक आंख छोटा करके स्वदेशी होने का हुँकार भरते बाबा इस देश के रियल आइकॉन हैं !
हमें ऐसे लोगों का बेशक अनुसरण करना चाहिए, जो सादगी-शिष्टता से राष्ट्र का संरक्षण कर रहा हो ! आसान नही है कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता झेलकर या सरकार से लड़कर एक सामान्य व्यापार भी आप चला लें, मगर बाबा ने यहां स्वदेशी साम्राज्य खड़ा कर डाला !
स्वामी रामदेव अब अम्बानी, अडानी जैसे उधोगपतियों की सूची में खड़े हो चुके हैं ! ये सच भी है कि आज आयुर्वेद की स्वीकारिता लोगों के बीच होने की वजह बाबा रामदेव हैं !
जिन्होंने लोगों में अपनी योग और आयुर्वेद के बदौलत विश्वास कायम की !
कोरोना काल में हमें बाबा रामदेव से ऐसे ही किसी चमत्कार की उम्मीद थी ! कोरोनिल पर मेडिकल माफियाओं ने जितना भी उछल कूद मचाया हो, लेकिन बाजार में पतंजलि स्टोर की अपनी विश्वसनीयता है ! लोग इसे हाथों हाथ लपक लेंगे...
स्वामी रामदेव की यह विश्वसनीयता उनके अथक परिश्रम का परिणाम है...
हमें तो गर्व करना चाहिए कि भारतवर्ष में ऐसे ऐसे योद्धा फिर से पैदा होने लगे हैं जिनके सनातन ज्ञान-विज्ञान के आगे दुनिया नतमस्तक होने को मजबूर हो रही है...
18 June 2020
● माटी के लाल हैं ये ●
जहाँ देखे फौरन जय हिंद के उद्द्घोष के साथ सैल्यूट करें ! ये मनोबल ही उनके रक्त में उबाल रखेगा...
किसी भी आर्मी के परिवार को कोई दिक्कत हो फौरन हमें मदद करना है ! बस, ट्रेन, एयरपोर्ट कही भी कोई जवान दिखे पूरे सम्मान के साथ सीट पर बिठायें !
आसान नही है मित्र सैनिक होना...
5 से 6 डिग्री में लूज़ मोशन हो जाता यहां, जबकि -40°C में बंदूक के साथ 40 kg वजन लेकर कोई महामानव ही खड़ा रह सकता !
इन्होंने 17000 ft की ऊंचाई पर लड़ाई लड़ी है ! जहां आप आसानी से सांस नही ले सकते वहाँ हमारे वीरों ने स्वाभिमान बचाया है ! युद्ध में गिनती गिनना कायरता मानी जाती है, बस परिणाम देखा जाता है ! सिकंदर के विशाल फौज के साथ पोरस का युद्ध हुआ था, पोरस की बहादुरी से डरकर विश्वेजेता की सेना ने आगे ही बढ़ने से मना कर दिया !
चीन की अवकात ही क्या है ? दुनिया का एक मैनुफैक्चरिंग हब बस !
कितनी युद्ध लड़ी है चीन ने 1962 के अतिरिक्त ? वो भी भारत की थल सेना से जिसका राजनीतिक नेतृत्व फट्टू और कमजोर लोगों के हाथों में था ! मार्शल आर्ट और कुंग फू के सिनेमैटिक एक्शन से युद्ध नही जीते जाते 4 फुटिये ! जिगरा चाहिए जिगरा !
तो सुन, ये वो भारत है जिसकी प्रतिदिन कश्मीर में युद्ध चलती है ! हमारी फौज हर दिन युद्ध करते करते पारंगत हो चुकी है !
यूँ नही हमारे 20 तुम्हारे 40 पर भारी पड़े !
हमें युद्ध का तनिक भी भय नहीं, वीर जन्मती है यहाँ की माताएं ! तिरंगे में लिपटे लाल को सलामी देती है... पिता पोते को भेजने की कसमें खाता है ! उस वीर की वीरांगना वर्दी पहने फिर लड़ने आ जायेगी... तब क्या करोगे तुम !
साम्यवादी मंसूबों को चीन तक रखो तो बेहतर है !
तिब्बत, अक्साई चीन की कसक हर हिंदुस्तानी के दिल में है ये याद रखना !
और हमरे भोले बाबा को कैलाश... अरे पैदल चल देंगे बाबा के दर्शन को... तांडव हो जाएगा पगले !!!
#जय_हिन्द 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
28 May 2020
बिहार बोर्ड का गिरता स्तर
बिहार बोर्ड मैट्रिक का रिजल्ट आया ! फिर एक गुदड़ी के लाल ने शिखर पर झंडा लहरा दिया !
बात पढ़ाई की हो और उसमें बिहार का नाम होना ही अपने आप में एक भौकाल है !
आज भले ही बिहार बोर्ड में सफलता का प्रतिशत बहुत अधिक जबरदस्ती कर दिया गया है ! लगभग सारे बच्चे पास कर दिए जाते हैं ! पहले कराए जाते थे और अब कर दिए जाते हैं ये अंतर पिछले 10-12 सालों में आया है !
पहले ढ़िबरी और लालटेन में पढ़कर बिहारी लौंडे कभी आईएएस और आईपीएस की फैक्ट्री इसी बिहार को बना देश में महफ़िल लूट ले जाते थे, जो आज प्रवासी मजदूरों की फैक्ट्री बन गई है !
बात दिमाग की हो बात बुद्धिमानी की हो तो अव्वलता हमेशा बिहार के दर्जे में ही आएगी ! 100% यूनिवर्सल ट्रुथ है की अगर अंग्रेजी लटके झटके, यो यो हनी लुक से इतर सिर्फ प्रखरता, बुद्धिमानी को पैमाना माना जाए तो कोई आसपास नही टिकता !
लगभग अधिकांश प्रतिष्ठित जॉब भोजपुरी एक्सेंट मिक्स अंग्रेजी बोलने वाले लौंडे ले उड़ेंगे ! यूँ गद्देदार घूमने वाले कुर्सियों पर बैठे, गले में गमछा डाले हम बिहारी मुखातिब हो जाएंगे !
बिहारियों के अंदर प्रतिभा का ह्वास इधर 10-12 सालों से बहुत अधिक होने लगी है ! मतलब सोचिये कि जिस राज्य को ना बिजली नसीब हो, सड़क, टेलीविजन, रेडियो,अच्छी किताबें, अच्छे स्कूल इन सबों से दूर-दूर तक कोई वास्ता ना हो उसके बावजूद भी यह हमारा स्वर्णिम बिहार यूपीएससी का झंडाबरदार हुआ करता था !
बिहार बोर्ड का अपना जलवा था भाई ! 20 से 30 फीसदी सक्सेस रेट होता था मैट्रिक में पहले ! थर्ड पास होने वाला सीना तान कर 10 गांव में जा सकता था !
परंतु बदलते परीक्षाओं के पैटर्न ने बच्चों के अंदर पढ़ाई की जगह सिर्फ अंक आधारित बना कर रख दिया ! हम CBSE के नक्शेकदम पर क्यों चलने का प्रयास कर रहे हैं ? घोड़े की तरह इनका नाल क्यों ठुकवा रहे ?
आज क्या हम अधिकांश बच्चों को जबरन पास नही करा रहे !
उसमें भी इतनी बेहद निम्न स्तर की परीक्षा प्रणाली जिसमें सिर्फ बिना बौद्धिक ज्ञान को समझे-परखे सिर्फ ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के सहारे उसे जबरदस्ती पास कर दिया जा रहा ! क्या यह हमारी जड़ों को खोखला नहीं कर रहा ?
किस आधार पर हम 15.5 लाख में कुल 80.59% छात्रों को धकेलकर आगे बढ़ा रहे हैं ? स्कूलों की बदहाली और शिक्षकों की अयोग्यता को ढकने का ये प्रयास गंभीर चुनौती खड़ी करेगा !
मतलब साफ है कि हम अपने भविष्य को पढ़ने को प्रेरित करने, बौद्धिक समझ विकसित करने की जगह उसे बेरोजगारी के इस दुष्चक्र में फंसाने का तानाबाना बुन रहे !
बिहार के पास है ही क्या खोने को, बचा जो झारखण्ड को दान कर दिया, कुछ भैंसिया चारा खा गई और बाकी तमंचे के दम पर नाम बुरा डाला ! अब प्रवासी बनकर इधर उधर लतियाये जा रहे ! एक ही तगमा था प्रतिभा का, दिमाग का, बुद्धि का वो भी खत्म करने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है...
22 May 2020
बिहार बेकार है क्या ?
#Industryinbihar
हमारा अनमोल बिहार बेकार है क्या ? इस लॉक डॉन में बिहार के प्रवासी मजदूरों कि जो हकीकत मीडिया के माध्यम से हम तक पहुंची उसने हमारे रोंगटे खड़े कर दिए !
वाकई देश को राजनीति का पाठ पढ़ाने वाला बिहार क्या राजनीतिविहीन हो चुका है ? क्या रोजगार और मजदूरों के मसले पर हमारा प्रदेश बिल्कुल असक्षम हो चुका है ?
15 साल हमने एक पिछड़े के नाम पर बागडोर सौंपी लेकिन उसने दगा दिया तो हम बिहारियों ने पलटवार करते हुए एक साफ-सुथरी छवि वाले जमीनी नेता को बिहार के सिर पर विराजा !
मगर इन 15 सालों में राजनीति, वाहवाही के अलावा रोजगार और उद्योग धंधों के मसले पर कोई खासी प्रगति दिखाई नहीं दी !
लोग यूं ही ट्रेनों में शौचालय तक में भर भर कर दिल्ली मुंबई सूरत कमाने जाते रहे! बिहार की श्रम शक्ति दूसरे राज्यों की तरक्की में अपना खून पसीना सींचती रही ! लेकिन शायद केंद्र और राज्य सरकार को इसकी कोई भनक तक नही थी !
अपना पेट भरा हो न साहेब तो दूसरे की भूख की आह सुनाई नही देती !
मान लिया हमने कि आपकी पिछली सरकार जिन्होंने 15 साल बिहार में राज्य किया उसने लूट खंसोट कर उद्योग धंधों समेत लगभग तमाम रोजगार की संभावनाओं को खत्म कर दिया !
मगर आपने इन 15 सालों में उसे जीवंत करने की कोशिश क्यों नहीं की ?
झारखंड का बंटवारा हुआ, सारे प्राकृतिक खनिज संसाधन झारखंड के हिस्से चले गए और बिहार को ठेंगा मिला !
चूंकि बिहार एक लैंडलॉक्ड स्टेट है सो कोई व्यापारिक कंपनियों के यहां उद्योग धंधे बसाने की कोई संभावना है दूर-दूर तक तो दिखती नहीं है !
टैक्स में कोई छूट देते नही हो आप ! दारूबाजी की तिकड़म में राज्य का खजाना खाली कर चुके हो ! नौकरियों में स्थानीय आरक्षण लागू करने की जगह गैर बिहारियों को खैरात बाँट रहे हो !
नौकरी दी भी कितनी है शायद नौकरियां बिहार में खरीदी जाती है !
100 तरह की योजनाएं बना डाली !
नाली गली पेयजल, ये निश्चय वे निश्चय, मगर लांग टर्म रोजगार कहाँ दी ये बताइये ! मनरेगा में मजदूर काम कर रहा लेकिन 2 महीने में सड़क बन गयी, नहरें तालाब खुद गयी फिर.... बेरोजगार बना दोगे ! ये मजदूरों के पलायन की मुख्य वजह यही है !
उद्योग-धंधे को बढ़ावा नही मिल रहा !
आदमी कहाँ जाए... ?
प्रति व्यक्ति आय न्यूनतम है महाशय यहां की ! केंद्र क्यों सोचेगा आपको स्पेशल स्टेटस के लिए ? माइग्रेंट्स वर्कर्स यहाँ की ताकत है ! अब यूज़ कीजिये, ये कोरोना शायद बिहार के लिए गेम चेंजर साबित हो ! नही तो बिहार पिछला था, है और आगे रहेगा इसकी भी संभावनाएं प्रबल है !
मजबूर कीजिये उद्योगपतियों को !
एक बेहतर रणनीति तैयार करनी होगी बिहार के किसी हिस्से में एक बड़ा सा स्पेशल इकोनामिक जोन बनाना होगा, केंद्र सरकार को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है !
इसलिए कड़े नीतिगत फैसले लेने की जरूरत है राज्य के स्तर पर ! मगर बिना केंद्र के तो संभव नहीं दिखाई देता है !
राज्य का राजस्व बहुत ही खराब और दयनीय स्थिति में है !शराबबंदी से कुछ हासिल नहीं कर पाए सिवाए वाहवाही के मगर अब सोचना होगा !
बैंकों से जबरदस्ती कर्ज दिलवाइये उद्योगों को ! यहाँ के लोगों के जमा पैसे से अन्य राज्यों के उद्योगपतियों को लोन देकर NPA करवा ले रहा ! यहां की जमा राशि की तुलना में पैसे देने के लिए बाध्य कीजिये ! सारी लाईसेंस व्यवस्था ऑनलाइन करिये !
सड़कों पर पैदल चलती हमारी श्रम शक्ति और इस देश की आन बान और शान नारी शक्ति जो अपने बच्चे को बैग पर लादकर नंगे पांव सड़कों पर चलती दिखी क्या यही हमारे हिंदुस्तान में बिहारियों का अस्तित्व है ???
#Indusryinbihar
01 May 2020
बिहार अभी जिंदा है...
बिहारी जो अपनी मेहनत से सींचता है हमारी अर्थव्यवस्था को, तराशता है अमीरों के हर शौक को ! मगर वो बेबस ही क्यों होता है ??
मजबूरी उसे अशिक्षित पैदा करती है और जीवनपर्यंत अशिक्षित ही छोड़ देती है ! गरीबी उसमे भूख पैदा करती है और हमारा सिस्टम जब उसे भूखा ही छोड़ देता है तब यही मजदूर शब्द खलनायक बनकर मानवता को जलील करता है !
ये जो आजकल अपने सिर पर बोरे लादे, कंधे पर बैग टाँगकर दिल्ली से बिहार की तरफ कूच कर रहे हैं न, यही हमारे राष्ट्र के कर्ताधर्ता हैं !
हमारे बच्चों के खिलौने, आइसक्रीम के शौक यही तो पूरे करते हैं ! हमारे घर बनाने के अरमानों को यही तो तराशते हैं !
जिस जीडीपी के नगाड़े हम दुनिया भर में बजाते हैं न, ये उसके सिरमौर हैं !
माथे पर रखी इनकी गठड़ी, उनके अंदर भूख से हाँफ रहा हुनर और आंसू बनकर छलक रहा खौफ देखकर पत्थर भी पिघल गए...
शब्दविहीन कर दिया इस दृश्य ने !
अमीरों के ईमान को तार तार कर दिया, जो इन मेहनतकश को दो रोटी खिला रख नहीं पाए ! किस बात का मेट्रोसिटी.. किस चीज की आधुनिकता ? उस शिक्षा का क्या फायदा जो आपने कान्वेंट से लाखों खर्च कर ली ? जो दो वक्त की रोटी की गारंटी नही दे पाए !
ये अशिक्षित हैं मगर मूर्ख नहीं ! इनके बाप दादाओं ने आपके जैसे संपत्ति छोड़ नही गए थे ! खैरात पर नहीं पले ! मजदूरी कर बीबी बच्चों का पेट पाला !
ये आपके जैसे विदेश घूम कर बीमारियां नही लाते ! ये इसी मिट्टी पर आपकी फ़ैक्टरियों में मेहनत करते और बस जिंदा रहते हैं !
इनकी वजह से आपका चकाचौंध है.. ओला, उबेर, रेस्त्रां है.. आपकी मंडी है.. आपके बच्चे का स्कूल बस है.. आपकी सोसाइटी की सुरक्षा है.. आपके बन रहे फ्लैट्स हैं.. और इनके दम पर आपकी फैक्ट्री चल रही..
मगर आप कायर निकले !
ये मजबूर हैं, पता हैं क्यों ? क्योंकि ये राजनीतिक महत्वकांक्षा के शिकार हुए लोग हैं.. राजनीति ने इनके बिहार को लहूलुहान कर रखा है ! इनके अधिकारों का गला घोंट दिया गया है..
ये बुद्ध की धरती से हैं, नालंदा विश्विद्यालय के प्रकाश से प्रस्फुटित अतीत के वंशज हैं ये !
आकर देख लो बिहार की सड़कों पर.. मानवता की सेवा कैसे की जाती है !! दया, करुणा हर बिहारी में जिंदा है.. अभी बिहारी नौजवान जिंदा है...
---30/03/2020---
22 March 2020
बिहार दिवस
जाहिलों से खतरा
16 March 2020
डंडे की ताकत
सशस्त्र सेनाओं की ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनर के डंडे का बेहद अहम रोल होता है ! यह डंडा तराशता है हमारी फौज को और उन्हें वीरता निडरता से सिंचित करती हैं !
सशस्त्र बलों का तगड़ा अनुशासन और ट्रेनिंग का परचम बॉर्डर पर बिखरता मिलता है ! इन्हें चट्टानों से फौलाद बनाया जाता है !
वीरता की अग्नि में तपकर रियल हीरो की माफिक बैटल्स ग्राउंड में जलवा दिखाते हैं !
सीधी एवं सरल शब्दों में कहें तो पुलिस के माध्यम से !
लोग पुलिस से क्यों डरते हैं ?
लोग पुलिस ने नहीं बल्कि उसके डंडे से डरते हैं, कानून के प्रावधानों से डरते हैं !अराजकता को दूर करने का सबसे साधारण उपाय है सख्ती बरतने का ! कानून एवं उसके प्रावधान, सरकारें डंडे के बल पर नागरिकों पर लागू करती है ! अन्यथा अव्यवस्था का वातावरण कुव्यवस्था को जन्म देगी निश्चित तौर पर हिंसा पर ही समाप्त होती है !
जैसे हम कुत्ते जैसे जानवरों को अगर ट्रेंड कर 'स्निफर डॉग' बना सकते, घोड़े को नियंत्रित कर सशस्त्र दस्ते में शामिल कर सकते, तो मनुष्य जैसे समझदार प्राणी को व्यवस्था के साथ चलने को बेशक बाध्य कर सकते हैं ! मगर बिना भय के प्रीति नहीं होती !
जो लोग बच्चे में अनुशासन पैदा करने के प्रयत्न को हिंसा का नाम देते हैं वे निश्चित तौर पर ही किसी पाश्चात्य विकृति का शिकार है ! नहीं तो भारत जैसे विकासशील देश कुल बजट का 20% रक्षा पर क्यों ख़र्चता है ?
दुनिया के तमाम देशों के बीच हथियारों की खरीदी की होड़ क्यों लगी रहती है ?
मतलब शासन का मूल ही अनुशासन है !
प्राचीन राजाओं और आज तक की सरकारें डंडे के बल पर ही शासन करते आएं हैं ! विदेशी आक्रमणकारियों की आततायी बर्बरता ने ही भारतवर्ष जैसे गौरवशाली अतीत को कलंकित किया है !
जिस देश की पुलिस मजबूती से देश के अंदर शांति स्थापित रखती है वह राष्ट्र उतनी ही तेज प्रगति कर सकता है !
भारत के परिपेक्ष में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जहां एक पुलिसकर्मी पर लगभग 663 नागरिकों का दायित्व है !
कुल 130 करोड़ की विशाल आबादी एवं सुदूर भौगोलिक विविधताओं के बावजूद भी हम प्रगति कर रहे हैं तो स्पष्ट है कि हम सभ्य नागरिक होने का दायित्व बखूबी निभा रहे हैं चाहे डंडे के डर से निभा रहे हैं या इंसान होने के नाते मगर निभा जरूर रहे हैं...
धन्यवाद !!!